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वेतन बढ़ाने की मांग पर रसोइयों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा - कलेक्टर

मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाली महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार से वेतन बढ़ाने का मांग रखी है.

रसोइयों ने खोला मोर्चा
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Published : Jul 30, 2019, 7:55 AM IST

राजनांदगांव: जिले में मिड डे मील बनाने की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाओं ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिला समूहों में कार्यरत महिलाओं ने सरकार से वेतन बढ़ाए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

रसोइयों ने खोला मोर्चा

बता दें कि मध्यान्ह भोजन का जिम्मा संभाल रही महिला समूह में कार्यरत रसोइयों को महज 1200 का वेतन दिया जा रहा है, जिससे महिला समूह में काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि 12 सौ रुपए के वेतन में पूरे महीने का खर्च चलाना संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से लगातार वेतनमान बढ़ाए जाने को लेकर निवेदन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों को केवल अनसुना किया गया है.

5 हजार रुपए हो वेतनमान
महिला समूह की महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य सरकार को उनके विषय में सोचना चाहिए. इस महंगाई के दौर में कम से कम न्यूनतम 5 हजार रुपये प्रतिमाह वेतनमान रसोइयों को दिया जाना तय करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को सरकार से पीएफ भी मिलना चाहिए.

राजनांदगांव: जिले में मिड डे मील बनाने की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाओं ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिला समूहों में कार्यरत महिलाओं ने सरकार से वेतन बढ़ाए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

रसोइयों ने खोला मोर्चा

बता दें कि मध्यान्ह भोजन का जिम्मा संभाल रही महिला समूह में कार्यरत रसोइयों को महज 1200 का वेतन दिया जा रहा है, जिससे महिला समूह में काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि 12 सौ रुपए के वेतन में पूरे महीने का खर्च चलाना संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से लगातार वेतनमान बढ़ाए जाने को लेकर निवेदन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों को केवल अनसुना किया गया है.

5 हजार रुपए हो वेतनमान
महिला समूह की महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य सरकार को उनके विषय में सोचना चाहिए. इस महंगाई के दौर में कम से कम न्यूनतम 5 हजार रुपये प्रतिमाह वेतनमान रसोइयों को दिया जाना तय करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को सरकार से पीएफ भी मिलना चाहिए.

Intro:राजनांदगांव जिले में मध्यान भोजन पकाने का जिम्मा संभालने वाली महिलाओं ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है मध्यान भोजन पकाने वाली महिला समूहों में कार्यरत महिलाओं ने सरकार से वेतन बढ़ाए जाने की मांग की है वही पीएफ और नियमित किए जाने सहित अन्य सुविधाएं दिए जाने को लेकर अपना मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा है.


Body:जिले में मध्यान भोजन का जिम्मा संभाल रही महिला समूह में कार्यरत रसोइयों को महेश 1200 का वेतनमान दिया जाता है इस वेतनमान को लेकर के महिला समूह में काफी नाराजगी है उनका कहना है कि 12 सौ रुपए वेतन में पूरे माह का खर्च चलाना और मध्यान भोजन का संचालन करना संभव नहीं है उन्होंने कहा कि समय-समय पर राज्य सरकार से लगातार वेतनमान बढ़ाए जाने को लेकर वे निवेदन करते आ रहे हैं लेकिन अब तक के उनकी मांगों को केवल अनसुना कर दिया गया है.
5 हजार रुपया हो वेतनमान
महिला समूह की महिलाओं ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य सरकार को उनके विषय में सोचना चाहिये वर्तमान महंगाई के दौर में कम से कम न्यूनतम ₹5000 प्रतिमाह वेतनमान रसोइयों को दिया जाना तय करना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिलाओं को पीएफ भी मिलना चाहिए.


Conclusion:बता दें कि इसके पूर्व कई बार रसोईया संघ के नेतृत्व में महिलाओं ने अपने वेतनमान को लेकर के आवाज बुलंद की है तकरीबन 5 साल से लगातार समय-समय पर मध्यान भोजन पकाने का जिम्मा संभाल रही महिलाएं लगातार वेतनमान बढ़ाए जाने की मांग कर रही है।
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