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राजनांदगांव: सरकारी स्कूल का यह बाल मेला है खास, जहां जुटी कई बड़ी हस्तियां

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Published : Dec 4, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 11:56 PM IST

शहर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में कलरव नाम से बाल मेले का आयोजन किया गया. इस आयोजन में स्कूल के पुराने छात्रों के साथ यहां कार्य कर चुके शिक्षक भी शामिल हुए. इस खास आयोजन में शामिल होकर स्कूली बच्चे भी काफी खुश हुए.

organizing kalrao bal mela at oldest school
बाल मेला कलरव ने जीता सबका दिल

राजनांदगांव/डोंगरगांव: शहर का शासकीय प्राथमिक शाला अंग्रेजी मीडियम का सबसे पुराना स्कूल माना जाता है. इस स्कूल में पहली बार कलरव नाम से बाल मेले का आयोजन किया गया है. सरकारी स्कूल का यह सफल आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है.शासकीय स्कूलों में ऐसे आयोजन कम होते हैं. इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद स्कूल ने 'कलरव' का आयोजन किया. जिसमें स्कूल में अब तक जिन शिक्षकों ने सेवा दी और जिन लोगों ने यहां पहले पढ़ाई की उन्हें आमंत्रित किया गया था.

स्कूली बच्चों ने सांसकृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अकादमिक विषयों पर मॉडल बनाए. स्कूल प्रबंधन ने तरह-तरह के गेम जोन तैयार किए. शहर के सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया. पूर्व छात्रों ने परिवार सहित कार्यक्रमों मे हिस्सा लिया. यादों को बनाए रखने के लिए ही सेल्फी पांइट का भी इंतजाम किया गया था.

इस तरह का आयोजन बच्चों के लिए शिक्षाप्रद
प्रधानपाठक पवन ठाकुर ने बताया कि, लगातार बढ़ते निजी स्कूल और निजी स्कूल की ओर लोगों के रूझान सरकारी स्कूलों की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं. साल-दर-साल स्कूल में बच्चों के दाखिला लेने की संख्या में गिरावट आई है. ऐसे आयोजन बच्चों और अभिभावकों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करेगा.

पवन ठाकुर ने कहा कि अब स्कूल लगातार ऐसे आयोजन करेगा ताकि लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदले.

'कलरव' का मतलब
आयोजन का नाम 'कलरव' रखा गया. कलरव पंछी की चहचहाहट को कहा जाता है. स्कूल का मानना है कि स्कूल में बच्चों की जो अवाजें गूंजती हैं वह 'कलरव' की तरह होती है. यह अवाजें ऐसे ही बनी रहे इसी उम्मीद में इसका नाम कलरव रखा गया है.

पढ़ें : मेरी सुरक्षा हटाई गई है लेकिन मेरे दौरों में कोई कमी नहीं होगी: रमन

कार्यक्रम में कई बड़े अधिकारी हुए शामिल
संस्था के भूतपूर्व छात्र विकास गोस्वामी जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में बिलासपुर में पदस्थ हैं. उन्होंने संस्था को ग्यारह हजार रुपये और अकादमिक विषयों पर प्रथम आने वाले छात्र को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है.

राजनांदगांव/डोंगरगांव: शहर का शासकीय प्राथमिक शाला अंग्रेजी मीडियम का सबसे पुराना स्कूल माना जाता है. इस स्कूल में पहली बार कलरव नाम से बाल मेले का आयोजन किया गया है. सरकारी स्कूल का यह सफल आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है.शासकीय स्कूलों में ऐसे आयोजन कम होते हैं. इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद स्कूल ने 'कलरव' का आयोजन किया. जिसमें स्कूल में अब तक जिन शिक्षकों ने सेवा दी और जिन लोगों ने यहां पहले पढ़ाई की उन्हें आमंत्रित किया गया था.

स्कूली बच्चों ने सांसकृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अकादमिक विषयों पर मॉडल बनाए. स्कूल प्रबंधन ने तरह-तरह के गेम जोन तैयार किए. शहर के सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया. पूर्व छात्रों ने परिवार सहित कार्यक्रमों मे हिस्सा लिया. यादों को बनाए रखने के लिए ही सेल्फी पांइट का भी इंतजाम किया गया था.

इस तरह का आयोजन बच्चों के लिए शिक्षाप्रद
प्रधानपाठक पवन ठाकुर ने बताया कि, लगातार बढ़ते निजी स्कूल और निजी स्कूल की ओर लोगों के रूझान सरकारी स्कूलों की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं. साल-दर-साल स्कूल में बच्चों के दाखिला लेने की संख्या में गिरावट आई है. ऐसे आयोजन बच्चों और अभिभावकों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करेगा.

पवन ठाकुर ने कहा कि अब स्कूल लगातार ऐसे आयोजन करेगा ताकि लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदले.

'कलरव' का मतलब
आयोजन का नाम 'कलरव' रखा गया. कलरव पंछी की चहचहाहट को कहा जाता है. स्कूल का मानना है कि स्कूल में बच्चों की जो अवाजें गूंजती हैं वह 'कलरव' की तरह होती है. यह अवाजें ऐसे ही बनी रहे इसी उम्मीद में इसका नाम कलरव रखा गया है.

