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पुलकेश मौत मामले में शुक्ला हॉस्पिटल पर लटकी तलवार, कार्रवाई के लिए लिखा खत - Rajnandgaon News

पुलकेश साहू की मौत मामले में शुक्ला मल्टी स्पेश्यालिटी हॉस्पिटल प्रबंधन और अस्पताल के 2 डॉक्टरों पर अपराधिक मामला दर्ज करने के लिए जयप्रकाश मौर्य ने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र लिखा है.

शुक्ला हॉस्पिटल पर लटकी कार्रवाई की तलवार
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Published : Nov 3, 2019, 8:12 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 1:20 PM IST

राजनांदगांव : बेलगांव के पुलकेश साहू की मौत के मामले में शुक्ला मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन और अस्पताल के 2 डॉक्टरों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. इसके लिए कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें हॉस्पिटल की मान्यता निरस्त करने की अनुशंसा के साथ FIR करने की बात कही है.

पुलकेश मौत मामले में शुक्ला हॉस्पिटल पर लटकी तलवार

दरअसल, 26 सितंबर की रात ड्यूटी से लौटते समय बेलगांव निवासी पुलकेश साहू बालोद जिले के देवरी-जेवरतला के पास सड़क हादसे में घायल हो गया था. प्राथमिक उपचार के बाद पुलकेश को शुक्ला स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों ने रात में एक्स-रे और अन्य जांच कर इसे सामान्य चोट बताकर इलाज कर दिया, जिसके बाद 27 सितंबर की सुबह पुलकेश की मौत हो गई. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हॉस्पिटल प्रबंधन और 2 डॉक्टर डॉ. प्रतीक कौशिक और चमन निषाद पर FIR की मांग की थी.

अब होगा अपराधिक मामला दर्ज
परिजन शुरुआत से ही प्रबंधन और डाक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे. बसंतपुर थाने में परिजन शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जांच रिपोर्ट नहीं आने की वजह से पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की थी. अब जांच रिपोर्ट में प्रबंधन और डॉक्टर्स की गड़बड़ी सामने आने के बाद शुक्ला हास्पिटल यह पहला ऐसा केस है, जिसमें हास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.

पढ़ें : चरित्र शंका में पति बना हैवान, पत्नी को उतारा मौत के घाट

साक्ष्य छुपाने के आरोप
परिजनों की शिकायत पर जब एसडीएम की टीम ने मामले जांच की तो कई गड़बड़ी सामने आई थी. अस्पताल प्रबंधन और डाक्टर्स ने ड्यूटी रजिस्टर में मनमानी की. सीसीटीवी का फुटेज भी डिलीट कर दिया. पुलकेश के परिजनों को भी गलत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की गई. जांच के बाद प्रबंधन को फुटेज उपलब्ध कराने लगातार नोटिस भी दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने फुटेज उपलब्ध नहीं कराया. इस कारण साक्ष्य छुपाने और गलत जानकारी देने पर कलेक्टर ने अपराधिक मामला दर्ज कराने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र लिखा है.

राजनांदगांव : बेलगांव के पुलकेश साहू की मौत के मामले में शुक्ला मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन और अस्पताल के 2 डॉक्टरों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. इसके लिए कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें हॉस्पिटल की मान्यता निरस्त करने की अनुशंसा के साथ FIR करने की बात कही है.

पुलकेश मौत मामले में शुक्ला हॉस्पिटल पर लटकी तलवार

दरअसल, 26 सितंबर की रात ड्यूटी से लौटते समय बेलगांव निवासी पुलकेश साहू बालोद जिले के देवरी-जेवरतला के पास सड़क हादसे में घायल हो गया था. प्राथमिक उपचार के बाद पुलकेश को शुक्ला स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों ने रात में एक्स-रे और अन्य जांच कर इसे सामान्य चोट बताकर इलाज कर दिया, जिसके बाद 27 सितंबर की सुबह पुलकेश की मौत हो गई. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हॉस्पिटल प्रबंधन और 2 डॉक्टर डॉ. प्रतीक कौशिक और चमन निषाद पर FIR की मांग की थी.

अब होगा अपराधिक मामला दर्ज
परिजन शुरुआत से ही प्रबंधन और डाक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे. बसंतपुर थाने में परिजन शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जांच रिपोर्ट नहीं आने की वजह से पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की थी. अब जांच रिपोर्ट में प्रबंधन और डॉक्टर्स की गड़बड़ी सामने आने के बाद शुक्ला हास्पिटल यह पहला ऐसा केस है, जिसमें हास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.

