सरगुजा: देश में हर गरीब का अपना पक्का मकान हो इस सपने को पूरा करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है. केंद्र की सरकार ने पीएम ग्रामीण आवास योजना की शुरुआज भी की, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गया है. शायद यही वजह है कि इन गरीब और भोलेभाले ग्रामीणों का पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद भी आज तक इन्हें अपना घर नही मिल सका. हालांकि कागजों में पीएम आवास का कार्य पूर्ण हो चुका है और तीसरी किस्त भी जारी हो चुकी है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है.
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सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत दावा के मनोहरपुर गांव में लोगों को अब तक मकान का लाभ नहीं मिला पाया है. इस गांव में रहने वाले 4 ग्रामीणों के लिए प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान स्वीकृत किए थे. इन मकानों की स्वीकृति वर्ष 2016-17 में मकान निर्माण का कार्य शुरू किया गया था. पीएम आवास का निर्माण शुरू होने के बाद इन्हें पहली किस्त तो मिली लेकिन उसके बाद उनकी किस्त आनी बंद हो गई. चूंकि ये ग्रामीण इतने सक्षम नहीं है कि अपने पास से राशि लगाकर मकान का निर्माण करें, इसलिए उनके मकान निर्माण का कार्य अधर में अटक गया और अब आधे-अधूरे मकान चार साल से खंडहर बने हुए है और इन मकानों के अंदर घास व खरपतवार उग आए है.
जारी हो गई तीसरी किस्त
ग्रामीणों को पहली किस्त मिलने के बाद रुपये आने बंद हो गए, लेकिन इन ग्रामीणों के पीएम आवास की तीसरी किस्त जारी हो चुकी है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब इन ग्रामीणों का दूसरा किस्त जारी नहीं होने से भवन निर्माण ही रुक गया तो फिर आखिर तीसरी किस्त जारी कैसे हो सकती है.
दूसरे के मकान पर खड़ा कर जीयो टैगिंग
पीएम आवास की राशि हड़पने के मामले में जो बातें सामने आई है उसके मुताबिक ग्रामीणों के पीएम आवास में जीयो टैगिंग के माध्यम से राशि की हेरफेर की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि पहली किस्त मिलने के बाद गांव में अधिकारी आए थे और उन्होंने हितग्राहियों को दूसरे हितग्राही के पीएम आवास के सामने खड़ा कर जीयो टैगिंग के लिए फोटो भी लिया था. इसके बाद भी राशि जारी नहीं हुई. सबसे बड़ी बात तो यह है कि जीयो टैगिंग के बाद हितग्राही अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें यहां से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा.
विभाग बता रहा टेक्निकल फॉल्ट
जीयो टैगिंग के बाद पहली किस्त जारी होने के बाद दूसरी किस्त अटक जाने और फिर तीसरी किस्त जारी होने को लेकर विभाग के अधिकारी तकनीकी खामी बता रहे है. उनके खातों को फिर से अपडेट कर जल्द से जल्द राशि जारी होने की बात कह रहे है, लेकिन इन ग्रामीणों का पीएम आवास चार साल से अधूरा है. फाइल में तीसरी किस्त जारी हो चुकी है, ऐसे में अब देखना यह है कि आखिर कब तक इन ग्रामीणों को राशि मिल पाती है और इनके पीएम आवास का काम पूर्ण हो पाता है.