पढ़ें : मेरी सुरक्षा हटाई गई है लेकिन मेरे दौरों में कोई कमी नहीं होगी: रमन

कार्यक्रम में कई बड़े अधिकारी हुए शामिल
संस्था के भूतपूर्व छात्र विकास गोस्वामी जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में बिलासपुर में पदस्थ हैं. उन्होंने संस्था को ग्यारह हजार रुपये और अकादमिक विषयों पर प्रथम आने वाले छात्र को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है.

Intro:*कलरव बाल मेला में पूर्व छात्रों और शिक्षकों की यादें ताजा*
0 सरकारी स्कूल के प्रति बदला नजरिया
0 बच्चों को सीखने के मिले विभिन्न आयाम, सोशल मीडिया में भी छाये रहे बच्चे
डोंगरगांव(एंकर) : नगर के सबसे पुराने और शहर की शान जिस स्कूल की स्थापना ब्रिटिश जमाने से है उस स्कूल में पहली बार बाल मेला *कलरव* का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस मेले में बच्चों ने खूब मस्ती की साथ ही इस स्कूल में पढ़ चुके विद्यार्थियों और इस संस्था में अपनी सेवाएं दे चुके शिक्षकों ने भरपूर आंनद लिया।         
Body:बता दें कि शासकीय प्राथमिक शाला अंग्रेजी माध्यम में बाल उसव मेला कलरव संपन्न हुआ. जिसमें अकादमिक विषयों पर बचों द्वारा बनाए गए मॉडल एवं उनके द्वारा किये गए स्तरीय प्रस्तुतिकरण से जनमानस मे सरकारी स्कूल के प्रति नजरिये मे सकारामक बदलाव की झलक देखने को मिली. कक्षा दूसरी की छााा कु.तकदीश फ़ातिमा बेग ने सोलर सिस्टम पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसे सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है. बीते कुछ वर्षों मे प्राइवेट स्कूलों मे बच्चों को भर्ती कराने की होड़ के चलते शासकीय संस्था मे विद्यार्थियों की दर्ज संख्या लगातार गिर रही है. ऐसे समय में 1881 से संचालित इस शाला का सामुदायिक सहभागिता को अपने परिसर से जोड़े जाने का यह अभिनव प्रयास नगर मे जबरदस्त प्रशंसा का विषय बना हुआ है. कलरव मे शहर के सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने जिसमें श्वेतांबर जैन समाज से श्री पार्श्व मंडल, दिगंबर जैन समाज से सखी मंडल, ब्राहम्ण समाज महिला मंडल, शिक्षिकाओं का समूह, ज्ञान प्रबोधिनी आदि के द्वारा फूड जोन से लेकर छोटे बच्चों को सीखने के अवसर देने के दृष्टिकोण से तरह-तरह के गेमज़ोन भी तैयार किये गए थे. जिसमें समस्त छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. संस्था से सेवानृवित्त शिक्षकगण भी उपस्थित हुए. जिसमें से.नि.शिक्षिका दुलारी यदु, से.नि.शिक्षक हुकुमचंद जैन एवं हीरालाल ढोमो को अपने मय पाकर पूरे शिक्षक समाज एवं विद्यार्थियों मे हर्ष का वतावरा था. इस अवसर पर श्री ढोमणे ने अपने संस्मरण में बताया कि इस संस्था मे उनके दादाजी, पिताजी एवं वे स्वयं शिक्षा प्राप्त कर प्रधानपाठक पद से सेवानृवित्त हुए हैं. इस प्रकार उनकी तीन पीढ़ियों ने इस संस्था मे अपनी सेवाएं दी है. वर्तमान में इस संस्था के प्रधानपाठक पवन ठाकुर जो इस पूरे कार्यक्रम के सूत्रधार हैं, वे भी इसी संस्था के छात्र रहे हैं. इसके अलावा संस्था के कुछ छात्र पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए हैं. संस्था के भूतपूर्व छात्र विकास गोस्वामी जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त बिलासपुर हैं, ने शिक्षा के ऋण से कभी भी उऋण नहीं हो पाने की बात कही. उन्होंने संस्था को ग्यारह हजार रुपये एवं अकादमिक विषयों पर प्रथम आने वाले छात्र को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की. संस्था के भूतपूर्व छात्रों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसे ध्यान में रखते हुए संस्था द्वारा एक सेल्फी ज़ोन भी बनाया गया था. जिसमें सभी भूतपूर्व छात्रों ने अपने बैच के सहपाठियों एवं पूरे परिवार के साथ अपनी पुरानी एवं नई स्मृतियों को कैमरे में कैद किया. उक्त कार्यक्रम के संयोजन में शिक्षकों के साथ संस्था परिसर की भूतपूर्व छात्रा दीपमाला टावरी का योगदान महत्वपूर्ण रहा. कार्यक्रम में विशेष अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे, थाना प्रभारी शिवेंद्र राजपूत, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आर.एल.पात्रे ने भूरि-भूरि प्रशंसा की.
Conclusion:बाइट- पवन ठाकुर, प्रधानपाठक, शा.बा.प्रा. शाला(अंग्रेजी माध्यम)
Last Updated : Dec 4, 2019, 11:56 PM IST
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