अम्बिकापुर: अम्बिकापुर में महिला समूह की आदिवासी महिलाएं अब जैम और जेली तैयार कर रही हैं. इससे समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. दरअसल, महिला समूह की आदिवासी महिलाएं जैम, जेली, शर्बत के ऐस्ट्रेक्ट, टमाटर सॉस, इमली सॉस जैसे उत्पाद बनाएंगी. रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) में समूहों को इस तरह के रोजगार दिये गए हैं. इसे लेकर हार्टिकल्चर विभाग ने अपने राज्य के विशेषज्ञ को बुलाकर महिलाओं को ट्रेनिंग दी है.
ईटीवी भारत ने एक्सपर्ट से बातचीत की. बातचीत के दौरान एक्सपर्ट ने बताया कि कैसे जैम और जेली घर पर बनाई जा सकती है ? घर पर बनाए जैम और जेली को साल भर स्टोर करके रख सकते हैं. एक्सपर्ट ने इसकी ट्रिक और रेसिपी भी शेयर की है.
ऐसे बनाएं जैम: मिक्स फ्रूट या किसी एक फल से भी जैम बनाया जा सकता है. मिक्स फ्रूट का जैम बनाने के लिये सबसे पहले फल में सेब, चीकू, केला, पपीता अंगूर को धोकर उसे छीलना है. फिर उसे काटना है. इसके बाद बराबर मात्रा में पानी डालकर उसे पकाना है. उसे ठंडा करके मिक्सी में पीस लेना है. फिर उसे छान लेना है.
फिर करें घरेलू टेस्ट: फ्रूट के पके पल्प को निर्धारित मात्रा में 1 किलो गूदा है तो में 800 ग्राम शक्कर मिलाएं. इस मिश्रण को दोबारा पकाएं. तब तक पकाएं जब तक वो गाढ़ा ना हो जाए. शक्कर का दाना ना पड़े तो इसमें 5 ग्राम प्रति किलो साइट्रिक एसिड डालें. इसके बाद एक सूखे स्टील प्लेट में एक बूंद जैम को डालकर जांच करते हैं. अगर जैम प्लेट खड़ी करने पर भी ना बहे और जमा रहे तो समझ लें कि जैम तैयार है. इसके बाद इसको ठंडा करके पैक कर दें. यह एक साल तक खराब नहीं होता है.
जैम और जेली को बनाने के फिर मौसमी फलों का इस्तेमाल करना है. अगर फल फ्रेश रहेगा तो जैम और जेली लंबे समय तक स्टोर रहेगा. इसके अलावा बताई गई विधि से जैम जेली बना कर लंबे समय तक उसका सेवन किया जा सकता है. -परदेशी महानंद, एक्सपर्ट
ऐसे बनाएं जेली: जेली बनाने के लिये हमें फलों का रस निकालना पड़ता है. इसमें ऐसे फल लेने हैं, जिनमें पेक्टीन और एसिड अम्ल और चिपचिपापन होता है. ऐसे फल को पेक्टीन और एसिड कहते हैं. जैसे अमरूद, करौंदा, अधपका पपीता से जेली बनता है. फलों को छीलकर काट लें और इसे भी बराबर पानी में पका लें. फिर हल्के हाथ से फलों को कुचल लें. इसके बाद सफेद मलमल के कपड़े से इसे छान लें.
ऐसे करें टेस्ट: इसके बाद 1 लीटर रस में 750 ग्राम शक्कर डालकर इसे पका लें. 5 ग्राम साइट्रिक एसिड डाल लें. फिर इसे तब तक पकाएं जब तक यह पूरा गाढ़ा ना हो जाये. एक पानी वाला प्लेट लेकर उसमें एक दो बूंद डालकर हाथ से सरकाते रहें. अगर जेली बूंद सिमट जाए, घुले ना तो उसे समझिए आपकी जेली तैयार है. फैक्ट्री में हम लोगों के पास जेली थरमामीटर होता है. 221 डिग्री टेम्परेचर अगर होता है तो, जेली को तैयार समझते हैं. लेकिन घरेलू विधि में आप प्लेट टेस्ट से भी जांच सकते हैं.