सुकमाः प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अधिकारियों का कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान के बाद अपनी सफाई दे चुके हैं, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने लखमा के इस बयान पर अब उन्हें सलाह दी है. कुंजाम ने कहा कि 'कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने की जरूरत नहीं, जरूरत है जन समस्यायों को लेकर संघर्ष करने की.'
अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मंत्री लखमा पिछले दिनों जगदलपुर के एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां बच्चों के उनसे बड़े नेता कैसे बना जाता है पूछा, इस पर लखमा ने कहा कि 'यदि तुम्हें बड़ा नेता बनना है, तो एसपी और कलेक्टर का कॉलर पकड़ो'. अपने इस बयान पर चौतरफा घिरने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर दिखाया है.
'जनता के लिए नहीं किया काम'
भाकपा नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा के कलेक्टर-एसपी के कॉलर पकड़ने वाले विवादित बयान की निंदा की और कहा कि बस्तर में जन समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की जरूरत है, प्रशासनिक अधिकारियों के कॉलर पकड़ने की नहीं. उन्होंने बताया कि कवासी लखमा पिछले 20 साल से इस क्षेत्र के विधायक हैं. लेकिन मंत्री लखमा ने क्षेत्र में जन-समस्याओं के लिए कभी संघर्ष नहीं किया है.
विवादित बयान का किए निंदा
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा बच्चों को गलत सीख देने से अच्छा था कि अपने संघर्षों के बारे में बताते की वे कैसे, अनपढ़ होने के बाद भी संघर्ष करके विधायक बने. साथ ही आज प्रदेश के मंत्री पद पर नियुक्त हैं. लेकिन कवासी लखमा बच्चों को उल्टी और हिंसात्मक शिक्षा दे रहे हैं, जो एक चिंता का विषय और निंदनीय है.