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सूरजपुर में सचिव संघ की बेमियादी हड़ताल जारी

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Published : Dec 26, 2020, 7:33 PM IST

सूरजपुर में सचिव संघ की बेमियादी हड़ताल जारी है. प्रदेश में सचिवों ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं.

strike of the Secretary's Union began
सचिव संघ की बेमियादी हड़ताल

सूरजपुरः जिले के पंचायत सचिवों ने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़तात शुरू कर दिया है.ग्राम पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जिला पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष इंद्रपाल तिवारी के नेतृत्व में यह हड़ताल शुरू हुई. सचिव संघ ने मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी है.

सचिव संघ की बेमियादी हड़ताल

प्रतापपुर के जनपद पंचायत प्रांगण में पूरे ब्लॉक के सचिव कलम बंद हड़ताल पर बैठे हैं. धरने में शामिल सचिवों ने सरकार को चेतावनी भरी आवाज में अपनी मांग को जायज ठहराया.सचिवों ने दो वर्ष के बाद प्रोबेशन अवधि समाप्त होने पर सचिवों को शासकीय कर्मी का दर्जा देने की मांग की है. 25 वर्ष से लगातार कार्य करने के बावजूद अन्य आर्थिक विषयों की अनदेखी करने का भी सरकार पर आरोप लगाया.वहीं पंचायत सचिवों के साथ कार्यरत कर्मियों को सरकार ने नियमित कर दिया है.

पढ़ें- जांजगीर-चांपा: नियमितीकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिव संघ डभरा ने ज्ञापन सौंपा, 26 दिसंबर को कलम बंद हड़ताल की चेतावनी

1995 से काम कर रहे हैं पंचायत सचिव

बता दें कि 1995 से सचिवों ने महज 500 रुपए मासिक वेतन पर काम किया है.बीते 25 वर्षों में सचिवों को कई शासकीय सुविधाओं से मना किया गाय है. सचिवों को अनुग्रह राशि मात्र 25 हजार रुपए प्रदान की जाती है. जबकि दूसरे विभाग के कर्मियों को उक्त राशि 50 हजार रुपये दी जाती है.इन्हें अंशदायी पेंशन योजना से भी दूर रखा गया है. सभी सचिवों ने जल्द से जल्द मांगें पूरी करने की बात कही है. ऐसा नहीं होने की सूरत में हड़ताल और तेज करने की बात कही है.

सूरजपुरः जिले के पंचायत सचिवों ने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़तात शुरू कर दिया है.ग्राम पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जिला पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष इंद्रपाल तिवारी के नेतृत्व में यह हड़ताल शुरू हुई. सचिव संघ ने मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी है.

सचिव संघ की बेमियादी हड़ताल

प्रतापपुर के जनपद पंचायत प्रांगण में पूरे ब्लॉक के सचिव कलम बंद हड़ताल पर बैठे हैं. धरने में शामिल सचिवों ने सरकार को चेतावनी भरी आवाज में अपनी मांग को जायज ठहराया.सचिवों ने दो वर्ष के बाद प्रोबेशन अवधि समाप्त होने पर सचिवों को शासकीय कर्मी का दर्जा देने की मांग की है. 25 वर्ष से लगातार कार्य करने के बावजूद अन्य आर्थिक विषयों की अनदेखी करने का भी सरकार पर आरोप लगाया.वहीं पंचायत सचिवों के साथ कार्यरत कर्मियों को सरकार ने नियमित कर दिया है.

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1995 से काम कर रहे हैं पंचायत सचिव

बता दें कि 1995 से सचिवों ने महज 500 रुपए मासिक वेतन पर काम किया है.बीते 25 वर्षों में सचिवों को कई शासकीय सुविधाओं से मना किया गाय है. सचिवों को अनुग्रह राशि मात्र 25 हजार रुपए प्रदान की जाती है. जबकि दूसरे विभाग के कर्मियों को उक्त राशि 50 हजार रुपये दी जाती है.इन्हें अंशदायी पेंशन योजना से भी दूर रखा गया है. सभी सचिवों ने जल्द से जल्द मांगें पूरी करने की बात कही है. ऐसा नहीं होने की सूरत में हड़ताल और तेज करने की बात कही है.

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