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नक्सल प्रभावित इलाकों में सूखा राशन और दवाइयां पहुंचा रहे हैं राजनांदगांव के समाजसेवी - Maa Patala Bhairavi temple

राजनांदगांव में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए टोटल लॉकडाउन लागू है. नक्सल प्रभावित वनांचल इलाकों में राशन और दवाई की कमी न हो, इसके लिए मां पाताल भैरवी मंदिर से जुड़े समाजसेवी लगातार ग्रामीणों की मदद कर रहे हैं.

Ration and drug distribution to poor families
गांव-गांव में राशन वितरण
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Published : May 12, 2021, 8:37 PM IST

राजनांदगांव: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. इसे रोकने के लिए टोटल लॉकडाउन किया गया है. टोटल लॉकडाउन के दौरान परिवहन सुविधा भी पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. करीब 150 किलोमीटर दूर धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में निवास करने वाले आदिवासी परिवारों के सामने भोजन और दवाइयों का संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति को देखते हुए शहर के मां पाताल भैरवी मंदिर से जुड़े समाजसेवी लोगों ने आदिवासी अंचल के इन गांव में लगातार सूखा राशन और जरूरतमंद लोगों को उनकी दवाइयां मुहैया कराने में लगे हुए हैं.

Ration and drug distribution to poor families
गांव-गांव में राशन वितरण

शहर की सेवाभावी संस्था मां पाताल भैरवी मंदिर के अध्यक्ष राजेश मारू और पत्रकार कमलेश सिमनकर लॉकडाउन के बाद से लगातार वनांचल में नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर सूखा राशन, कपड़े, हरी सब्जी, दवाइयां पहुंचाने का काम कर रहे हैं. समाजसेवी वहां तक पहुंच रहे हैं जहां शासन-प्रशासन की मदद भी नहीं पहुंच पा रही है.

Ration and drug distribution to poor families
गरीब परिवारों को राशन और दवाई वितरण

ब्लैक फंगस को लेकर छत्तीसगढ़ में हड़कंप, एम्स में डॉक्टरों की बड़ी बैठक

लोगों की लगातार कर रहे हैं मदद

3 दर्जन से अधिक गांवों में कुल 1200 से अधिक परिवारों को सूखा राशन, कपड़े और हरी सब्जी पहुंचा चुके हैं. संस्था की मंशा पूरी तरह साफ है कि लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे ग्रामीणों को भूख की मार ना झेलनी पड़े. साथ ही जिले के वनांचल में रहने वाले किसी भी परिवार को दवाइयों के लिए परेशान न होना पड़े. उन्हें अपने मोबाइल पर डॉक्टर की पर्ची मंगवाकर राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर से दवाइयां लाकर 160 किलोमीटर दूर तक छोड़कर आ रहे हैं.

ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए कर रहे प्रोत्साहित

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगे वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन लगवाएं. राशन के साथ ही ग्रामीणों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

जिले में वैक्सीनेशन का हाल

जिले में 68 वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेशन को लेकर के स्वास्थ्य काफी प्रयास कर रहा है. स्वास्थ विभाग की ओर से जिले में 60 साल या फिर इससे अधिक उम्र वालों के लिए 68 वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं. एक सेंटर में 100 डोज के हिसाब से दिन भर में 6800 लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है. गिनती के 1084 लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. 861 सेकंड डोज और पहले डोज वाले 223 शामिल है.

वैक्सीनेशन से ही होगा बचाव

सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रुचि लेकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. खासकर 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने की ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन लगने के बाद शरीर में एंटीबॉडी तेजी से बनेगी जिससे संक्रमण से लड़ने कि शरीर में क्षमता पैदा होगी. यह एकमात्र उपाय है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ा जा सकता है. वैक्सीनेशन कराने से जिले की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी स्वस्थ हो सकती है.

राजनांदगांव: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. इसे रोकने के लिए टोटल लॉकडाउन किया गया है. टोटल लॉकडाउन के दौरान परिवहन सुविधा भी पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. करीब 150 किलोमीटर दूर धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में निवास करने वाले आदिवासी परिवारों के सामने भोजन और दवाइयों का संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति को देखते हुए शहर के मां पाताल भैरवी मंदिर से जुड़े समाजसेवी लोगों ने आदिवासी अंचल के इन गांव में लगातार सूखा राशन और जरूरतमंद लोगों को उनकी दवाइयां मुहैया कराने में लगे हुए हैं.

Ration and drug distribution to poor families
गांव-गांव में राशन वितरण

शहर की सेवाभावी संस्था मां पाताल भैरवी मंदिर के अध्यक्ष राजेश मारू और पत्रकार कमलेश सिमनकर लॉकडाउन के बाद से लगातार वनांचल में नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर सूखा राशन, कपड़े, हरी सब्जी, दवाइयां पहुंचाने का काम कर रहे हैं. समाजसेवी वहां तक पहुंच रहे हैं जहां शासन-प्रशासन की मदद भी नहीं पहुंच पा रही है.

Ration and drug distribution to poor families
गरीब परिवारों को राशन और दवाई वितरण

ब्लैक फंगस को लेकर छत्तीसगढ़ में हड़कंप, एम्स में डॉक्टरों की बड़ी बैठक

लोगों की लगातार कर रहे हैं मदद

3 दर्जन से अधिक गांवों में कुल 1200 से अधिक परिवारों को सूखा राशन, कपड़े और हरी सब्जी पहुंचा चुके हैं. संस्था की मंशा पूरी तरह साफ है कि लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे ग्रामीणों को भूख की मार ना झेलनी पड़े. साथ ही जिले के वनांचल में रहने वाले किसी भी परिवार को दवाइयों के लिए परेशान न होना पड़े. उन्हें अपने मोबाइल पर डॉक्टर की पर्ची मंगवाकर राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर से दवाइयां लाकर 160 किलोमीटर दूर तक छोड़कर आ रहे हैं.

ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए कर रहे प्रोत्साहित

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगे वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन लगवाएं. राशन के साथ ही ग्रामीणों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

जिले में वैक्सीनेशन का हाल

जिले में 68 वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेशन को लेकर के स्वास्थ्य काफी प्रयास कर रहा है. स्वास्थ विभाग की ओर से जिले में 60 साल या फिर इससे अधिक उम्र वालों के लिए 68 वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं. एक सेंटर में 100 डोज के हिसाब से दिन भर में 6800 लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है. गिनती के 1084 लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. 861 सेकंड डोज और पहले डोज वाले 223 शामिल है.

वैक्सीनेशन से ही होगा बचाव

सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रुचि लेकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. खासकर 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने की ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन लगने के बाद शरीर में एंटीबॉडी तेजी से बनेगी जिससे संक्रमण से लड़ने कि शरीर में क्षमता पैदा होगी. यह एकमात्र उपाय है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ा जा सकता है. वैक्सीनेशन कराने से जिले की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी स्वस्थ हो सकती है.

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