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Chhattisgarh municipal elections 2021: कोंटा नगर पंचायत में कांग्रेस ने लगाया था पिछले चुनाव में सेंध, इस बार जोड़-तोड़ की तैयारी

छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव ( Chhattisgarh municipal elections 2021) की तारीख की घोषणा के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है. अलग-अलग निकायों में राजनीतिक पार्टियों के संभावित उम्मीदवारों (Possible candidates of political parties) ने अभी से लोगों को रिझाना शुरू कर दिया है. अगर हम बात करें छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे 3751 मतदाताओं वाले कोंटा नगर पंचायत की तो शुरूआती दौर में बीजेपी की दबदबा वाले निकाय (BJP dominated body) में हाल के सालों में कांग्रेस ने सेंध लगाया. आइए हम आपको आज जानकारी देते हैं इस नगर पंचायत में बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों की...

Chhattisgarh municipal elections 2021
Chhattisgarh municipal elections 2021
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Published : Nov 26, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 8:01 PM IST

सुकमाः कोंटा ब्लॉक को 2010 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. दिसंबर 2011 में कोंटा नगर पंचायत का पहला चुनाव (first election of konta nagar panchayat) हुआ. अब कोंटा नगर पंचायत (Konta Nagar Panchayat) में आचार संहिता लग चुकी है और आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच गहमा-गहमी तेज हो गई है. मतदाताओं को विकास के ख्वाब दिखाकर रिझाने का कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है.

2015 में कांग्रेस ने ढहाया था बीजेपी का किला
कोंटा नगर पंचायत का गठन 2010 में हुआ था. उस वक्त प्रदेश में भाजपा की सरकार (BJP government) थी, इसलिए भाजपा समर्पित पदाधिकारियों को ही मनोनीत किया गया. उसके बाद दिसंबर 2011 में पहला निकाय चुनाव (First civic election in 2011) हुआ. इसमें भाजपा ने जीत दर्ज की (BJP won). इसके बाद 2015 में चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने बीजेपी (Congress BJP) को पटखनी देते हुए अपने प्रत्याशी के सिर पर अध्यक्ष का ताज पहनाया. इस बार अध्यक्ष का सीधे चुनाव हुआ था लेकिन इस बार यहां पर वार्डों के पार्षद अपना अध्यक्ष तय करेंगे.

चुनाव को लगा था कोरोना संक्रमण का ग्रहण

पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से निकाय चुनाव का समय एक साल आगे बढ़ गया. अब 20 दिसंबर 2021 को मतदान होने हैं. इसकी तैयारी भी प्रशासन ने पूर्ण कर ली है और चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गहमा-गहमी भी तेज हो गई है.

एक नजर में

  • नगर पंचायत- कोंटा
  • वार्ड - 15
  • कुल मतदाता -3751
  • पुरूष मतदाता-1763
  • महिला मतदाता-1988

मारो नगर पंचायत में कांग्रेस बीजेपी के बीच क्यों है सीधी टक्कर
मूलभूत सुविधाओं को तरसते बाशिंदे
लंबे समय से कोंटा नगर पंचायत में शुद्ध पेयजल की समस्या बनी हुई है. लगातार मूलभूत सुविधा पाने के लिए वार्डवासी तरस रहे हैं. शुद्ध पेयजल के अलावा बिजली की समस्या और सड़क की समस्या भी बनी हुई है. बारिश के दिनों में कोंटा वासियों को सड़क नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नेशनल हाईवे किनारे बसे कोंटा नगर पंचायत आज भी विकास से अछूता है. प्रदेश के अंतिम छोर पर होने की वजह से न हीं स्थानीय प्रशासन और ना ही राज्य सरकार कोंटा में विकास कार्य को लेकर गंभीर है. वार्डवासी मूलभूत की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

वार्डों में कांग्रेस का दबदबा

कोंटा नगर पंचायत में साल 2015 जीत के बाद अध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस प्रत्याशी का कब्जा है. वार्ड पार्षदों के रूप में ही इसी दल का वर्चस्व देखने को मिल रहा है. 8 वार्डों में कांग्रेस और 7 में भाजपा के पार्षद चुने गए हैं. वर्तमान में भी कोंटा नगर पंचायत में कांग्रेस का दबदबा बताया जा रहा है. हालांकि कुछ भी चुनाव परिणाम आने से पहले कहना ठीक नहीं होगा लेकिन यह सच है कि 20 दिसंबर को चुनाव की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की ओर से जीत की कोशिशों के लिए जोर-तोड़ की राजनीति भी शुरू हो चुकी है.

