राजनांदगांव: जोगी कांग्रेस के कोर कमेटी के सदस्य देवव्रत सिंह के बयान ने राजनीतिक हलकों में कोहराम मचा दिया है. उन्होंने कहा कि रेणु जोगी का विश्वास कांग्रेस में है. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की धर्मपत्नी रेणु जोगी से जुड़े इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. मरवाही उपचुनाव में जोगी कांग्रेस ने भाजपा को जैसे ही समर्थन दिया, कोर कमेटी के सदस्य देवव्रत सिंह ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाते हुए यह तक कह दिया कि रेणु जोगी का विश्वास कांग्रेस में है. उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जोगी कांग्रेस पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के स्वर्गवास के बाद से ही उनकी पार्टी के चुने गए विधायक पार्टी के आलाकमान अमित जोगी से तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं. दूसरी ओर विधायकों का एक पूरा खेमा अमित जोगी के फैसलों के खिलाफ खड़ा हो गया है. खबरों के मुताबिक जोगी कांग्रेस के विधायक लगातार कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं, लेकिन संवैधानिक दायरे के चलते अबतक कांग्रेस प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. इस बीच जोगी कांग्रेस के सदस्य और विधायक देवव्रत सिंह ने अपने बयान में कहा है कि पार्टी में चल रही गतिविधियों से रेणु जोगी भली-भांति अवगत है और मरवाही चुनाव के बाद वह पार्टी के विषय में आगे का फैसला करेगी.
देवव्रत सिंह के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मरवाही चुनाव के बाद जोगी कांग्रेस के चुने हुए विधायक और स्वयं रेणु जोगी भी कांग्रेस में प्रवेश कर सकती हैं. हालांकि अबतक रेणु जोगी ने इस मामले को लेकर के कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
ऐसा है संवैधानिक दायरा
दरअसल, जोगी कांग्रेस के चुने हुए दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा कांग्रेस में प्रवेश करना चाहते हैं. लेकिन दल बदल कानून के चलते वह कांग्रेस में प्रवेश नहीं कर सकते. कांग्रेस में प्रवेश करने के लिए अधिकतम 3 विधायकों की आवश्यकता है. इसके बिना प्रवेश करने पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी. इस पेंच के चलते अबतक जोगी कांग्रेस के विधायक कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए हैं.