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पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों की ली बैठक - पर्यावरण मंत्री ने राज्य में घरेलू दूषित

पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने जिलेवार निजी चिकित्सा संस्थानों और जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत ली जाने वाली प्राधिकार की विस्तार से समीक्षा की है. मंत्री मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों की बैठक ली है.

Environment Minister Mohammad Akbar
पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों की ली बैठक
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Published : Feb 28, 2021, 3:29 AM IST

रायपुर: मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों की बैठक ली है. उन्होंने बैठक में चर्चा करते हुए राज्य के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के अंतर्गत एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से प्राधिकार सुनिश्चित कराने के संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं.

पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने जिलेवार निजी चिकित्सा संस्थानों और जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत ली जाने वाली प्राधिकार की विस्तार से समीक्षा की है. उन्होंने अब तक शेष निजी चिकित्सा संस्थानों में लंबित प्राधिकार को एक माह के भीतर हर हालत में सुनिश्चित कराने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए हैं. राज्य में वर्तमान में निजी चिकित्सा संस्थानों की संख्या 3 हजार 69 है. इनमें से अबतक एक हजार 997 निजी चिकित्सा संस्थानों ने प्राधिकार प्राप्त कर लिए हैं. उक्त प्राधिकार के दायरे में सभी निजी क्लीनिक, ब्लड बैंक, आयुर्वेदिक क्लीनिक और पैथालॉजी लैब शामिल हैं.

'किसी ने आधी रात को तार बिछा दिया तो पहले से कैसे पता चलेगा'

बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने की पहल

इनमें से जिनके पास बिस्तरीय सुविधा है, उन्हें प्रत्येक वर्ष प्राधिकार लेना होगा. इसके अलावा जहां बिस्तरीय सुविधा नहीं है, उन्हें जीवनभर के लिए जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के तहत केवल एक बार ही प्राधिकार लेना होगा. इन चिकित्सा संस्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट और अवशेष का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए इन्हें प्राधिकार के दायरे में लाया गया है.

पर्यावरण मंत्री ने राज्य में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की प्रगति के संबंध में जानकारी ली है. क्षेत्रीय अधिकारियों को मौका निरीक्षण कर प्रगति की जानकारी दस दिवस के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. वर्तमान में रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत छह एमएलडी क्षमता के भाटागांव, 75 एमएलडी क्षमता के चंदनडीह, 35 एमएलडी क्षमता के कारा और 90 एमएलडी क्षमता के निमोरा में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन हैं.

निरीक्षण के लिए दिए निर्देश

रायगढ़ के बड़ेअतरमुड़ा में 25 एमएलडी क्षमता के और बांजिनपाली में 7 एमएलडी क्षमता के दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन हैं. बैठक में बताया गया कि इसके अलावा राज्य के अन्य 74 नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु 78 घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की जाएगी. इसी तरह उन्होंने मंडल के समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार के लिए संयंत्र स्थापना की प्रगति के संबंध में मौका निरीक्षण के लिए भी निर्देश दिए हैं.

रायपुर: मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों की बैठक ली है. उन्होंने बैठक में चर्चा करते हुए राज्य के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के अंतर्गत एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से प्राधिकार सुनिश्चित कराने के संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं.

पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने जिलेवार निजी चिकित्सा संस्थानों और जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत ली जाने वाली प्राधिकार की विस्तार से समीक्षा की है. उन्होंने अब तक शेष निजी चिकित्सा संस्थानों में लंबित प्राधिकार को एक माह के भीतर हर हालत में सुनिश्चित कराने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए हैं. राज्य में वर्तमान में निजी चिकित्सा संस्थानों की संख्या 3 हजार 69 है. इनमें से अबतक एक हजार 997 निजी चिकित्सा संस्थानों ने प्राधिकार प्राप्त कर लिए हैं. उक्त प्राधिकार के दायरे में सभी निजी क्लीनिक, ब्लड बैंक, आयुर्वेदिक क्लीनिक और पैथालॉजी लैब शामिल हैं.

'किसी ने आधी रात को तार बिछा दिया तो पहले से कैसे पता चलेगा'

बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने की पहल

इनमें से जिनके पास बिस्तरीय सुविधा है, उन्हें प्रत्येक वर्ष प्राधिकार लेना होगा. इसके अलावा जहां बिस्तरीय सुविधा नहीं है, उन्हें जीवनभर के लिए जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के तहत केवल एक बार ही प्राधिकार लेना होगा. इन चिकित्सा संस्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट और अवशेष का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए इन्हें प्राधिकार के दायरे में लाया गया है.

पर्यावरण मंत्री ने राज्य में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की प्रगति के संबंध में जानकारी ली है. क्षेत्रीय अधिकारियों को मौका निरीक्षण कर प्रगति की जानकारी दस दिवस के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. वर्तमान में रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत छह एमएलडी क्षमता के भाटागांव, 75 एमएलडी क्षमता के चंदनडीह, 35 एमएलडी क्षमता के कारा और 90 एमएलडी क्षमता के निमोरा में घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन हैं.

निरीक्षण के लिए दिए निर्देश

रायगढ़ के बड़ेअतरमुड़ा में 25 एमएलडी क्षमता के और बांजिनपाली में 7 एमएलडी क्षमता के दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माणाधीन हैं. बैठक में बताया गया कि इसके अलावा राज्य के अन्य 74 नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु 78 घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की जाएगी. इसी तरह उन्होंने मंडल के समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय निकायों से जनित घरेलू दूषित जल के उपचार के लिए संयंत्र स्थापना की प्रगति के संबंध में मौका निरीक्षण के लिए भी निर्देश दिए हैं.

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