राजनांदगांवः समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की मांग को लेकर किसानों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. बाजार में मक्के की कीमत बहुत कम होने से उत्पादक किसान परेशान हैं. समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने की वजह से खैरागढ़ में किसानों को अपनी उपज आधी कीमत पर ही बेचनी पड़ रही है. किसानों को अब समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी की आस है, लेकिन इसे लेकर अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है, जिससे किसानों में मायूसी है.
प्रदेश सरकार ने चुनाव प्रचार के दौरान 1,750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदी का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं की गई है. किसानों को पिछले वर्ष 1800 रुपए से 2100 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत मिली थी, जिसकी वजह से उन्हें सरकारी खरीदी की जरूरत नहीं पड़ी थी, लेकिन इस साल किसानों को 1000 रुपए से 1200 रुपए प्रति क्विंटल कीमत ही मिल पा रही है, इसलिए उन्हें अब सरकारी खरीदी का ही सहारा दिखाई दे रहा है.
जिला मुख्यालय में नहीं होती खरीदी
एक ओर जहां जिला प्रशासन मक्के की खेती काे बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहा है, कृषि विभाग भी मक्के के बीज किसानों को बांट रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने किसानों से उपज खरीदीने के लिए जिला मुख्यालय में कोई व्यवस्था ही नहीं की है. किसानों का कहना है कि इस साल बेमौसम बारिश की वजह से लगभग फसल बर्बाद हो गई है और जो उपज मिला है, उसे बेचने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
बांधाबाजार में ही होती है खरीदी
ब्लॉक मुख्यालय से करीब 80-90 किलोमीटर दूर अंबागढ़ चौकी के बांधाबाजार में ही मक्के की समर्थन मूल्य में खरीदी होती है, लेकिन इस बार स्थानीय किसानों का पंजीयन नहीं होने की बात सामने आ रही है. जिसके कारण किसान परेशान नजर आ रहे हैं, क्योंकि बाजार में उन्हें मक्के की 1000 प्रति क्विंटल राशि ही मिल रही है, जिससे फसल की लागत भी वसूल नहीं की जा सकती है.