पढ़ें : चरित्र शंका में पति बना हैवान, पत्नी को उतारा मौत के घाट

साक्ष्य छुपाने के आरोप
परिजनों की शिकायत पर जब एसडीएम की टीम ने मामले जांच की तो कई गड़बड़ी सामने आई थी. अस्पताल प्रबंधन और डाक्टर्स ने ड्यूटी रजिस्टर में मनमानी की. सीसीटीवी का फुटेज भी डिलीट कर दिया. पुलकेश के परिजनों को भी गलत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की गई. जांच के बाद प्रबंधन को फुटेज उपलब्ध कराने लगातार नोटिस भी दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने फुटेज उपलब्ध नहीं कराया. इस कारण साक्ष्य छुपाने और गलत जानकारी देने पर कलेक्टर ने अपराधिक मामला दर्ज कराने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र लिखा है.

Intro:राजनांदगांव। बेलगांव निवासी 23 वर्षीय एमआर पुलकेश साहू की मौत के मामले में भी शुक्ला मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। कलेक्टर ने अपनी जांच में हॉस्पिटल की मान्यता निरस्त करने की अनुशंसा कर दी हैमुख्यमंत्री के निज सचिव को लिखे पत्र में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने स्पष्ट यह कर दिया है। वही हास्पिटल प्रबंधन व डाक्टरों पर अापराधिक मामला दर्ज करने की बात कही है। यानी पुलकेश के परिजनों की शिकायत पर प्रबंधन के साथ डा. प्रतीक कौशिक व डा. चमन निषाद के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकती है

Body:बता दें कि 26 सितंबर की रात ड्यूटी से लौटते समय बेलगांव निवासी 23 वर्षीय पुलकेश
साहू बालोद जिले के देवरी-जेवरतला के पास सड़क हादसे में घायल हो गया था। उसे पहले मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों ने प्राथमिक उपचार के बाद पुलकेश को शुक्ला मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल में भर्ती करा
दिया। वहां 26 की रात ही पुलकेश का एक्स-रे व अन्य जांच हुआ। जिसमें डाक्टरों ने सामान्य चोट बताकर इलाज कर दिया। दूसरे दिन 27 सितंबर की सुबह पुलकेश की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने प्रबंधन व डाक्टरों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाकर हास्पिटल में हंगामा किया था। बसंतपुर थाने में भी परिजनों ने डाक्टरों के खिलाफ शिकायत की थी।

0 स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद एफआईआर

परिजनों ने शुरुआत से ही प्रबंधन व डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर एफआइअार दर्ज कराने की मांग करते आ रहे हैं। बसंतपुर थाने में पहले ही परिजन शिकायत कर चुके हैं, पर स्वास्थ्य विभाग से जांच रिपोर्ट नहीं आने
की वजह से पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की थी। अब जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद शुक्ला हास्पिटल के साथ शहर के अन्य निजी अस्पताल प्रबंधन के डाक्टरों में भी हड़कंप मच गया है, क्योंकि यह पहला ऐसा केस
है। जिसमें हास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
Conclusion:
0 साक्ष्य छुपाने का लगा आरोप
हास्पिटल प्रबंधन व डा. प्रतीक कौशिक के साथ डा. चमन निषाद पर साक्ष्य छुपाने का आरोप लगा है। परिजनों की शिकायत पर जब एसडीएम की टीम ने मामले जांच की तो कई गड़बड़ी सामने आयी थी। अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों ने
ड्यूटी रजिस्टर में छेड़खानी की, वहीं सीसीटीवी का फूटेज भी डिलीट कर दिया। पुलकेश के परिजनों को भी गलत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की। जांच के बाद प्रबंधन को फूटेज उपलब्ध कराने लगातार नोटिस भी दिया
गया, लेकिन आखिर तक प्रबंधन ने फूटेज उपलब्ध नहीं कराई। इसके कारण
साक्ष्य छुपाने व गलत जानकारी देने के मामले में कलेक्टर ने अपराधिक मामला दर्ज कराने मुख्यमंत्री के निज सचिव को पत्र भेजा है।
Last Updated : Nov 3, 2019, 1:20 PM IST
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