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सूरजपुर: शक्कर कारखाने में हादसा, एक मजदूर की मौत, तीन घायल - Accident in sugar factory

मां महामाया शक्कर कारखाना में हुए हादसे में 4 मजदूर घायल हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई. कारखाना के मालिक और SECL प्रबंधन एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

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शक्कर कारखाना
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Published : May 20, 2020, 12:48 AM IST

Updated : May 20, 2020, 3:25 PM IST

सूरजपुर : मां महामाया शक्कर कारखाना केरता में 1 हफ्ते में तीन मजदूर घायल हो गए. इनमें से दो की स्थिति सामान्य है. वहीं एक मजदूर की मौत हो गई है. शक्कर कारखाना में पिछले कुछ दिनों में अकस्मात दुर्घटनाओं को लेकर प्रबंधक चिंतित है. तीन-चार दिन पहले यहां करवरी गिरने से एक घायल मजदूर संजय की स्थिति गंभीर हो गई थी, उसे इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है.

शक्कर कारखाने में हादसा

वहीं प्रबंधन दुर्घटनाओं को लेकर काफी चिंतित भी है और इसका आरोप SECL पर लगा रहा है. शक्कर कारखाना से 500 मीटर दूरी पर एसईसीएल की नई खदान महान तीन है, जहां कोयला खनन के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. इसके कंपन से फैक्ट्री में भी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें : ईटीवी भारत से एसईसीएल के केंद्रीय महासचिव हरिद्वार सिंह की विशेष बातचीत

'दुर्घटना चिंता का विषय'

वहीं शक्कर कारखाने के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह ने बताया कि, 'मजदूरों के साथ होने वाली दुर्घटना चिंता का विषय है. महान 3 में होने वाली ब्लास्टिंग की वजह से ही ऐसी घटना का होना संभव हो सकता है. शुगर फैक्ट्री की दीवारों में भी डेकोरेशन की वजह से दरारें आ गई हैं, जिससे मस्जिदों में भी प्रभाव पड़ रहा है. हमने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से और भटगांव एसईसीएल प्रबंधन से भी की है पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण चिंता बनी हुई है. शिकायत के बाद SECL प्रबंधन ब्लास्टिंग होने वाली वाइब्रेशन मापने वाली मशीन लेकर आए थे पर उस समय उनके हिसाब से सब कुछ ठीक बताया जा रहा था. लेकिन अभी भी ब्लास्टिंग से होने वाले कंपन बहुत खतरनाक हैं, जिससे भविष्य में घटनाएं फिर से हो सकती हैं'.

'ब्लास्टिंग और दुर्घटना की टाइमिंग में कुछ सेकंड का अंतर'

SECL प्रबंधन पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए महामाया शक्कर कारखाने के उपाध्यक्ष जितेन दुबे ने बताया कि, 'पिछले कई सालों से शक्कर कारखाना संचालित है. कभी ऐसी घटना नहीं घटी. वहीं महान 3 खदान को शुरू हुए 1 साल हुए हैं, जिसके कारण घटनाएं बढ़ी हैं. ब्लास्टिंग होने की टाइमिंग और हमारे फैक्ट्री में दुर्घटना होने की टाइमिंग से कुछ ही सेकंड का अंतर है. ब्लास्टिंग होने के बाद कंपनी से आस-पास के गांव में लगे बोर्ड जमीन पर गिर जाते हैं. शक्कर फैक्ट्री की ओर से पत्र के माध्यम से एसईसीएल केजीएम को कई बार अवगत कराया जा चुका है. अब तक इस पर कोई भी जवाब नहीं मिला है'.

SECL ने शक्कर कारखाने के आरोपों को खारिज किया
शकर कारखाने के आरोपों को निराधार बताते हुए एसईसीएल महा प्रबंधन शशांक मोहन झा ने बताया कि, हमें किसी दुर्घटना की जानकारी नहीं है. हमारे किसी भी काम से शुगर फैक्ट्री का कोई लेना-देना नहीं है और ब्लास्टिंग का एक पैरामीटर तय है. जिसका हमारे पास आदेश है. वाइब्रेशन की भी लिमिट तय है जिस वजह से ऐसी दुर्घटना होना नामुमकिन है'.

