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6 दिन की बच्ची के पेट में मिला भ्रूण, दुनियाभर के ऐसे 200 मामलों में छग में ये दूसरा

राजनांदगांव जिले में 6 दिन की बच्ची के पेट में भ्रूण मिला है, फिलहाल बच्ची को चिकित्सक की देख-रेख में रखे जाने की सलाह परिजनों को दी गई है.

6 दिन की बच्ची की पेट में मिला भ्रूण
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Published : Oct 19, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:02 PM IST

राजनांदगांव: जिले में नवजात बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण मिलने का मामला सामने आया है. मामले में डॉक्टरों का कहना है कि अब तक विश्व में 200 ऐसे मामले सामने आए हैं. अकेले भारत में 10 मामले ऐसे मिले हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 2 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें नवजात शिशु के पेट में भ्रूण की मौजूदगी पाई गई है.

6 दिन की बच्ची के पेट में मिला भ्रूण

मामला उस समय का है, जब परिजन अपनी 6 दिन की बच्ची को लेकर जिले के गांधी नर्सिंग होम पहुंचे और डॉक्टर को बच्ची के पेट फुले होने की जानकारी दी, जिसके बाद डॉक्टर ने 6 दिन की बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण किया. टेस्ट में बच्ची के पेट में एक गोला पाया गया, जिसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ने बच्ची का सोनोग्राफी करने के बारे में सोचा और बच्ची को शहर के विधि डायग्नोसिस सेंटर में रेफर किया, जब बच्ची की सोनोग्राफी की गई तो इस दौरान बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण दिखाई दिया, जिसके हाथ पैर और दिमाग का कुछ हिस्सा बन चुका था.

'फिट्स इन फीटू कहा जाता है'
वहीं सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर अमित मोदी ने बताया कि 2 किलो वजन की बच्ची के भीतर एक और भ्रूण मिलना काफी दुर्लभ है. इस तरह के मामले को मेडिकल भाषा में फिट्स इन फीटू कहा जाता है, जो लगभग 5 लाख जीवित बच्चों में किसी एक के साथ ही ऐसा होता है.

ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है भ्रूण
डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के पेट में से भ्रूण को निकालने के लिए बच्ची का वजन 4 से 5 किलो होना जरूरी है. बच्ची के पेट में भ्रूण आवेशित है और उसके बढ़ने के कोई लक्षण नहीं है, जिसे ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है. इसके लिए उसे रायपुर रेफर किया जाएगा, लेकिन इस काम को करने के लिए लगभग 4 महीने का समय लगेगा.

चिकित्सक की देखरेख में रखी जाएगी 6 महीने की बच्ची
डॉक्टर ने बताया कि भारत में अब तक इस तरह के कुल 10 मामले सामने आए है. वहीं विश्व में लगभग 200 मामले सामने आए हैं. चिकित्सा के दृष्टिकोण से दो जुड़वा बच्चे बनने की स्थिति में इस तरह की घटना होती है. कई मामलों में बच्चे आपस में जुड़े पैदा होते हैं, तो कुछ मामलों में नवजात के पेट में ही इस तरह से भ्रूण विकसित हो जाता है. फिलहाल बच्ची को चिकित्सक की देखरेख में रखे जाने की सलाह परिजनों को दी गई है.

राजनांदगांव: जिले में नवजात बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण मिलने का मामला सामने आया है. मामले में डॉक्टरों का कहना है कि अब तक विश्व में 200 ऐसे मामले सामने आए हैं. अकेले भारत में 10 मामले ऐसे मिले हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 2 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें नवजात शिशु के पेट में भ्रूण की मौजूदगी पाई गई है.

6 दिन की बच्ची के पेट में मिला भ्रूण

मामला उस समय का है, जब परिजन अपनी 6 दिन की बच्ची को लेकर जिले के गांधी नर्सिंग होम पहुंचे और डॉक्टर को बच्ची के पेट फुले होने की जानकारी दी, जिसके बाद डॉक्टर ने 6 दिन की बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण किया. टेस्ट में बच्ची के पेट में एक गोला पाया गया, जिसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ने बच्ची का सोनोग्राफी करने के बारे में सोचा और बच्ची को शहर के विधि डायग्नोसिस सेंटर में रेफर किया, जब बच्ची की सोनोग्राफी की गई तो इस दौरान बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण दिखाई दिया, जिसके हाथ पैर और दिमाग का कुछ हिस्सा बन चुका था.

