सुकमा: जगरगुंडा थाना से 20 किलोमीटर दूर अंचल में बसे ग्राम बेड़मा में सोमवार को एक महिला की तबीयत खराब होने पर ग्रामीण उसे खाट पर ही उठाकर जगरगुंडा स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे. patient on the cot गांव से 15 किलोमीटर दूर पहुंचे थे कि अतिसंवेदनशील क्षेत्र ग्राम जगरगुंडा के कामाराम में पीएमजीएसवाई सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ जवानों की नजर उन पर पड़ी. CRPF jawans took patient lying on cot to hospital जवानों ने तत्काल पिकअप वाहन की व्यवस्था कर बीमार महिला को अस्पताल पहुंचाने में मदद की.
इलाज कराने के लिए परिवार को पैसे भी दिए: यह इलाका अतिसंवेदनशील होने के साथ ही पहुंचविहीन और विकास से कोसों दूर है. इस गांव तक एम्बुलेंस सेवा नहीं है. बीमार होने पर दुर्गम रास्तों के बीच से मरीज को खाट पर उठाकर ले जाना ही एकमात्र साधन है. जवानों, एसडीओपी विजय राजपूत थाना जगरगुंडा और थाना प्रभारी नरेंद्र राठौर ने जब मरीज को इस तरह ले जाते देखा तो न सिर्फ अस्पताल ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की, बल्कि परिवार को मरीज के इलाज के लिए कुछ रुपए भी दिए.
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नक्सल चुनौतियों का सामना करने के साथ गांववालों के मददगार : दरअसल नक्सल प्रभावित सुकमा जिले (naxal affected sukma district) से इन दिनों ऐसी तस्वीरें लगातार निकलकर सामने आ रही हैं, जहां नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बल के जवान अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों की मदद करते दिख रहे हैं. इससे पहले भी सुरक्षा बल के जवानों ने गर्भवती महिला को वाहन उपलब्ध कराकर 70 किलोमीटर दूर भद्राचलम अस्पताल पहुंचाया था, जहां पहुंचकर महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था. कुछ दिन पूर्व सीआरपीएफ ने 12 नव जोड़ों का विवाह भी सुकमा जिले में कराया था. यही कारण है कि अब ग्रामीण सुरक्षा बल के जवानों के साथ जुड़ रहे हैं. अपनी समस्याएं बता भी रहे हैं, जिसे जवान हल करने की कोशिश भी कर रहे हैं. जवानों की यह कोशिश निश्चित ही ग्रामीणों के दिलों में जगह बना रही है.