सूरजपुर : मां महामाया शक्कर कारखाना केरता में 1 हफ्ते में तीन मजदूर घायल हो गए. इनमें से दो की स्थिति सामान्य है. वहीं एक मजदूर की मौत हो गई है. शक्कर कारखाना में पिछले कुछ दिनों में अकस्मात दुर्घटनाओं को लेकर प्रबंधक चिंतित है. तीन-चार दिन पहले यहां करवरी गिरने से एक घायल मजदूर संजय की स्थिति गंभीर हो गई थी, उसे इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है.

शक्कर कारखाने में हादसा

वहीं प्रबंधन दुर्घटनाओं को लेकर काफी चिंतित भी है और इसका आरोप SECL पर लगा रहा है. शक्कर कारखाना से 500 मीटर दूरी पर एसईसीएल की नई खदान महान तीन है, जहां कोयला खनन के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. इसके कंपन से फैक्ट्री में भी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें : ईटीवी भारत से एसईसीएल के केंद्रीय महासचिव हरिद्वार सिंह की विशेष बातचीत

'दुर्घटना चिंता का विषय'

वहीं शक्कर कारखाने के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह ने बताया कि, 'मजदूरों के साथ होने वाली दुर्घटना चिंता का विषय है. महान 3 में होने वाली ब्लास्टिंग की वजह से ही ऐसी घटना का होना संभव हो सकता है. शुगर फैक्ट्री की दीवारों में भी डेकोरेशन की वजह से दरारें आ गई हैं, जिससे मस्जिदों में भी प्रभाव पड़ रहा है. हमने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से और भटगांव एसईसीएल प्रबंधन से भी की है पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण चिंता बनी हुई है. शिकायत के बाद SECL प्रबंधन ब्लास्टिंग होने वाली वाइब्रेशन मापने वाली मशीन लेकर आए थे पर उस समय उनके हिसाब से सब कुछ ठीक बताया जा रहा था. लेकिन अभी भी ब्लास्टिंग से होने वाले कंपन बहुत खतरनाक हैं, जिससे भविष्य में घटनाएं फिर से हो सकती हैं'.

'ब्लास्टिंग और दुर्घटना की टाइमिंग में कुछ सेकंड का अंतर'

SECL प्रबंधन पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए महामाया शक्कर कारखाने के उपाध्यक्ष जितेन दुबे ने बताया कि, 'पिछले कई सालों से शक्कर कारखाना संचालित है. कभी ऐसी घटना नहीं घटी. वहीं महान 3 खदान को शुरू हुए 1 साल हुए हैं, जिसके कारण घटनाएं बढ़ी हैं. ब्लास्टिंग होने की टाइमिंग और हमारे फैक्ट्री में दुर्घटना होने की टाइमिंग से कुछ ही सेकंड का अंतर है. ब्लास्टिंग होने के बाद कंपनी से आस-पास के गांव में लगे बोर्ड जमीन पर गिर जाते हैं. शक्कर फैक्ट्री की ओर से पत्र के माध्यम से एसईसीएल केजीएम को कई बार अवगत कराया जा चुका है. अब तक इस पर कोई भी जवाब नहीं मिला है'.

SECL ने शक्कर कारखाने के आरोपों को खारिज किया
शकर कारखाने के आरोपों को निराधार बताते हुए एसईसीएल महा प्रबंधन शशांक मोहन झा ने बताया कि, हमें किसी दुर्घटना की जानकारी नहीं है. हमारे किसी भी काम से शुगर फैक्ट्री का कोई लेना-देना नहीं है और ब्लास्टिंग का एक पैरामीटर तय है. जिसका हमारे पास आदेश है. वाइब्रेशन की भी लिमिट तय है जिस वजह से ऐसी दुर्घटना होना नामुमकिन है'.

Last Updated : May 20, 2020, 3:25 PM IST
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