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राजनांदगांव: नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन - राजनांदगांव न्यूज

राजनांदगांव में कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने नेशनल हाईवे पर सांकेतिक धरना दिया. किसानों का कहना है कि ये कानून उनके हित में नहीं है.

Farmers jammed National Highway in Rajnandgaon against Agriculture Act
नए कृषि कानून का विरोध
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Published : Nov 5, 2020, 7:28 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 8:52 PM IST

राजनांदगांव: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने नेशनल हाईवे पर विरोध शुरू कर दिया है. नेशनल हाईवे 53 पर किसानों ने नए कृषि कानून का विरोध करते हुए नेशनल हाईवे को सांकेतिक रूप से जाम किया और अपनी आवाज बुलंद की. किसानों का कहना है कि नए विधेयक से किसानों का अहित होगा और व्यापारियों और जमाखोरों को इस कानून से काफी मदद मिलेगी. वे किसानों का खुलकर शोषण कर सकेंगे.

नए कृषि कानून का विरोध

नेशनल हाइवे पर किसान

नेशनल हाईवे 53 पर जिला किसान और मजदूर संघ ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान तकरीबन 15 मिनट नेशनल हाईवे पर किसान डटे रहने की वजह से जाम लग गया. मौके पर पहुंची पुलिस पार्टी लगातार किसानों के प्रदर्शन पर नजर रखे हुए थी. मौके पर पहुंचे तहसीलदार रमेश मौर्य मोर्चा संभाले हुए थे.

पढ़ें: बस्तर: 4 हजार किसान नहीं बेच पाएंगे धान, पंजीयन का नियम बनी वजह

समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं
जिला किसान संघ के अध्यक्ष सुदेश टीकम ने बताया कि नए कृषि कानून में कहीं भी समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं किया गया है. समर्थन मूल्य नहीं होने से किसानों को सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा. व्यापारी अपना मूल्य तय कर किसानों का शोषण करते रहेंगे. उन्होंने नए विधेयक को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने मांग की है कि किसानों के हितों को देखते हुए वर्तमान बिल को वापस लिया जाए.

ताली पीटकर बिल का विरोध

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने ताली पीटकर केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश की. नए बिल के विरोध में उतरे किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि अगर केंद्र सरकार वर्तमान बिल को वापस नहीं लेती तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे.

राजनांदगांव: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने नेशनल हाईवे पर विरोध शुरू कर दिया है. नेशनल हाईवे 53 पर किसानों ने नए कृषि कानून का विरोध करते हुए नेशनल हाईवे को सांकेतिक रूप से जाम किया और अपनी आवाज बुलंद की. किसानों का कहना है कि नए विधेयक से किसानों का अहित होगा और व्यापारियों और जमाखोरों को इस कानून से काफी मदद मिलेगी. वे किसानों का खुलकर शोषण कर सकेंगे.

नए कृषि कानून का विरोध

नेशनल हाइवे पर किसान

नेशनल हाईवे 53 पर जिला किसान और मजदूर संघ ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान तकरीबन 15 मिनट नेशनल हाईवे पर किसान डटे रहने की वजह से जाम लग गया. मौके पर पहुंची पुलिस पार्टी लगातार किसानों के प्रदर्शन पर नजर रखे हुए थी. मौके पर पहुंचे तहसीलदार रमेश मौर्य मोर्चा संभाले हुए थे.

पढ़ें: बस्तर: 4 हजार किसान नहीं बेच पाएंगे धान, पंजीयन का नियम बनी वजह

समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं
जिला किसान संघ के अध्यक्ष सुदेश टीकम ने बताया कि नए कृषि कानून में कहीं भी समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं किया गया है. समर्थन मूल्य नहीं होने से किसानों को सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा. व्यापारी अपना मूल्य तय कर किसानों का शोषण करते रहेंगे. उन्होंने नए विधेयक को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने मांग की है कि किसानों के हितों को देखते हुए वर्तमान बिल को वापस लिया जाए.

ताली पीटकर बिल का विरोध

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने ताली पीटकर केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश की. नए बिल के विरोध में उतरे किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि अगर केंद्र सरकार वर्तमान बिल को वापस नहीं लेती तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे.

Last Updated : Nov 5, 2020, 8:52 PM IST
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