सुकमाः कोंटा ब्लॉक को 2010 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. दिसंबर 2011 में कोंटा नगर पंचायत का पहला चुनाव (first election of konta nagar panchayat) हुआ. अब कोंटा नगर पंचायत (Konta Nagar Panchayat) में आचार संहिता लग चुकी है और आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच गहमा-गहमी तेज हो गई है. मतदाताओं को विकास के ख्वाब दिखाकर रिझाने का कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है.

2015 में कांग्रेस ने ढहाया था बीजेपी का किला
कोंटा नगर पंचायत का गठन 2010 में हुआ था. उस वक्त प्रदेश में भाजपा की सरकार (BJP government) थी, इसलिए भाजपा समर्पित पदाधिकारियों को ही मनोनीत किया गया. उसके बाद दिसंबर 2011 में पहला निकाय चुनाव (First civic election in 2011) हुआ. इसमें भाजपा ने जीत दर्ज की (BJP won). इसके बाद 2015 में चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने बीजेपी (Congress BJP) को पटखनी देते हुए अपने प्रत्याशी के सिर पर अध्यक्ष का ताज पहनाया. इस बार अध्यक्ष का सीधे चुनाव हुआ था लेकिन इस बार यहां पर वार्डों के पार्षद अपना अध्यक्ष तय करेंगे.

चुनाव को लगा था कोरोना संक्रमण का ग्रहण

पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से निकाय चुनाव का समय एक साल आगे बढ़ गया. अब 20 दिसंबर 2021 को मतदान होने हैं. इसकी तैयारी भी प्रशासन ने पूर्ण कर ली है और चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गहमा-गहमी भी तेज हो गई है.

एक नजर में

  • नगर पंचायत- कोंटा
  • वार्ड - 15
  • कुल मतदाता -3751
  • पुरूष मतदाता-1763
  • महिला मतदाता-1988

मारो नगर पंचायत में कांग्रेस बीजेपी के बीच क्यों है सीधी टक्कर
मूलभूत सुविधाओं को तरसते बाशिंदे
लंबे समय से कोंटा नगर पंचायत में शुद्ध पेयजल की समस्या बनी हुई है. लगातार मूलभूत सुविधा पाने के लिए वार्डवासी तरस रहे हैं. शुद्ध पेयजल के अलावा बिजली की समस्या और सड़क की समस्या भी बनी हुई है. बारिश के दिनों में कोंटा वासियों को सड़क नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नेशनल हाईवे किनारे बसे कोंटा नगर पंचायत आज भी विकास से अछूता है. प्रदेश के अंतिम छोर पर होने की वजह से न हीं स्थानीय प्रशासन और ना ही राज्य सरकार कोंटा में विकास कार्य को लेकर गंभीर है. वार्डवासी मूलभूत की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

वार्डों में कांग्रेस का दबदबा

कोंटा नगर पंचायत में साल 2015 जीत के बाद अध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस प्रत्याशी का कब्जा है. वार्ड पार्षदों के रूप में ही इसी दल का वर्चस्व देखने को मिल रहा है. 8 वार्डों में कांग्रेस और 7 में भाजपा के पार्षद चुने गए हैं. वर्तमान में भी कोंटा नगर पंचायत में कांग्रेस का दबदबा बताया जा रहा है. हालांकि कुछ भी चुनाव परिणाम आने से पहले कहना ठीक नहीं होगा लेकिन यह सच है कि 20 दिसंबर को चुनाव की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की ओर से जीत की कोशिशों के लिए जोर-तोड़ की राजनीति भी शुरू हो चुकी है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 8:01 PM IST
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