ETV Bharat / state

SPECIAL: संसाधनों की कमी और नेटवर्क की समस्या के बीच कैसे साकार होगा 'पढ़ई तुंहर दुआर' का सपना - surajpur news

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 'पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल' की शुरुआत की थी, लेकिन सूरजपुर जिले में संसाधनों की कमी और नेटवर्क की समस्या के कारण शिक्षकों की कड़ी मेहनत के बाद रिजल्ट नहीं मिल रहा है. ऐसे में योजना के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

lack of resources during online study
पढ़ई तुंहर दुआर
author img

By

Published : Aug 9, 2020, 9:07 PM IST

सूरजपुर: कोरोना संकट के दौर में स्कूली बच्चे घर पर ही रहकर पढ़ सकें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 'पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल' की शुरुआत की थी. उद्देश्य था कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चों को स्कूल न जाना पड़े और घर पर ही उनको अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन सूरजपुर जिले में संसाधनों की कमी और नेटवर्क की समस्या के कारण शिक्षकों की कड़ी मेहनत के बाद भी रिजल्ट नहीं मिल रहा है. शहरी इलाके के साथ-साथ शहर के आसपास के इलाकों में शुरुआत में बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई में रूचि दिखाई, लेकिन नेटवर्क और मोबाइल फोन की समस्या से ऑनलाइन पढ़ाई योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में योजना के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

पढ़ई तुंहर दुआर और ग्रामीण छात्रों की परेशानी

ग्रामीण क्षेत्रों का हाल बताते हुए छात्र कहते हैं कि 'लॉकडाउन और कोरोना वायरस के उपजे हालात में मजबूरी के कारण हमें ऑनलाइन पढ़ाई करना पड़ रहा है. वर्तमान में घर पर एक ही मोबाइल है, जिसे पापा मजदूरी पर जाते समय ले जाते हैं. दूसरा मोबाइल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. इस वजह से दूसरों से मोबाइल मांग कर पढ़ाई करना पड़ता है. इंटरनेट डॉटा के लिए भी रुपये जुटाने पड़ते हैं, तब जाकर हम ऑनलाइन पढ़ाई कर पाते हैं. जिस दिन मोबाइल नहीं मिल पाता है उसके बाद हमारा कोर्स पीछे हो जाता है और हम उस सब्जेक्ट को दोबारा नहीं पढ़ पाते हैं'.

पढ़ें-कांकेर: अंतागढ़ में मोहल्ला क्लास की शुरूआत, शिक्षकों ने पढ़ाने का उठाया बीड़ा

ऑनलाइन पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भी बताया कि अप्रैल महीने में जारी ऑनलाइन कक्षाओं का सही संचालन के बाद बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पहले और अब की स्थिति में जिला काफी बेहतर स्थिति में है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या तो है, जहां नेटवर्क नहीं है चिप में जानकारी लोड कर वहां भेज कर पढ़ाई करानी पड़ती है. शिक्षकों ने भी माना कि सॉफ्टवेयर जटिलता और सीमित संसाधनों के कारण बच्चों के पढ़ाई में नुकसान तो हो ही रहा है. शिक्षकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

'जल्द दूर होंगी समस्याएं'

अधिकारियों की मानें तो राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए जिले में योजना का सुचारू रूप से संचालन हो रहा है. क्षेत्र में पढ़ई तुहर द्वार योजना के संचालन के लिए प्रयास जारी है. नेटवर्क की समस्या से भी सरकार को अवगत करा दिया गया है. इस दिशा में काम जारी है, जल्द ही समस्याओं से निजात मिल जाएगी और ग्रामीण इलाकों में भी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा उठा पाएंगे.

सूरजपुर: कोरोना संकट के दौर में स्कूली बच्चे घर पर ही रहकर पढ़ सकें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 'पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल' की शुरुआत की थी. उद्देश्य था कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चों को स्कूल न जाना पड़े और घर पर ही उनको अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन सूरजपुर जिले में संसाधनों की कमी और नेटवर्क की समस्या के कारण शिक्षकों की कड़ी मेहनत के बाद भी रिजल्ट नहीं मिल रहा है. शहरी इलाके के साथ-साथ शहर के आसपास के इलाकों में शुरुआत में बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई में रूचि दिखाई, लेकिन नेटवर्क और मोबाइल फोन की समस्या से ऑनलाइन पढ़ाई योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में योजना के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

पढ़ई तुंहर दुआर और ग्रामीण छात्रों की परेशानी

ग्रामीण क्षेत्रों का हाल बताते हुए छात्र कहते हैं कि 'लॉकडाउन और कोरोना वायरस के उपजे हालात में मजबूरी के कारण हमें ऑनलाइन पढ़ाई करना पड़ रहा है. वर्तमान में घर पर एक ही मोबाइल है, जिसे पापा मजदूरी पर जाते समय ले जाते हैं. दूसरा मोबाइल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. इस वजह से दूसरों से मोबाइल मांग कर पढ़ाई करना पड़ता है. इंटरनेट डॉटा के लिए भी रुपये जुटाने पड़ते हैं, तब जाकर हम ऑनलाइन पढ़ाई कर पाते हैं. जिस दिन मोबाइल नहीं मिल पाता है उसके बाद हमारा कोर्स पीछे हो जाता है और हम उस सब्जेक्ट को दोबारा नहीं पढ़ पाते हैं'.

पढ़ें-कांकेर: अंतागढ़ में मोहल्ला क्लास की शुरूआत, शिक्षकों ने पढ़ाने का उठाया बीड़ा

ऑनलाइन पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भी बताया कि अप्रैल महीने में जारी ऑनलाइन कक्षाओं का सही संचालन के बाद बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पहले और अब की स्थिति में जिला काफी बेहतर स्थिति में है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या तो है, जहां नेटवर्क नहीं है चिप में जानकारी लोड कर वहां भेज कर पढ़ाई करानी पड़ती है. शिक्षकों ने भी माना कि सॉफ्टवेयर जटिलता और सीमित संसाधनों के कारण बच्चों के पढ़ाई में नुकसान तो हो ही रहा है. शिक्षकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

'जल्द दूर होंगी समस्याएं'

अधिकारियों की मानें तो राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए जिले में योजना का सुचारू रूप से संचालन हो रहा है. क्षेत्र में पढ़ई तुहर द्वार योजना के संचालन के लिए प्रयास जारी है. नेटवर्क की समस्या से भी सरकार को अवगत करा दिया गया है. इस दिशा में काम जारी है, जल्द ही समस्याओं से निजात मिल जाएगी और ग्रामीण इलाकों में भी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा उठा पाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.