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OMG ! सूरजपुर में ठगों ने मुर्दों को भी नहीं छोड़ा, ठगी की इस वारदात ने पुलिस के भी होश उड़ाए ! - फर्जी वसीयत

Surajpur crime news: सूरजपुर में मुर्दा को जिंदा कर फर्जी वसीयत तैयार करने का मामला सामने आया है. मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की तलाश जारी है.

land fraud in Surajpur
सूरजपुर में फिल्मी अंदाज में धोखाधड़ी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2024, 7:20 PM IST

मुर्दा को जिंदा बता कर बनाया वसीयत

सूरजपुर: जिले में जमीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि 4 लोग अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. आरोपियों ने फिल्मी स्टाइल ने जमीन की रजिस्ट्री कराकर धोखाधड़ी की है. मरे हुए शख्स को जिंदा बताकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है.

जानिए क्या है पूरा मामला: ये पूरा मामला सूरजपुल जिले के डुमरिया गांव का है. यहां सुखिरन दास ने जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत 9 जून को पुलिस अधीक्षक से की थी. मामले की गंभीरता से देखते हुए पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलीसेला ने एक टीम का गठन किया. टीम ने मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शिवा पनिका जिसकी मौत साल 1989 में चिरमिरी में हो चुकी थी. सब कुछ जानते हुए भी डुमरिया के सरपंच लोकनाथ राजवाड़े और सचिव पारस राजवाड़े ने अन्य 5 लोगों के साथ मिलकर मृतक को कागजों पर जिंदा कर दिया. फिर मृतक की प्रॉपर्टी को हासिल करने के लिए उसका फर्जी वसीयत आरोपी रामवृक्ष यादव के नाम पर तैयार किया. उस प्रॉपर्टी को आरोपियों ने सचिव पारस राजवाड़े के रिश्तेदार को बेच दिया. इसके बाद आरोपियों ने फिर से मृतक का एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना डाला.

शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सरपंच सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. फिलहाल अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. सभी की तलाश जारी है. वहीं, पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. वहीं, इस तरह के मामले से साफ होता है कि कहीं न कहीं कानून व्यवस्था के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खिलवाड़ हो रहा है.

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जानिए क्या है पूरा मामला: ये पूरा मामला सूरजपुल जिले के डुमरिया गांव का है. यहां सुखिरन दास ने जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत 9 जून को पुलिस अधीक्षक से की थी. मामले की गंभीरता से देखते हुए पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलीसेला ने एक टीम का गठन किया. टीम ने मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शिवा पनिका जिसकी मौत साल 1989 में चिरमिरी में हो चुकी थी. सब कुछ जानते हुए भी डुमरिया के सरपंच लोकनाथ राजवाड़े और सचिव पारस राजवाड़े ने अन्य 5 लोगों के साथ मिलकर मृतक को कागजों पर जिंदा कर दिया. फिर मृतक की प्रॉपर्टी को हासिल करने के लिए उसका फर्जी वसीयत आरोपी रामवृक्ष यादव के नाम पर तैयार किया. उस प्रॉपर्टी को आरोपियों ने सचिव पारस राजवाड़े के रिश्तेदार को बेच दिया. इसके बाद आरोपियों ने फिर से मृतक का एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना डाला.

शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सरपंच सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. फिलहाल अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. सभी की तलाश जारी है. वहीं, पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. वहीं, इस तरह के मामले से साफ होता है कि कहीं न कहीं कानून व्यवस्था के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खिलवाड़ हो रहा है.

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