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सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण, दी ये चेतावनी - छुरिया विकासखंड के ग्रामीण सचिव से परेशान

डोंगरगांव के छुरिया विकासखंड के जोंधरा के ग्रामीण सचिव की मनमानी से परेशान है. सचिव न मजदूरों को मजदूरी दे रहे है. न ही गांव में कोई भी विकासकार्य पूरे किए जा रहे है.

Panchayat representatives and villagers upset with the working of the secretary in dongargaon
सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण
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Published : Dec 4, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 1:01 PM IST

डोंगरगांव: छुरिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जोंधरा के सचिव की कार्यशैली का मामला अब और भी गरमाने लगा है. ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच और ग्राम के मुखिया और ग्रामीण सचिव को हटाने की मांग कर रहे हैं. मांग नहीं मानने पर आंदोलन व तालाबंदी तक की चेतावनी भी दी गई है.

सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण

ग्राम पंचायत में आये दिन अनुपस्थित रहने वाले सचिव ने विभिन्न मदों की राशि को अपने निजी उपयोग के लिए रख लिया है. जबकि यह राशि मजदूरों के मजदूरी के लिए थी. ऐसे ही कुछ अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामवासी आंदोलन का मूड बना रहे हैं.

सचिव की कार्यप्रणाली से ग्रामीण परेशान

Panchayat representatives and villagers upset with the working of the secretary in dongargaon
सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण

दरअसल जोंधरा सचिव मनसुखलाल ठाकुर की कार्य प्रणाली व उसके संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सचिव अपना रवैय्या नहीं बदलते हैं, तो उन्हें यहां से हटा दिया जाये. इस बात की शिकायत जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक की गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले में कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहे है. जिसके बाद अब गांव में राजनीति शुरू हो गई है.इस संबंध में सरपंच सुरेन्द्र मेश्राम ने बताया कि सचिव के पंचायत में कई-कई दिनों तक नहीं रहने से ग्रामीण परेशान हैं.गांव के कई विकास कार्य लंबित पड़े है.

पढ़ें: नारायणपुर: किसान आंदोलन से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने 'हक' के लिए डटे आदिवासी

पंचायत की राशि के संबंध में नहीं दी जानकारी

ग्राम जोंधरा के पंचायत प्रतिनिधियों व मजदूरों ने बताया कि पंचायत मद के हजारों रुपये सचिव ने अपने पास रखे हैं जबकि यह राशि बतौर मजदूरी मजदूरों को दिया जाना था. इस मामले में सरपंच सुरेन्द्र मेश्राम ने बताया कि इस संबंध में ग्राम पंचायत की बैठक में सचिव के द्वारा अपने पास रहना स्वीकारते हुए इस शीध्र भुगतान के लिए कहा था, लेकिन अभी तक राशि नहीं दी गई.

मामले में सचिव मनसुखलाल ठाकुर ने बताया कि उनका मोबाइल चोरी हो गया था. जिसके कारण संपर्क नहीं हो पाया. पंचायत मद की कोई भी राशि रखने से उन्होंने इंकार कर दिया.

डोंगरगांव: छुरिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जोंधरा के सचिव की कार्यशैली का मामला अब और भी गरमाने लगा है. ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच और ग्राम के मुखिया और ग्रामीण सचिव को हटाने की मांग कर रहे हैं. मांग नहीं मानने पर आंदोलन व तालाबंदी तक की चेतावनी भी दी गई है.

सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण

ग्राम पंचायत में आये दिन अनुपस्थित रहने वाले सचिव ने विभिन्न मदों की राशि को अपने निजी उपयोग के लिए रख लिया है. जबकि यह राशि मजदूरों के मजदूरी के लिए थी. ऐसे ही कुछ अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामवासी आंदोलन का मूड बना रहे हैं.

सचिव की कार्यप्रणाली से ग्रामीण परेशान

Panchayat representatives and villagers upset with the working of the secretary in dongargaon
सचिव की कार्यशैली से परेशान पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण

दरअसल जोंधरा सचिव मनसुखलाल ठाकुर की कार्य प्रणाली व उसके संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सचिव अपना रवैय्या नहीं बदलते हैं, तो उन्हें यहां से हटा दिया जाये. इस बात की शिकायत जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक की गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले में कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहे है. जिसके बाद अब गांव में राजनीति शुरू हो गई है.इस संबंध में सरपंच सुरेन्द्र मेश्राम ने बताया कि सचिव के पंचायत में कई-कई दिनों तक नहीं रहने से ग्रामीण परेशान हैं.गांव के कई विकास कार्य लंबित पड़े है.

पढ़ें: नारायणपुर: किसान आंदोलन से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने 'हक' के लिए डटे आदिवासी

पंचायत की राशि के संबंध में नहीं दी जानकारी

ग्राम जोंधरा के पंचायत प्रतिनिधियों व मजदूरों ने बताया कि पंचायत मद के हजारों रुपये सचिव ने अपने पास रखे हैं जबकि यह राशि बतौर मजदूरी मजदूरों को दिया जाना था. इस मामले में सरपंच सुरेन्द्र मेश्राम ने बताया कि इस संबंध में ग्राम पंचायत की बैठक में सचिव के द्वारा अपने पास रहना स्वीकारते हुए इस शीध्र भुगतान के लिए कहा था, लेकिन अभी तक राशि नहीं दी गई.

मामले में सचिव मनसुखलाल ठाकुर ने बताया कि उनका मोबाइल चोरी हो गया था. जिसके कारण संपर्क नहीं हो पाया. पंचायत मद की कोई भी राशि रखने से उन्होंने इंकार कर दिया.

Last Updated : Dec 4, 2020, 1:01 PM IST
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