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राजनांदगांव : इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित घोड़ी को दी गई मौत

ठेठवार पारा के रफीक खान बग्गी का काम करते हैं उनकी घोड़ी में ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद  पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने घोड़ी को बेहोशी का ओवरडोज देकर मार दिया गया है.

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Published : Jun 27, 2019, 1:36 PM IST

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राजनांदगांव : पशुओं में होने वाली खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स ने राजनांदगांव में भी दस्तक दे दी है. ठेठवार पारा में एक घोड़ी में इस बीमारी की पुष्टि हुई, जिसके बाद शासन से स्वीकृति मिलने के बाद घोड़ी को बेहोशी का ओवरडोज देकर मार दिया गया है.

खतरनाक बीमारी से पीड़ित घोड़ी को दी गई मौत

दरअसल, ठेठवार पारा के रफीक खान बग्गी का काम करते हैं उनकी घोड़ी में ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने शासन से घोड़ी को मारने की अनुमति मांगी थी.

8 फीट गहरे गड्ढे में किया दफन
शासन से अनुमति मिलने के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में घोड़ी को थायोपेंटान का इंजेक्शन लगाया गया. जिसके बाद घोड़ी की मौत हो गई. घोड़ी की मौत के बाद उसे ट्रेचिंग ग्राउंड में 8 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया. संक्रमण के खतरे को देखते हुए टीम ने चूने, नमक और फिनाइल का भी आसपास के क्षेत्र में छिड़काव किया है.

राजनांदगांव : पशुओं में होने वाली खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स ने राजनांदगांव में भी दस्तक दे दी है. ठेठवार पारा में एक घोड़ी में इस बीमारी की पुष्टि हुई, जिसके बाद शासन से स्वीकृति मिलने के बाद घोड़ी को बेहोशी का ओवरडोज देकर मार दिया गया है.

खतरनाक बीमारी से पीड़ित घोड़ी को दी गई मौत

दरअसल, ठेठवार पारा के रफीक खान बग्गी का काम करते हैं उनकी घोड़ी में ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने शासन से घोड़ी को मारने की अनुमति मांगी थी.

8 फीट गहरे गड्ढे में किया दफन
शासन से अनुमति मिलने के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में घोड़ी को थायोपेंटान का इंजेक्शन लगाया गया. जिसके बाद घोड़ी की मौत हो गई. घोड़ी की मौत के बाद उसे ट्रेचिंग ग्राउंड में 8 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया. संक्रमण के खतरे को देखते हुए टीम ने चूने, नमक और फिनाइल का भी आसपास के क्षेत्र में छिड़काव किया है.

Intro:
राजनांदगांव.पशुओं में होने वाली खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स ने राजनांदगांव में भी दस्तक दे दी है ठेठवार पारा में रफीक खान बग्गी वाले की घोड़ी को ग्लैंडर्स नामक बीमारी होने की पुष्टि हुई थी इस पुष्टि के बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने घोड़ी को बेहोशी का ओवरडोज दे दिया है इससे उसकी मौत हो गई है इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने विशेष देखरेख में नवागांव स्थित कचरा संग्रहण केंद्र वाले मैदान में उसे दफन कर दिया है.

Body:बता दें कि खतरनाक ग्लैंडर्स वायरस के दूसरे जानवर व लोगों में फैलने के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग ने इसके
लिए अनुमति मांगी थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद मंगलवार शाम को विशेषज्ञ
चिकित्सकों की देखरेख में घोड़ी को
थायोपेंटान का इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद मृत घोड़े को ट्रेचिंग ग्राउंड में
दफन करते हुए विनिष्टिकरण किया गया। घोड़ी के शरीर के विनिष्टिकरण किए जाने की प्रक्रिया विशेषज्ञों की देखरेख में की गई है इसके लिए नगर निगम से जेसीबी मंगाकर 8 फीट गड्ढा खोदा गया जहां घोड़ी के शरीर को दफन किया गया है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों की टीम ने सावधानी बरतते हुए चूने नमक फिनाइल का भी छिड़काव आसपास के जगह पर किया है.

Conclusion:बाइट तरुण रामटेके पशु चिकित्सा अधिकारी
बाइट मोजो से भेजी गई है
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