सूरजपुर: दरअसल पर्री निवासी पांच बहनों की लगभग एक एकड़ भूमि सूरजपुर के रिंग रोड के किनारे स्थित है. Fraud with tribal sisters in Surajpur पैसों की जरूरत के कारण बहनों ने अन्य जमीन को बेचने के लिए एक युवक से आठ लाख रुपए में सौदा तय किया था. लेकिन पांच युवकों द्वारा धोखाधड़ी कर तय हुए अन्य जमीन के बजाय रिंग रोड स्थित करोड़ों की बाजारू कीमत वाले एक एकड़ जमीन को अपने नाम करवा लिया गया. land was registered fraudulently in Surajpur जब पांचों बहनों को धोखधड़ी की जानकारी लगी, तो सूरजपुर कोतवाली थाने पहुंच कर उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज कराई और युवकों पर कार्रवाई की मांग की है. Surajpur crime news वहीं मामले पर थाना प्रभारी ने बताया कि "शिकायत की जांच की जा रही है, सभी दस्तावेजों के जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इलाके में सक्रिय हैं भू माफिया, नियमों की उड़ा रहे धज्जियां: सूरजपुर और उसके आसपास गांवों में कालोनाइजर एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां भू माफियाओं द्वारा कृषि भूमि को बिना डायवर्सन कराए ही बेचने का सिलसिला जारी है. सूरजपुर समेत महगवां, पर्री, सरनापारा, डुमरिया, पचिरा, तिलसिंवा, आदि गांवों में अवैध प्लॉटिंग कर जमीन की खरीद-बिक्री में भू माफिया मालामाल हो रहे हैं. ऐसे ही भू माफिया बगैर प्रशासनिक अनुमति के कई एकड़ कृषि भूमि को बगैर डायवर्सन कराए अवैध प्लाटिंग कर बेचने की तैयारी में हैं. वहीं आदिवासी और किसानों को झांसे में लेकर या धोखाधड़ी से कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं.
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जमीन दलालों का रेरा में पंजीयन तक नहीं: इस क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का काम जो जमीन दलाल कर रहे हैं, उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं. किसानों की खेती की जमीन का सौदा कर ये दलाल कृषि भूमि का बगैर डायवर्सन कर प्लॉटिंग कर रहे हैं. जिन्हें खुद का प्रोजेक्ट बताकर धड़ल्ले से बेरोक टोक बेचा जा रहा है. इसके लिए जमीन माफिया खुद की सड़कें भी बनवा रहे हैं. जहां लोगों को नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे में प्लाट का झांसा देकर प्लॉटिंग के अवैध कार्य को बेखौफ अंजाम दिया जा रहा है.
एकड़ के भाव में जमीन खरीदकर वर्गफीट के हिसाब से बेच रहे: जमीन दलाल असली भूस्वामियों से एकड़ के भाव में जमीन का एग्रीमेंट कर उसे वर्गफीट के हिसाब से बेचते हुए करोड़ों रुपये की चपत सरकार को लगा रहे हैं. ऐसे में दो हजार वर्गफीट से लेकर 2400 वर्गफीट तक के प्लाट लोगों को धोखे में रखकर अवैध तरीके से बेचा जा रहा है. भू माफिया जमीन मनमाने कीमत पर बिक्री कर मालामाल हो रहे हैं. इस अवैध कारोबार में कथित राजस्व अमले की भूमिका भी संधिग्ध है.
सूरजपुर में पिछले आठ-दस सालों में जमीन की हुई खरीद फरोख्त के मामले की उच्च स्तरीय टीम से जांच कराए जाने से कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है. फिलहाल पर्री जमीन धोखाधड़ी मामले में राजस्व से लेकर सूरजपुर पुलिस अमला कितना गंभीर है, यह तो धोखाधड़ी से पीड़ित बहनों को न्याय मिलने पर कहा जा सकता है.