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सुकमा की नक्सल प्रभावित लड़कियां जल्द बोलेंगी फर्राटेदार इंग्लिश - सुकमा में सिविक एक्शन प्रोग्राम

Naxal Affected Girls Learn English छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित बच्चियां अब ना सिर्फ इंगलिश बोलेंगी बल्कि डॉक्टर, टीचर बनकर अपने गांव को विकसित भी करेंगी.

Naxal affected Girls learn English
सुकमा में सिविक एक्शन प्रोग्राम
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 17, 2024, 12:25 PM IST

सुकमा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के आदिवासियों में अपना विश्वास जगाने और नक्सलवाद को खत्म करने सुरक्षाबलों की तरफ से सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाए जाते हैं. इसके तहत जवान नक्सल प्रभावित गांव में जाकर ग्रामीणों को कई जरूरत की चीजें बांटना, बच्चों को कॉपी किताबें, बैग देने के साथ ही उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करते रहते हैं. इसी सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की लड़कियों को इंग्लिश सिखाया जा रहा है. ना सिर्फ इंग्लिश बल्कि करियर काउंसिल कर भविष्य में आगे बढ़ने में उनकी मदद की जा रही है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की 40 लड़कियां सीख रही इंगलिश: इस प्रोग्राम के तहत सुकमा जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र की 40 लड़कियों का चयन किया गया है. जो 9वीं से 12 वीं तक की बच्चियां है. सीआरपीएफ की 74 बटालियन में इन बच्चियों को अधिकारी खुद क्लास दे रहे हैं. करियर काउंसिलिंग के साथ ही स्पीकिंग इंगलिश सिखाई जा रही है.

सीआरपीएफ के अधिकारी दे रहे क्लास: सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी के कमांडेंट हिमांशु पांडे ने बताया कि सुकमा में कई ऐसे क्षेत्र है जहां शिक्षा तंत्र का पहुंचना काफी मुश्किल है. ऐसे में जो बच्चे पढ़लिखकर अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उन्हें काफी परेशानी होती है. बच्चों की इसी मुश्किल को दूर करने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत बटालियन में उन्हें स्पोकन इंग्लिश सिखाया जा रहा है. इसके साथ ही भविष्य में आगे कुछ करने को लेकर भी अधिकारी बच्चियों की काउंसलिंग कर रहे हैं.

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की 40 लड़कियां सीख रही इंगलिश: इस प्रोग्राम के तहत सुकमा जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र की 40 लड़कियों का चयन किया गया है. जो 9वीं से 12 वीं तक की बच्चियां है. सीआरपीएफ की 74 बटालियन में इन बच्चियों को अधिकारी खुद क्लास दे रहे हैं. करियर काउंसिलिंग के साथ ही स्पीकिंग इंगलिश सिखाई जा रही है.

सीआरपीएफ के अधिकारी दे रहे क्लास: सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी के कमांडेंट हिमांशु पांडे ने बताया कि सुकमा में कई ऐसे क्षेत्र है जहां शिक्षा तंत्र का पहुंचना काफी मुश्किल है. ऐसे में जो बच्चे पढ़लिखकर अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उन्हें काफी परेशानी होती है. बच्चों की इसी मुश्किल को दूर करने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत बटालियन में उन्हें स्पोकन इंग्लिश सिखाया जा रहा है. इसके साथ ही भविष्य में आगे कुछ करने को लेकर भी अधिकारी बच्चियों की काउंसलिंग कर रहे हैं.

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