सरगुजा : जिले के बतौली विकासखंड के चिरगा में एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट का विरोध प्रदर्शन अब उग्र होता जा रहा है. स्थिति ये है कि ग्रामीण लाठी डंडे, टांगी सहित तमाम हथियारों से लैस होकर पहरा दे रहे हैं. ग्रामीणों के विरोध के कारण सीमांकन नहीं हो सका. शनिवार को प्लांट के लिए सीमांकन कराने पहुंची टीम को वापस लौटना पड़ा. एसपी कलेक्टर समझाइश देने पहुंचे थे उन्हें भी वापस आना पड़ा. शनिवार को तनावपूर्ण स्थिति बनती देख खुद कलेक्टर और एसपी विरोध कर रहे ग्रामीणों के बीच पहुंच गए और उन्हें समझाने का प्रयास किया. लेकिन समझाइश का भी कोई असर नहीं हुआ.
चिरगा पहाड़ पर पहरा दे रहे ग्रामीण: ग्रामीण बार बार कह रहे हैं कि वे चिरगा में प्लांट नहीं खुलने देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी कीमत पर अपने जल, जंगल जमीन को नहीं देंगे. गांव में फैक्ट्री लगने नहीं दिया जाएगा. फैक्ट्री लगने पर गांव के लोगों को खदेड़ दिया जाएगा. इसीलिए ग्रामीण हथियार से लैस होकर दिनरात चिरगा पहाड़ पर पहरा दे रहे है.
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वापस लौटी सीमांकन करने गई टीम: मामला मंत्री अमरजीत भगत की विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है है. सीतापुर विधानसभा के बतौली में स्थित चिरगा में मां क़ुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट की स्थापना की जानी है. इस रिफाइनरी प्लांट की स्थापना के लिए शासन स्तर पर स्वीकृति मिलने के साथ ही प्लांट के लिए वहां 227 एकड़ जमीन आबंटित कर दी गई है. एल्युमिना प्लांट को लेकर 11 ग्राम पंचायत, चिरगा, माझा, करदना, कालीपुर, लैंगू आदि गांव के लोग वर्ष 2019 से विरोध कर रहे है. विरोध प्रदर्शन के बीच इससे पहले भी ग्रामीणों ने अधिकारियों और अपने ही क्षेत्र के मंत्री को भी घेर लिया था.
कलेक्टर एसपी पहुंचे समझाने: ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए कलेक्टर कुंदन कुमार व एसपी भावना गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान ग्रामीण काफी उग्र नजर आए. लाठी डंडे व हथियारों से लैस ग्रामीणों की जानकारी मिलने के बाद बतौली थाना क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पहले एएसपी विवेक शुक्ला ने ग्रामीणों से बात की और फिर हथियारबंद लोगों के बीच कलेक्टर एसपी व अधिकारी पहुंचे. ग्रामीणों से बातचीत में कलेक्टर को यह आवश्वासन देना पड़ा कि वो ग्रामीणों की मांग को लेकर शासन को पत्र लिखेंगे.