सूरजपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए पंचायत सचिवों को कई जिम्मेदारियां दी गई है. लेकिन अधिकारियों के निर्देशों का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. जनपद पंचायत प्रतापपुर का सचिव मुख्यालय से दूर किसी गांव में जा कर रह रहे हैं. दो-चार पंचायतों को छोड़ कर अब तक किसी भी पंचायत में बेरिकेटिंग नहीं लगाई गई है. जिससे यहां बाहरी लोगों का आना और पंचायत के लोगों का बाहर जाना लगातार जारी है.
प्रतापपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों की थोक दुकान से किराना सामान लाने, स्थानीय दुकानदारों को परमिट जारी करने, असहाय लोगों को राशन भोजन उपलब्ध कराने जैसे कोई भी कार्य यहां पूरे नहीं हो रहे हैं. सचिव अपनी जिम्मेदारी से भागकर गांव में जा बसे हैं. सचिव अपनी जिम्नेदारी फोन पर सरपंचों को थोप रहे हैं.वहीं पंचायतों में बेरिकेटिंग नहीं होने से कई ऐसे लोग वापस आए जो दूसरे राज्य में काम करने के लिए गए हुए थे. इसकी जानकारी भी किसी अधिकारी को नहीं दी गई है.
मंत्री प्रतिनिधि ने की अधिकारियों से बात
मूलभूत और चौदहवां वित्त आयोग से आवश्यकता पड़ने पर खर्च के लिए निर्देश हैं. लेकिन किसी पंचायत में अब तक यह व्यवस्था नहीं हुई है. दूसरी तरफ पूर्व सरपंचों और सचिवों ने चौदहवें वित्त आयोग की राशि में फर्जीवाड़ा कर खत्म करने की बातें भी सामने आ रही है. स्थिति को लेकर मंत्री प्रतिनिधि कुमार सिंह देव ने एसडीएम सीएस पैंकरा औक सीईओ मो. निजामुद्दीन से बात कर निरीक्षण और निर्देशों का पालन कराने कहा है.
जरूरतमंदों की करें मदद
कुमार सिंह देव ने बताया कि 'उन्होंने अपने कार्यकताओं से भी आग्रह किया है, कि वे अपने ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव और पंचगण से मिलकर जरूरतमंद लोगों को राशन पहुंचाने में मदद करें. अभी प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 2 क्विंटल चावल, 25 किलो दाल दिया गया है. जरूरत पड़ने पर और राशन सामग्री भेजा जाएगी. आगामी कुछ दिनों के अंदर राशन कार्डधारियों को दो महीने का राशन दिया जाएगा. राशन वितरण टोकन के माध्यम से किया जाएगा.'