सरगुजा : तुलसी भी भगवान कृष्ण की गोपियों में से एक थीं. जिनका नाम वृंदा था. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य योगेश नारायण मिश्र बताते हैं " देवी भगवत के नवम स्कन्द एवं ब्रम्ह वैवर्त पुराण में इसका उल्लेख मिलता है. राधा की सखियों में एक वृंदा नाम की सखी थी. वृंदा कृष्ण के साथ भ्रमण कर रही थी और राधा उनको देखती हैं तो ईर्ष्या वश उनको श्राप दे देती हैं. जिसमें तुलसी को पृथ्वी पर वास करने का श्राप मिला. भगवान कृष्ण कहते हैं कि ''मैं तुमको आशीर्वाद देता हूं कि तुम पृथ्वी लोक में घर मे पूजी जाओगी और तुम्हारा मेरा प्रेम बना रहेगा" Know the relation of Lord Krishna and Tulsi
भगवान का प्रिय भोग : पंडित योगेश नारायण मिश्र बताते हैं की "भगवान कृष्ण और विष्णु को चाहे जितने भी भोग चढ़ा दीजिये लेकिन उन्हें तुलसी ही प्रिय है. हर भोग में तुलसी का पत्ता रखा जाता है. वृंदावन में भी भगवान कृष्ण और तुलसी के रास के प्रमाण मिलते हैं" पौराणिक मान्यताओं के अलावा भी कलयुग में तुलसी बहोत उपयोगी है. तुलसी के औषधीय गुण वरदान की तरह है. इस सम्बंध में डॉक्टर अमीन फिरदौसी बताते हैं " तुलसी की कई वेरायटी हमारे यहां मिलती है जैसे एक काले रंग की तुलसी होती है जिसे हम लोग कृष्ण तुलसी कहते हैं. एक हरे रंग की तुलसी होती है. सभी तुलसी में एंटी इन्फ्लामेट्री एस्टेरॉयडल इफेक्ट होते हैं"
Tulsi vivah 2022 जानिए भगवान कृष्ण और तुलसी का संबंध
Tulsi vivah 2022 कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी और भगवान सालीग्राम का विवाह किया जाता है. कलयुग में तुलसी पूजी जाती हैं. लेकिन हम आपको तुलसी से भगवान कृष्ण का संबंध बताने जा रहे हैं. कृष्ण के साथ राधा, रुकमणी और मीरा के बहोत से किस्से आपने सुने होंगे लेकिन तुलसी का भी गहरा नाता भगवान कृष्ण से रहा है.
सरगुजा : तुलसी भी भगवान कृष्ण की गोपियों में से एक थीं. जिनका नाम वृंदा था. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य योगेश नारायण मिश्र बताते हैं " देवी भगवत के नवम स्कन्द एवं ब्रम्ह वैवर्त पुराण में इसका उल्लेख मिलता है. राधा की सखियों में एक वृंदा नाम की सखी थी. वृंदा कृष्ण के साथ भ्रमण कर रही थी और राधा उनको देखती हैं तो ईर्ष्या वश उनको श्राप दे देती हैं. जिसमें तुलसी को पृथ्वी पर वास करने का श्राप मिला. भगवान कृष्ण कहते हैं कि ''मैं तुमको आशीर्वाद देता हूं कि तुम पृथ्वी लोक में घर मे पूजी जाओगी और तुम्हारा मेरा प्रेम बना रहेगा" Know the relation of Lord Krishna and Tulsi
भगवान का प्रिय भोग : पंडित योगेश नारायण मिश्र बताते हैं की "भगवान कृष्ण और विष्णु को चाहे जितने भी भोग चढ़ा दीजिये लेकिन उन्हें तुलसी ही प्रिय है. हर भोग में तुलसी का पत्ता रखा जाता है. वृंदावन में भी भगवान कृष्ण और तुलसी के रास के प्रमाण मिलते हैं" पौराणिक मान्यताओं के अलावा भी कलयुग में तुलसी बहोत उपयोगी है. तुलसी के औषधीय गुण वरदान की तरह है. इस सम्बंध में डॉक्टर अमीन फिरदौसी बताते हैं " तुलसी की कई वेरायटी हमारे यहां मिलती है जैसे एक काले रंग की तुलसी होती है जिसे हम लोग कृष्ण तुलसी कहते हैं. एक हरे रंग की तुलसी होती है. सभी तुलसी में एंटी इन्फ्लामेट्री एस्टेरॉयडल इफेक्ट होते हैं"