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राजनांदगांव: 7 महीने बाद नगर निगम का बजट पेश, BJP ने महापौर पर साधा निशाना

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Published : Oct 15, 2020, 11:05 PM IST

राजनांदगांव नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट महापौर हेमा देशमुख ने पेश किया. नव निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने बजट को नाकाफी बताया है. उन्होंने महापौर पर निशाना साधा है.

Rajnandgaon Municipal Corporation budget presented
नगर निगम का बजट पेश

राजनांदगांव: नगर निगम में 7 माह बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में पिछले कई सालों से अधूरी पड़ी योजनाओं को जस का तस रखा गया है. लेकिन नए योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रावधान करते हुए नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने एक बार फिर शहर को गड़बो नवा राजनांदगांव का सपना दिखाया है. हालांकि उनके चुनावी कई वादों इस बजट में कोई स्थान नहीं मिला है. बजट पेश होने के बाद ऐसे ही मुद्दों के चलते महापौर हेमा देशमुख भाजपा पार्षदों के निशाने पर हैं.

नगर निगम का बजट पेश

महापौर हेमा देशमुख ने अपने कार्यकाल का प्रथम बजट पेश किया. बजट में 55 लाख 58 हजार रुपए का घाटा दिखाया जा रहा है. वहीं विकास कार्यों को लेकर के नगर निगम के आय बढ़ाने की योजना पर फोकस करते हुए बजट तैयार किया गया है. हालांकि पिछली कई योजनाएं अब तक अधूरी पड़ी है. जिसे लेकर के नगर निगम के पास बजट प्रावधान ही नहीं है. इसके अलावा नगर निगम में 7 माह बाद बजट पेश किए जाने को लेकर के भी सवाल उठ रहे हैं. माना जा रहा है कि नगर निगम में बिना बजट के पिछले 7 माह तक मनमाना खर्च किया गया है. इसके बाद अब वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 55 लाख 58 हजार रुपए के घाटे का बजट पेश किया गया है.

पढ़ें: नामांकन पत्र स्वीकार करने के अलावा निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं: अमित जोगी

बजट में क्या मिला शहर को

गोधन न्याय योजना के तहत नगर निगम काम करने की तैयारी में है. इसके लिए बजट में 1 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. वृक्षारोपण और शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 1 करोड़ का रुपए का प्रावधान किया गया है. पौनी-पसारी योजना के लिए 1.7 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. सौर ऊर्जा की स्थापना, स्वर्ग रथ, एटीएम मशीन, खेल एवं साहित्य पुस्तक सहित पार्क के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. इसके अलावा गढ़ कलेवा, प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रशिक्षण, अंडर ब्रिज निर्माण, सिग्नल पर सेट निर्माण, कुएं और नालियों के संधारण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है.

शुरू होगी मेयर हेल्पलाइन

बजट में शहर के लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए अब मेयर हेल्पलाइन की स्थापना नगर निगम करेगा इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है. शहर के लोगों को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए और उनकी शिकायतों का त्वरित निदान के लिए मेयर हेल्पलाइन की शुरुआत की जा रही है. इसके जरिए लोग अपनी शिकायतें त्वरित रूप से मेयर तक पहुंचा सकेंगे.

आय बढ़ाने पर फोकस

नगर निगम के इस वित्तीय बजट में मेडिकल कंपलेक्स के निर्माण के लिए दो करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसके अलावा बहुमंजिला व्यवसायिक परिसर पुत्री शाला में निर्माण किए जाने की तैयारी है. आयुर्वेदिक औषधालय में व्यवसायिक परिसर निर्माण के लिए बजट प्रावधान किया गया है. महिला समृद्धि बाजार वाटर पार्क का निर्माण को लेकर का बजट में प्रावधान किया गया है.

पुराने वादे पूरा नहीं कर पाई महापौर

नगर निगम के नव निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में नगर निगम को जो बजट दिया गया था और जिन योजनाओं पर काम किया जाना था वह अब तक के अधूरी हैं. नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने अधूरे पड़े कामों की ओर ध्यान देने की बजाय केवल शहर को नई योजनाओं का सपना दिखा रही है. जो कि सिर्फ सपने हैं. पूर्व में नगर निगम में जो योजनाएं अधूरी पड़ी है. उन्हें ही पूरा कर दिया जाए तो शहर के लोगों को काफी राहत मिल सकती है.

