राजनांदगांव: चिटफंड कंपनी में फंसे लोगों की रकम वापसी के लिए राज्य सरकार निवेशकों से आवेदन जमा करवा रही है. आवेदन जमा करने तहसील कार्यालय में निवेशकों की लंबी कतार नजर आ रही है. 6 अगस्त आवेदन जमा करने की आखिरी डेट है. दूसरे जिले के निवेशक भी यहां आवेदन जमा करने पहुंच रहे हैं. एक ही काउंटर होने की वजह से आवेदन जमा करने निवेशकों में होड़ मची है.
राज्य शासन ने घोषणापत्र के वादे के अनुसार चिटफंड कंपनियों की जाल में फंसे निवेशकों की रकम को वापस लौटाने की कवायद शुरू की है. बीते साल धनतेरस के दिन राज्य शासन ने कई निवेशकों के पैसे वापस कराए थे, एक बार फिर बचे हुए निवेशक से दस्तावेज आमंत्रित कर उनके पैसे लौटाने की कवायद की जा रही है. जिसके लिए दस्तावेज जमा करने सैकड़ों निवेशक तहसील कार्यालय परिसर में उमड़ने लगे. घंटों तक लोगों की लंबी कतारें लगी रही.
राजनांदगांव के कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि शासन के निर्देश के बाद चिटफंड कंपनियों में अपने पैसे गंवा चुके लोगों के रुपये लौटाने का सिलसिला शुरू किया गया है. चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर निवेशकों के पैसे लौटाए जा रहे हैं. चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर राजनांदगांव जिले के हजारों लोगों ने अपने अरबों रुपये लुटा दिए. किसी ने 1 लाख निवेश किया तो किसी ने 10 लाख निवेश किए, लेकिन मेच्योरिटी पूरी होने के बाद भी ना उन्हें डबल रकम मिली और ना उनकी मूल रकम अदा हुई.
धमतरी: चिटफंड कंपनी में फंसे रकम वापसी के लिए निवेशकों की उमड़ी भीड़
ऐसे में निवेशकों ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायालय और राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की. निवेशकों को उनके पैसे लौटाने राज्य शासन के आदेश के बाद निवेशकों को उनके रुपए मिलने की उम्मीद जगी है.
वहीं निवेशकों ने कहा कि वह अपने परिचय एजेंटों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों में निवेश किए थे. उन्हें रुपये दोगुने होने का लालच दिया गया था. दस्तावेज जमा करने को लेकर प्रशासन ने 6 तारीख तक का समय निवेशकों को दिया है. निवेशकों की भीड़ को देखते हुए यह समय पर्याप्त नजर नहीं आ रहा है. सिंगल काउंटर होने की वजह से फॉर्म जमा करने लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. इसके साथ ही अव्यवस्था भी नजर आ रही है. निवेशकों ने फॉर्म जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग शासन प्रशासन से की है.