'फिट्स इन फीटू कहा जाता है'
वहीं सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर अमित मोदी ने बताया कि 2 किलो वजन की बच्ची के भीतर एक और भ्रूण मिलना काफी दुर्लभ है. इस तरह के मामले को मेडिकल भाषा में फिट्स इन फीटू कहा जाता है, जो लगभग 5 लाख जीवित बच्चों में किसी एक के साथ ही ऐसा होता है.

ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है भ्रूण
डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के पेट में से भ्रूण को निकालने के लिए बच्ची का वजन 4 से 5 किलो होना जरूरी है. बच्ची के पेट में भ्रूण आवेशित है और उसके बढ़ने के कोई लक्षण नहीं है, जिसे ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है. इसके लिए उसे रायपुर रेफर किया जाएगा, लेकिन इस काम को करने के लिए लगभग 4 महीने का समय लगेगा.

चिकित्सक की देखरेख में रखी जाएगी 6 महीने की बच्ची
डॉक्टर ने बताया कि भारत में अब तक इस तरह के कुल 10 मामले सामने आए है. वहीं विश्व में लगभग 200 मामले सामने आए हैं. चिकित्सा के दृष्टिकोण से दो जुड़वा बच्चे बनने की स्थिति में इस तरह की घटना होती है. कई मामलों में बच्चे आपस में जुड़े पैदा होते हैं, तो कुछ मामलों में नवजात के पेट में ही इस तरह से भ्रूण विकसित हो जाता है. फिलहाल बच्ची को चिकित्सक की देखरेख में रखे जाने की सलाह परिजनों को दी गई है.

Intro:राजनांदगांव। 6 दिन की नवजात बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण मिलने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिला मुख्यालय इलाज के लिए पहुंची खैरागढ़ क्षेत्र की दंपत्ति के नवजात शिशु के साथ ऐसी घटना हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि अब तक विश्व में 200 ऐसे मामले आए हैं अकेले भारत में 10 मामले मिले हैं वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में अब तक 2 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें नवजात शिशु के पेट में भ्रूण की मौजूदगी पाई गई है।

Body:डॉक्टरों के अनुसार जब एक मां जुड़वा बच्चों से गर्भवती होती है तब यह अनोखी और दुर्लभ स्थिति निर्मित होती है जिससे 1 गुण दूसरे गुण के अंदर अपना स्थान बना लेता है इसे चिकित्सा की भाषा में फिट्स इन फीटू कहा जाता है।

ऐसे पता चला मामला

राजनांदगांव शहर के गांधी नर्सिंग होम में 6 दिन की एक बच्ची को लेकर उसके परिजन पहुंचे। परिजनों ने डॉक्टर से कहा कि बच्ची का पेट फुला हुआ लग रहा है। इसके बाद डॉक्टर ने उस 6 दिन की बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण किया। इस दौरान बच्ची के पेट में एक गोला होना प्रतीत हो रहा था। जिसकी पुष्टि के लिए बच्ची का सोनोग्राफी कराने के डॉक्टर ने शहर के विधि डायग्नोसिस सेंटर में बच्ची को रेफर किया। यहां महज 6 दिन की इस बच्ची के सोनोग्राफी के दौरान उसके पेट में अविकसित भ्रूण दिखाई दिया। जिसके हाथ पैर और दिमाग का कुछ हिस्सा बन चुका था। 2 किलो वजन कि इस बच्ची के भीतर एक और भ्रूण मिलना काफी दुर्लभ समस्या है। सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर अमित मोदी का कहना है कि इस तरह के मामले को मेडिकल भाषा में फिट्स इन फीटू कहा जाता है। जो लगभग 5 लाख जीवित बच्चों में किसी एक के साथ ही ऐसा होता है।
*बाइट- डॉक्टर अमित मोदी*
Conclusion:6 दिन की बच्ची के पेट में मिले इस भ्रूण को निकालने के लिए बच्ची का वजन 4 से 5 किलो होना जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची के पेट में भ्रूण आवेशित है और उसके बढ़ने के कोई लक्षण नहीं है। जिसे ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है। इसके लिए उसे रायपुर रिफर किया जाएगा। लेकिन इस काम को करने लगभग 4 माह का वक्त लगेगा। नवजात के पेट में पूर्ण होने के मामले भारत में लगभग 9 हुए हैं और विश्व में लगभग 200 ही इस तरह के मामले सामने आए हैं। चिकित्सा के दृष्टिकोण से दो जुड़वा बच्चे बनने की स्थिति में इस तरह की घटना होती है। कई मामलों में बच्चे आपस में जुड़े पैदा होते हैं , तो कुछ मामलों में नवजात के पेट में इस तरह से भ्रूण विकसित हो जाता है। बहरहाल बच्ची को चिकित्सक की देखरेख में रखे जाने की सलाह परिजनों को दी गई है।
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:02 PM IST
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