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BREAKING: 13 लाख के इनामी नक्सल दंपति का सरेंडर, संगठन पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Feb 13, 2019, 2:48 PM IST

राजनांदगांव: प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है. राजनांदगांव के आईजी रतन लाल डांगी के सामने बुधवार को 13 लाख रुपये का इनामी नक्सली दंपति ने सरेंडर कर दिया है.

सरेंडर नक्सली दंपति

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सल दंपति ने नक्सलियों और उनके संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नक्सलियों की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. दोनों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटना का फैसला किया है.

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दोनों नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम करते थे और नक्सलियों के साथ कई वारदात को अंजाम देने में शामिल थे. वहीं जगदलपुर में भी नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ है. यहां 5 लाख नकद और हथियार के साथ पुलिस ने दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सल दंपति ने नक्सलियों और उनके संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नक्सलियों की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. दोनों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटना का फैसला किया है.

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दोनों नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम करते थे और नक्सलियों के साथ कई वारदात को अंजाम देने में शामिल थे. वहीं जगदलपुर में भी नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ है. यहां 5 लाख नकद और हथियार के साथ पुलिस ने दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है.

Intro:राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर राजनांदगांव पुलिस के समक्ष 13 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने सरेंडर किया है नक्सल दंपत्ति कुल 9 घटनाओं में शामिल थे वहीं नागपुर में रहकर शहरी नेटवर्क के लिए काम करते थे नक्सलियों के साथ रहकर उन्होंने शहरी नेटवर्क को मजबूत करने का काम किया सरेंडर नक्सली दंपत्ति एमएमसी जोन के इंचार्ज दीपक उर्फ मिलन तेलतुबंड़े के सबसे विश्वासपात्र माने जाते हैं सरेंडर नक्सलियों को आईजी रतनलाल डांगी ने ₹10000 की प्रोत्साहन राशि दी है।


Body:नक्सलियों पर अब राज्य शासन के पुनर्वास नीति का प्रभाव पड़ने लगा है बुधवार को नक्सल दंपत्ति नंदू उस विवेक बंटी एवं उसकी पत्नी कमला उर्फ कोमल राजनांदगांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है सरेंडर नक्सली दंपत्ति ने ईटीवी भारत को बताया कि नक्सलियों के साथ काम करते हुए वे थक चुके थे और लगातार दुर्व्यवहार के चलते उन्होंने संगठन छोड़ने का फैसला लिया वही जब उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के विषय पर पता चला तो उन्होंने सरेंडर करने की सोची इस बीच बुधवार को आईजी के समक्ष नक्सल दंपति ने सरेंडर किया.
पढ़ाई के दौरान ही हुए थे शामिल
सरेंडर नक्सली विवेक ने बताया कि 2004 में नागपुर में पढ़ाई के दौरान वह विद्यार्थी आंदोलन से जुड़े और उसके बाद नक्सलियों के साथ शामिल हो गए 2005 से 2009 तक माओवादियों के शहरी नेटवर्क को लगातार उन्होंने मजबूत किया महाराष्ट्र के शहरी नेटवर्क में काम करते हुए वे माओवादियों के ससस्त्र विंग केकेके एरिया कमेटी में शामिल हुए इसके बाद 2013 से लेकर 2016 तक सीसीएम के गार्ड रहे इसके बाद उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था 2017 में सीसी कमेटी का एरिया सचिव भी बनाया गया इसके तहत उन्हें नागपुर शहर भेजा गया था जहां उन्हें शहरी नेटवर्क को मजबूत करना था.
5 घटनाओं में शामिल थी कोमल
सरेंडर नक्सली कोमल ने बताया कि किरपा कमेटी में 2009 में नक्सली संगठन में वह शामिल हुई इसके बाद से 2010 दम पर मिली एरिया कमेटी में काम किया 2011 से 13 तक काम करने के बाद उन्हें नर्मदा का गार्ड बनाया गया 2016 से लेकर के 2018 तक कोमल ने पहाड़ सिंह के सीसीएम स्टाफ में काम किया.


Conclusion:
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