राजनांदगांव/डोंगरगांव: शहर का शासकीय प्राथमिक शाला अंग्रेजी मीडियम का सबसे पुराना स्कूल माना जाता है. इस स्कूल में पहली बार कलरव नाम से बाल मेले का आयोजन किया गया है. सरकारी स्कूल का यह सफल आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है.शासकीय स्कूलों में ऐसे आयोजन कम होते हैं. इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद स्कूल ने 'कलरव' का आयोजन किया. जिसमें स्कूल में अब तक जिन शिक्षकों ने सेवा दी और जिन लोगों ने यहां पहले पढ़ाई की उन्हें आमंत्रित किया गया था.
स्कूली बच्चों ने सांसकृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अकादमिक विषयों पर मॉडल बनाए. स्कूल प्रबंधन ने तरह-तरह के गेम जोन तैयार किए. शहर के सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया. पूर्व छात्रों ने परिवार सहित कार्यक्रमों मे हिस्सा लिया. यादों को बनाए रखने के लिए ही सेल्फी पांइट का भी इंतजाम किया गया था.
इस तरह का आयोजन बच्चों के लिए शिक्षाप्रद
प्रधानपाठक पवन ठाकुर ने बताया कि, लगातार बढ़ते निजी स्कूल और निजी स्कूल की ओर लोगों के रूझान सरकारी स्कूलों की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं. साल-दर-साल स्कूल में बच्चों के दाखिला लेने की संख्या में गिरावट आई है. ऐसे आयोजन बच्चों और अभिभावकों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करेगा.
पवन ठाकुर ने कहा कि अब स्कूल लगातार ऐसे आयोजन करेगा ताकि लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदले.
'कलरव' का मतलब
आयोजन का नाम 'कलरव' रखा गया. कलरव पंछी की चहचहाहट को कहा जाता है. स्कूल का मानना है कि स्कूल में बच्चों की जो अवाजें गूंजती हैं वह 'कलरव' की तरह होती है. यह अवाजें ऐसे ही बनी रहे इसी उम्मीद में इसका नाम कलरव रखा गया है.
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कार्यक्रम में कई बड़े अधिकारी हुए शामिल
संस्था के भूतपूर्व छात्र विकास गोस्वामी जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में बिलासपुर में पदस्थ हैं. उन्होंने संस्था को ग्यारह हजार रुपये और अकादमिक विषयों पर प्रथम आने वाले छात्र को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है.