राजनांदगांव: नगर निगम में 7 माह बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में पिछले कई सालों से अधूरी पड़ी योजनाओं को जस का तस रखा गया है. लेकिन नए योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रावधान करते हुए नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने एक बार फिर शहर को गड़बो नवा राजनांदगांव का सपना दिखाया है. हालांकि उनके चुनावी कई वादों इस बजट में कोई स्थान नहीं मिला है. बजट पेश होने के बाद ऐसे ही मुद्दों के चलते महापौर हेमा देशमुख भाजपा पार्षदों के निशाने पर हैं.

नगर निगम का बजट पेश

महापौर हेमा देशमुख ने अपने कार्यकाल का प्रथम बजट पेश किया. बजट में 55 लाख 58 हजार रुपए का घाटा दिखाया जा रहा है. वहीं विकास कार्यों को लेकर के नगर निगम के आय बढ़ाने की योजना पर फोकस करते हुए बजट तैयार किया गया है. हालांकि पिछली कई योजनाएं अब तक अधूरी पड़ी है. जिसे लेकर के नगर निगम के पास बजट प्रावधान ही नहीं है. इसके अलावा नगर निगम में 7 माह बाद बजट पेश किए जाने को लेकर के भी सवाल उठ रहे हैं. माना जा रहा है कि नगर निगम में बिना बजट के पिछले 7 माह तक मनमाना खर्च किया गया है. इसके बाद अब वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 55 लाख 58 हजार रुपए के घाटे का बजट पेश किया गया है.

पढ़ें: नामांकन पत्र स्वीकार करने के अलावा निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं: अमित जोगी

बजट में क्या मिला शहर को

गोधन न्याय योजना के तहत नगर निगम काम करने की तैयारी में है. इसके लिए बजट में 1 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. वृक्षारोपण और शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 1 करोड़ का रुपए का प्रावधान किया गया है. पौनी-पसारी योजना के लिए 1.7 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. सौर ऊर्जा की स्थापना, स्वर्ग रथ, एटीएम मशीन, खेल एवं साहित्य पुस्तक सहित पार्क के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. इसके अलावा गढ़ कलेवा, प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रशिक्षण, अंडर ब्रिज निर्माण, सिग्नल पर सेट निर्माण, कुएं और नालियों के संधारण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है.

शुरू होगी मेयर हेल्पलाइन

बजट में शहर के लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए अब मेयर हेल्पलाइन की स्थापना नगर निगम करेगा इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है. शहर के लोगों को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए और उनकी शिकायतों का त्वरित निदान के लिए मेयर हेल्पलाइन की शुरुआत की जा रही है. इसके जरिए लोग अपनी शिकायतें त्वरित रूप से मेयर तक पहुंचा सकेंगे.

आय बढ़ाने पर फोकस

नगर निगम के इस वित्तीय बजट में मेडिकल कंपलेक्स के निर्माण के लिए दो करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसके अलावा बहुमंजिला व्यवसायिक परिसर पुत्री शाला में निर्माण किए जाने की तैयारी है. आयुर्वेदिक औषधालय में व्यवसायिक परिसर निर्माण के लिए बजट प्रावधान किया गया है. महिला समृद्धि बाजार वाटर पार्क का निर्माण को लेकर का बजट में प्रावधान किया गया है.

पुराने वादे पूरा नहीं कर पाई महापौर

नगर निगम के नव निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में नगर निगम को जो बजट दिया गया था और जिन योजनाओं पर काम किया जाना था वह अब तक के अधूरी हैं. नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने अधूरे पड़े कामों की ओर ध्यान देने की बजाय केवल शहर को नई योजनाओं का सपना दिखा रही है. जो कि सिर्फ सपने हैं. पूर्व में नगर निगम में जो योजनाएं अधूरी पड़ी है. उन्हें ही पूरा कर दिया जाए तो शहर के लोगों को काफी राहत मिल सकती है.

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