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LOCKDOWN: इन गांवों में घुसने के लिए देनी पड़ती है 'परीक्षा'

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 किलो मीटर की दूरी पर स्थित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना वायरस को लेकर खासा सतर्कता है. इलाके में घुसने के लिए पहले पहरेदारों के सामने परीक्षा देनी पड़ती है. इसके बाद गांव में प्रवेश करने की अनुमति है.

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तोतलभर्री बॉर्डर को किया गया सील
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Published : Apr 14, 2020, 2:04 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 8:28 PM IST

राजनांदगांव: डोंगरगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. गांव तक आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं इन ग्रामीणों में इतनी सतर्कता है कि लोगों को बिना तहकीकात के गांव के अंदर न ही गांव से बाहर जाने देते हैं. ग्रामीण इलाके से गुजरने वाले लोगों को चौकीदारों के सामने परीक्षा देने पड़ती है, जिसके बाद ही लोग आ जा सकते हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की आहट तोतलभर्री बॉर्डर पर आते ही गांवों को सील कर दिया गया है. इलाके में कहीं कांटे तो कहीं बैरियर लगाकर सरकार के आदेशों का पालन किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित इलाके कई गांवों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां सड़कों पर तैनात पहरेदारों के परीक्षा को बिना पार किए गांव में प्रवेश नहीं कर सकते, न ही अंदर से बाहर जा सकते हैं. सड़कों पर तैनात पहरेदारों के कुछ इस तरह से सवाल होते हैं. गांव के किसी व्यक्ति को जानते हो या नहीं, उस ग्रामीण से कुछ काम हो तो ही आप जा सकते हो, अगर सवालों के जवाब नहीं बताए तो आगे नहीं जा सकते. इलाके में लिखा है कि महामारी के कारण बाहरी प्रवासियों को गांव में आना वर्जित है.

सड़कों पर ग्रामीण बिछा रखी हैं कटीली शाखाएं

बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाके के कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोग सड़कों पर कांटे बिछाकर रखे हैं, जिसमें से घोटिया, तोतलभर्री घीकुड़िया, उदरी छापर, बन्नारा, सेंदरी, बोथली, बिच्छीटोला बछेराभाटा, चौथना, करवारी, मुरमुंडा, मेढ़ारा, मुसरा,बोरतलाव, रामाटोला, कल्याणपुर इलाके हैं, जहां सड़क पर कटीली शाखाओं और पेड़ों को गिराकर रोड ब्लॉक कर दिया गया है. वहीं उक्त ग्रामों में बाहरी व्यक्तियों को अनावश्यक प्रवेश की मनाही है. हालांकि सभी आवश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य व मेडिकल से जुड़े कारोबारी, दूध बांटने वाले, अखबार हॉकर, सब्जी विक्रेताओं को इससे पृथक रखा गया है.

राजनांदगांव: डोंगरगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. गांव तक आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं इन ग्रामीणों में इतनी सतर्कता है कि लोगों को बिना तहकीकात के गांव के अंदर न ही गांव से बाहर जाने देते हैं. ग्रामीण इलाके से गुजरने वाले लोगों को चौकीदारों के सामने परीक्षा देने पड़ती है, जिसके बाद ही लोग आ जा सकते हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की आहट तोतलभर्री बॉर्डर पर आते ही गांवों को सील कर दिया गया है. इलाके में कहीं कांटे तो कहीं बैरियर लगाकर सरकार के आदेशों का पालन किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित इलाके कई गांवों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां सड़कों पर तैनात पहरेदारों के परीक्षा को बिना पार किए गांव में प्रवेश नहीं कर सकते, न ही अंदर से बाहर जा सकते हैं. सड़कों पर तैनात पहरेदारों के कुछ इस तरह से सवाल होते हैं. गांव के किसी व्यक्ति को जानते हो या नहीं, उस ग्रामीण से कुछ काम हो तो ही आप जा सकते हो, अगर सवालों के जवाब नहीं बताए तो आगे नहीं जा सकते. इलाके में लिखा है कि महामारी के कारण बाहरी प्रवासियों को गांव में आना वर्जित है.

सड़कों पर ग्रामीण बिछा रखी हैं कटीली शाखाएं

बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाके के कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोग सड़कों पर कांटे बिछाकर रखे हैं, जिसमें से घोटिया, तोतलभर्री घीकुड़िया, उदरी छापर, बन्नारा, सेंदरी, बोथली, बिच्छीटोला बछेराभाटा, चौथना, करवारी, मुरमुंडा, मेढ़ारा, मुसरा,बोरतलाव, रामाटोला, कल्याणपुर इलाके हैं, जहां सड़क पर कटीली शाखाओं और पेड़ों को गिराकर रोड ब्लॉक कर दिया गया है. वहीं उक्त ग्रामों में बाहरी व्यक्तियों को अनावश्यक प्रवेश की मनाही है. हालांकि सभी आवश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य व मेडिकल से जुड़े कारोबारी, दूध बांटने वाले, अखबार हॉकर, सब्जी विक्रेताओं को इससे पृथक रखा गया है.

Last Updated : Apr 14, 2020, 8:28 PM IST
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