सूरजपुर: कोरोना काल में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए समाज का एक वर्ग ऐसा भी है, जो दिन-रात स्वच्छता की मुहिम चला रहा है, लेकिन अब उसी वर्ग के लोग के लिए कोरोना काल बनते जा रहा है. हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं कि, कभी भी सैकड़ों सफाईकर्मी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं.
दरअसल, ये सफाई कर्मचारी प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में कई जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मास्क, सैनिटाइजर और दस्ताने जैसे किट बांटने की तस्वीरें सोशल मीडिया में डालकर खूब तारीफें बटोरी, लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है. यहीं मुफ्त में बांटने वाली चीजें अब भ्रष्टाचार की भेट चढ़ती जा रही है.
खतरे के बीच काम करने को मजबूर स्वच्छता दीदियां
अब इसमें सूरजपुर नगर पालिका का नया ही कारनामा सामने आ रहा है. जहां सफाईकर्मियों को फिर से उनके छोटे कर्मचारी होने का एहसास कराया जा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण सूरजपुर नगर पालिका के सफाईकर्मी हैं, जो हाथों में दस्ताने की जगह प्लास्टिक को पहन गंदगी ढो रहे हैं. वहीं न तो सैनिटाइजर का पता और न ही मास्क का. अधिकारियों से जब इस मामले में ETV भारत ने जानने की कोशिश की तो वह पल्ला झाड़ते नजर आए.
नगर पालिका पर उठ रहे सवाल
वहीं सीएमओ दीपक एक्का ने बताया कि ETV भारत के माध्यम से हमें जानकारी मिली है. ऐसे में सफाईकर्मियों को कुछ दिन पहले दिए गए दस्ताने कुछ दिनों में ही खराब हो गए. अब ऐसे में नगर पालिका पर सवाल उठ रहे हैं.
कोरोना वॉरियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहे काम
बहरहाल, समाज को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में सफाईकर्मी गंदगी का सफाया अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों को सफाईकर्मियों की सुध नहीं.