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बैंक मैनेजर ने ही किया भ्रष्टाचार, कानून को ताक पर रख निकाला एक करोड़ का लोन

मामला साल 2011-2012 का है. इसमें फर्जी दस्तावेज तैयार कर 101 किसानों के नाम पर एक करोड़ का केसीसी लोन निकाला गया है. पुलिस बैंक मैनेजर के खिलाफ मामला दर्जकर जांच में जुट गई है.

डोंगरगांव थाना प्रभारी टीडी डेहरिया
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Published : May 19, 2019, 8:27 PM IST

राजनांदगांव : किसानों को दिए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यब फर्जीवाड़ा डोंगरगांव ब्लॉक के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने किया है. पुलिस बैंक मैनेजर के खिलाफ मामला दर्जकर जांच में जुट गई है.

केसीसी लोन में गड़बड़ी

दरअसल, पूरा मामला साल 2011-2012 का है. इसमें फर्जी दस्तावेज तैयार कर 101 किसानों के नाम पर एक करोड़ का केसीसी लोन निकाला गया है. वहीं जिन किसानों के नाम से बैंक से कृषि ऋण आवंटित हुआ है, उस नाम के क्षेत्र में किसान मौजूद ही नहीं है. कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से केसीसी लोन निकाला गया है. इस पूरे मामले में वर्तमान बैंक मैनेजर से संपर्क किया गया तब उन्होंने पूरे मामले का खुलासा किया. बताया कि तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने तकरीबन एक करोड़ से अधिक की रकम केसीसी लोन के नाम पर फर्जीवाड़े के तहत निकाली है.

सारे दस्तावेज फर्जी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन किसानों के नाम से लोन जारी किए गए हैं उनके दस्तावेजों में नक्शा, खसरा विवरण सहित एड्रेस प्रूफ तक फर्जी है. इन सभी दस्तावेजों में तहसीलदार और पटवारी के सील है और सक्षम अफसरों के दस्तखत भी हैं. इस कारण यह मामला और भी पेचीदा हो गया है और बड़े स्तर पर इस मामले में जांच होने पर कई अधिकारियों के संलिप्त होने की संभावना जताई जा रही है.

यह आ सकते हैं जांच के दायरे में
इस मामले में पटवारी, तहसीलदार, बैंक सहकर्मी, दलाल सभी जांच के दायरे में आ सकते हैं. इसकी वजह यह है कि कोई भी लोन इनके हस्ताक्षर के बिना पास नहीं हो सकते हैं. इस मामले में डोंगरगांव थाना प्रभारी टीडी डेहरिया का कहना है कि तत्कालिक मैनेजर सुनील पन्ना के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है. मामले में जांच की आवश्यकता है. जांच होने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ और अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा.

राजनांदगांव : किसानों को दिए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यब फर्जीवाड़ा डोंगरगांव ब्लॉक के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने किया है. पुलिस बैंक मैनेजर के खिलाफ मामला दर्जकर जांच में जुट गई है.

केसीसी लोन में गड़बड़ी

दरअसल, पूरा मामला साल 2011-2012 का है. इसमें फर्जी दस्तावेज तैयार कर 101 किसानों के नाम पर एक करोड़ का केसीसी लोन निकाला गया है. वहीं जिन किसानों के नाम से बैंक से कृषि ऋण आवंटित हुआ है, उस नाम के क्षेत्र में किसान मौजूद ही नहीं है. कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से केसीसी लोन निकाला गया है. इस पूरे मामले में वर्तमान बैंक मैनेजर से संपर्क किया गया तब उन्होंने पूरे मामले का खुलासा किया. बताया कि तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने तकरीबन एक करोड़ से अधिक की रकम केसीसी लोन के नाम पर फर्जीवाड़े के तहत निकाली है.

सारे दस्तावेज फर्जी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन किसानों के नाम से लोन जारी किए गए हैं उनके दस्तावेजों में नक्शा, खसरा विवरण सहित एड्रेस प्रूफ तक फर्जी है. इन सभी दस्तावेजों में तहसीलदार और पटवारी के सील है और सक्षम अफसरों के दस्तखत भी हैं. इस कारण यह मामला और भी पेचीदा हो गया है और बड़े स्तर पर इस मामले में जांच होने पर कई अधिकारियों के संलिप्त होने की संभावना जताई जा रही है.

यह आ सकते हैं जांच के दायरे में
इस मामले में पटवारी, तहसीलदार, बैंक सहकर्मी, दलाल सभी जांच के दायरे में आ सकते हैं. इसकी वजह यह है कि कोई भी लोन इनके हस्ताक्षर के बिना पास नहीं हो सकते हैं. इस मामले में डोंगरगांव थाना प्रभारी टीडी डेहरिया का कहना है कि तत्कालिक मैनेजर सुनील पन्ना के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है. मामले में जांच की आवश्यकता है. जांच होने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ और अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा.

Intro:राजनांदगांव किसानों को दिए जाने वाले केसीसी लोन में बड़ा फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है जिले के डोंगरगांव ब्लॉक के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने 101 किसानों का फर्जी दस्तावेज तैयार कर तकरीबन ₹10000000 से अधिक की राशि का लोन पास कर गड़बड़ी की है लंबे समय से जिन किसानों के नाम पर केसीसी लोन निकाले गए थे उनसे जब वर्तमान बैंक मैनेजर ने संपर्क किया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया बताया जा रहा है कि तत्कालीन मैनेजर सुनील पन्ना ने तकरीबन एक करोड़ से अधिक की रकम केसीसी लोन के नाम पर फर्जीवाड़े के तहत निकाली है इस मामले को लेकर के बैंक प्रबंधन ने डोंगरगांव थाने में सत्ता लीक मैनेजर सुनील पन्ना के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया है.


Body:मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला बीते वर्ष 2011 12 का है जहां खुद ही दूंगा गांव और छोरियां क्षेत्र के तकरीबन 101 किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपए का केसीसी लोन निकाला गया है बड़ी बात यह है कि जिन किसानों के नाम से बैंक से कृषि ऋण आवंटित हुआ है उस नाम के क्षेत्र में किसान मौजूद ही नहीं है. वहीं कुछ किसान ऐसे भी है जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके नाम से केसीसी लोन निकाला गया है.
सारे दस्तावेज फर्जी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन किसानों के नाम से लोन जारी किए गए हैं उनके दस्तावेजों में नक्शा खसरा विवरण सहित एड्रेस प्रूफ तक फर्जी है लेकिन मजे की बात यह है कि इन सभी दस्तावेजों में तहसीलदार और पटवारी की सिरमौर है और सक्षम अफसरों के दस्तखत भी हैं इस कारण यह मामला और भी पेचीदा हो गया है और बड़े स्तर पर इस मामले पर जांच किए जाने पर कई अधिकारियों के संलिप्त होने की संभावना जताई जा रही है.
यह आ सकते हैं जांच के दायरे में
इस मामले में पटवारी तहसीलदार बैंक सहकर्मी दलाल जांच के दायरे में आ सकते हैं क्योंकि केसीसी लोन के समस्त दस्तावेज इन लोगो की नजरों से हुए बगैर नहीं गुजरती है बिना इन लोगों के प्रमाणित किए दस्तावेजों को बैंक स्वीकार भी नहीं करता है इस कारण बड़े स्तर पर जांच की आवश्यकता है.
बैंक मैनेजर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध
इस मामले में डोंगरगांव थाना प्रभारी टीडी डेहरिया का कहना है कि तत्कालिक मैनेजर सुनील पन्ना के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है मामले में जांच की आवश्यकता है जांच होने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ और अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा.



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