राजनांदगांव: डोंगरगढ़ के देवकट्टा गांव में स्थित जलाशय का गेट पिछले कई सालों से टूटा हुआ है, जिस वजह से आसपास के ग्रामीण और किसान काफी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. आलम यह है कि शासन प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बाद भी इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है. भीषण गर्मी में जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण मंगलवार को बड़ी संख्या में डोंगरगढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे. जेसीसीजे के बैनर तले यह उग्र प्रदर्शन किया गया.
प्रदर्शन में हाई वोल्टेज ड्रामा: जेसीसीजे के बैनर तले मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान काफी हाई वोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला. सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आखिर तक ग्रामीणों के सामने आने से बचते रहे. जबकि गुस्साए ग्रामीण भी लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, जिसके बाद सिंचाई विभाग के इंजीनियर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को 1 सप्ताह के भीतर बांध के गेट को ठीक कराने का आश्वासन दिया. तब जाकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन खत्म किया.
ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी: आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन तो समाप्त कर दिया. लेकिन उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर इस बार भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाता है, तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और डोंगरगढ़ खैरागढ़ मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर उग्र प्रदर्शन करेंगे.
ग्रामीण हो रहे परेशान: ग्रामीण सतीश कंवर ने बताया कि "इस बांध का निर्माण 1976 में हुआ था. बांध के गेट के क्षतिग्रस्त होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शासन 7 करोड़ 2 लाख की स्वीकृति चार महीने पहले ही कर चुकी है. काम का टेंडर भी हो चुका है, जिसके बाद भी अब तक ठेकेदार ने काम शुरु नहीं किया है. मामले की शिकायत ग्रामीणों ने पिछले दिनों स्थानीय विधायक से भी की गई थी. लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. जिससे आक्रोशित ग्रामीण आज डोंगरगढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया."
बड़ी संख्या में ग्रामीण आज प्रदर्शन करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने मामले का जल्द निराकरण करने की मांग की. ग्रामीणों के इस दौरान आंदोलन को जेसीसीजे ने भी समर्थन दिया.