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कलेक्टर-एसपी का कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरी है जन समस्यायों को लेकर संघर्षः मनीष कुंजाम - जरूरी है जन समस्यायों को लेकर संघर्षः मनीष कुंजाम

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने लखमा के 'एसपी और कलेक्टर के कॉलर पकड़ने' वाले बयान पर कहा कि 'कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरत है जन समस्यायों को लेकर संघर्ष करने की.'

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने लखमा के विवादित बयान पर सलाह दी
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Published : Sep 13, 2019, 10:08 AM IST

सुकमाः प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अधिकारियों का कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान के बाद अपनी सफाई दे चुके हैं, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने लखमा के इस बयान पर अब उन्हें सलाह दी है. कुंजाम ने कहा कि 'कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरत है जन समस्यायों को लेकर संघर्ष करने की.'

कलेक्टर-एसपी का कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरी है जन समस्यायों को लेकर संघर्षः मनीष कुंजाम

अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मंत्री लखमा पिछले दिनों जगदलपुर के एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां बच्चों के उनसे बड़े नेता कैसे बना जाता है पूछा, इस पर लखमा ने कहा कि 'यदि तुम्हें बड़ा नेता बनना है, तो एसपी और कलेक्टर का कॉलर पकड़ो'. अपने इस बयान पर चौतरफा घिरने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर दिखाया है.

'जनता के लिए नहीं किया काम'
भाकपा नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा के कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान की निंदा की और कहा कि बस्तर में जन समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की जरूरत है, प्रशासनिक अधिकारियों के कॉलर पकड़ने की नहीं. उन्होंने बताया कि कवासी लखमा पिछले 20 साल से इस क्षेत्र के विधायक हैं. लेकिन मंत्री लखमा ने क्षेत्र में जन-समस्याओं के लिए कभी संघर्ष नहीं किया है.

विवादित बयान का किए निंदा
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा बच्चों को गलत सीख देने से अच्छा था कि अपने संघर्षों के बारे में बताते की वे कैसे, अनपढ़ होने के बाद भी संघर्ष करके विधायक बने. साथ ही आज प्रदेश के मंत्री पद पर नियुक्त हैं. लेकिन कवासी लखमा बच्चों को उल्टी और हिंसात्मक शिक्षा दे रहे हैं, जो एक चिंता का विषय और निंदनीय है.

सुकमाः प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अधिकारियों का कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान के बाद अपनी सफाई दे चुके हैं, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने लखमा के इस बयान पर अब उन्हें सलाह दी है. कुंजाम ने कहा कि 'कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरत है जन समस्यायों को लेकर संघर्ष करने की.'

कलेक्टर-एसपी का कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरी है जन समस्यायों को लेकर संघर्षः मनीष कुंजाम

अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मंत्री लखमा पिछले दिनों जगदलपुर के एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां बच्चों के उनसे बड़े नेता कैसे बना जाता है पूछा, इस पर लखमा ने कहा कि 'यदि तुम्हें बड़ा नेता बनना है, तो एसपी और कलेक्टर का कॉलर पकड़ो'. अपने इस बयान पर चौतरफा घिरने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर दिखाया है.

'जनता के लिए नहीं किया काम'
भाकपा नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा के कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान की निंदा की और कहा कि बस्तर में जन समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की जरूरत है, प्रशासनिक अधिकारियों के कॉलर पकड़ने की नहीं. उन्होंने बताया कि कवासी लखमा पिछले 20 साल से इस क्षेत्र के विधायक हैं. लेकिन मंत्री लखमा ने क्षेत्र में जन-समस्याओं के लिए कभी संघर्ष नहीं किया है.

विवादित बयान का किए निंदा
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा बच्चों को गलत सीख देने से अच्छा था कि अपने संघर्षों के बारे में बताते की वे कैसे, अनपढ़ होने के बाद भी संघर्ष करके विधायक बने. साथ ही आज प्रदेश के मंत्री पद पर नियुक्त हैं. लेकिन कवासी लखमा बच्चों को उल्टी और हिंसात्मक शिक्षा दे रहे हैं, जो एक चिंता का विषय और निंदनीय है.

Intro:कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरत है जन समस्यायों को लेकर संघर्ष करने की- मनीष कुंजाम

सुकमा. भाकपा नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा के कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने के विवादित बयान की निंदा करते हुए कहा कि बस्तर में जन समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की जरूरत है न कि अधिकारियों के कॉलर पकड़ने की। उन्होंने बताया कि कवासी लखमा पिछले 20 वर्षों से इस क्षेत्र के विधायक है। क्षेत्र के समस्याओं को लेकर कभी जन संघर्ष नही किया बल्कि अधिकारियों की दलाली की है।




Body:मनीष कुंजाम ने कहा कि अच्छा होता कि कवासी लखमा बच्चों के ये सीख देते की वे अनपढ़ होने के बाद भी विधायक निर्वाचित हुआ और पढ़ाई कर बीए-एमए की शिक्षा प्राप्त की है। लेकिन कवासी लखमा बच्चों को उल्टी और हिंसात्मक शिक्षा दे रहे हैं। अनपढ़ रहकर कवासी लखमा उल-जुलूल बयान बाजी करते हैए और इसका बेजा फायदा भी उठाते हैं। पिछले 20 वर्षों की विधायकी में कवासी लखमा ने अफसरों की दलाली की है। आज मंत्री बनने के बाद जिले के शैक्षणिक संस्थाओं में पैसे लेकर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है।


Conclusion:बाइट - मनीष कुंजाम, भाकपा नेता व पूर्व विधायक, सुकमा

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