सरगुजा: एक मई को पूरी दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाएगा. इस दिन छत्तीसगढ़ में बोरे बासी दिवस मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ का व्यंजन बोरे बासी एक छत्तीसगढ़िया ब्रांड के रूप में डेवलप हो रहा है. साल 2022 से एक मई को बोरे बासी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. उसके बाद से छत्तीसगढ़ में नेता, अभिनेता, आम लोग से खास लोग सभी इस दिन बोरे बासी खाने लगे. इस फूड के बहुत फायदे हैं. आखिर इस फूड में क्या है. इसे ईटीवी भारत ने डायटिशियन सुमन सिंह से जाना.
बोरे बासी इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर: डायटीशियन सुमन सिंह ने बताया कि "बोरे बासी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. बोरे बासी, प्रो बायोटिक, विटामिन बी12 का बहुत अच्छा सोर्स है. आम तौर पर चावल में कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं. अधिकांश लोग चावल को पसा कर खाते हैं. लेकिन मैं हमेशा मना करती हूं कि ऐसा नहीं करना है. क्योंकि ऐसा करने से उसके विटामिन मिनरल निकल जाते हैं. जब हम रात भर या 1 घंटे इसे पानी मे भिंगोकर रखते हैं. तो इसके विटामिन मिनरल पानी मे एब्जॉर्ब हो जाते हैं. इसको खाने से हमारी इम्युनिटी में इजाफा होता है"
बोरे बासी में विटामिन बी 12 का अच्छा सोर्स: डायटीशियन सुमन सिंह के मुताबिक" हमारे शरीर को जितनी विटामिन मिनरल्स की आवश्यकता है. उसे बोरे बासी से पूरा कर सकते हैं. विटामिन बी12 की कमी बहुत ज्यादा महिलाओं और बच्चों में देखने को मिलती है. लेकिन जो बोरे बासी खाते हैं उनमें सामान्यतः इसकी कमी नहीं देखी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में लोग बोरे बासी बहुत ज्यादा खाते हैं."
कई बीमारियों में बोरे बासी कारगर: डायटीशियन सुमन सिंह ने बोरे बासी को शरीर के लिए रामबाण बताया है. उन्होंने कहा है कि" बोरे बासी को और हेल्दी बनाने के लिये इसमे मुनगे की भाजी भी भिगोकर खा सकते हैं. इससे विटामिन मिनरल्स के साथ कैल्शियम आयरन का अच्छा स्त्रोत शरीर को मिलता है. गर्मियों में लोग इसे खाकर डिहाइड्रेशन से भी मुक्त रह सकते है. इसे खाने से पेशाब में जलन, चेहरे में मुँहासे, बाल झड़ना और नाखून टूटने की समस्या में आराम होता है. गर्मी के एक टाइम बोरे बासी जरूर खाएं"
स्किन की निखार में बोरे बासी कारगर: डायटीशियन सुमन सिंह के अनुसार बोरे बासी स्किन की बीमारी में काफी कारगर होता है. अगर आपके स्किन में व्हाइट रेसेस हैं तो, अगर बोरे बासी में नींबू निचोड़कर खाएं तो आपको इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है. इसमे प्रोटीन नहीं होता लेकिन इसमे प्रोटीन की बेहतर वैल्यू होती है. इसे खाने से चावल या रोटी खाने के बाद जैसी सुस्ती की स्थिति नहीं रहती है.
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डायबिटीज, किडनी और लीवर से पीड़ित लोग इसे न खाएं: डायटीशियन सुमन सिंह ने बताया कि बोरे बासी का इस्तेमाल डायबिटीज, लिवर और किडनी पेशेंट न करें. अगर वह इसे खाना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. डॉक्टर के बताए निर्देश के अनुसार वह बोरे बासी खा सकते हैं.
कैसे बनाया जाता है बोरे बासी: बोरे बासी को बनाने का तरीका काफी आसान है. घर में पके हुए चावल को रात भर पानी में भिंगोकर रखें. इसे ही बासी कहते हैं. इसे सुबह आम की चटनी, लकरा की चटनी, प्याज, भाजियों की सुकसी के साथ खा सकते हैं. बोरे और बासी दो अलग अलग शब्द हैं और इसके मायने भी अलग हैं हमने बताया को रात में पके हुए चावल को सुबह बासी कहते हैं. उसी तरह दिन में बने गर्म भात को पानी में भिंगोकर जब उसे ठंडा किया जाता है तो यह बोरे कहलाता है.