राजनांदगांव: हर साल जिले में गणेशोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. साल भर लोग गणेश चतुर्थी का इंतजार करते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण ने त्योहार का रंग फीका कर दिया है. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है. हर साल की तरह इस साल शहर में बड़े पंडाल नहीं सजाए जा रहे हैं. लोग इस साल बड़े ही हर्षोल्लास के साथ घर पर भगवान को विराजित कर रहे हैं. भगवान की स्थापना को लेकर सभी घरों में सजावट लगभग पूरी हो चुकी है. इस बार मूर्तिकार भी छोटी मूर्तियां ज्यादा बना रहे हैं. हालांकि बड़ी मूर्तियों के स्थापित नहीं होने की वजह से मूर्तिकार निराश हैं.
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सार्वजनिक पंडाल नहीं लगने की वजह से लोग अपने घरों में ही भगवान गणेश का पंडाल बिठा रहे हैं. लोग पंडाल की सजावट करने में लगे हुए हैं. मूर्तिकारों के पास से छोटी प्रतिमाओं को लेकर जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस साल बड़ी मूर्तियों के नहीं बैठाए जाने से मूर्तिकारों को बड़ा नुकसान सहना पड़ा है. छोटी मूर्तियों से उन्हें उतनी आय नहीं हो पा रही है, जितनी बीते साल हुई थी. मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश की प्रतिमाओं का ऑर्डर औसत से 80 फीसदी कम है. इस एक सीजन के भरोसे मूर्तिकार पूरे साल का खर्च निकालते हैं. मूर्तिकारों ने प्रशासन से राहत की मांग पहले ही कर रखी है, जिस पर शासन की तरफ से कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है.
शासन ने जारी किया आदेश
प्रशासन ने बड़ी मूर्तियों के निर्माण पर पहले ही पाबंदी लगा दी थी. सार्वजनिक पंडालों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई थी. शासन ने पंडाल के जरिए संक्रमण फैलने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी समिति के सदस्यों पर डाल दी थी. इस वजह से भी पंडाल 10 फीसदी तक कम हो गए हैं.
पंडाल पर प्रतिबंध, शराब दुकानों में भीड़
आम लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि शासन-प्रशासन ने पंडाल पर तो पाबंदी लगा दी है, लेकिन शराब दुकान, बैंक, विभिन्न राजनीतिक दलों के सार्वजनिक आयोजन और अन्य स्थलों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है.