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राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई, एक महीने के लिए पंजीयन सस्पेंड - सुंदरा मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल

राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अस्पताल का पंजीयन एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया है. अस्पताल प्रबंधन पर यह कार्रवाई रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता छिपाने और भर्ती मरीजों की सही जानकारी नहीं देने पर की गई है.

Action on Sundara Multispeciality Hospital in Rajnandgaon
राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पर कार्रवाई
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Published : May 6, 2021, 9:07 PM IST

राजनांदगांवः शहर के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर कार्रवाई की गई है. अस्पताल का पंजीयन स्वास्थ्य विभाग ने एक माह के लिए निलंबित कर दिया है. अब एक माह तक हॉस्पिटल में नए मरीज भर्ती नहीं ले सकेंगे. यह कार्रवाई हॉस्पिटल प्रबंधन की मनमानी को लेकर ही गई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता और मरीजों को लगाए इंजेक्शन की संख्या छुपाने पर कार्रवाई की गई है. अस्पताल प्रबंधन ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ किया था. जांच के दौरान स्वास्थ विभाग ने हॉस्पिटल में अनियमितता भी पाई थी. जिसको लेकर स्वास्थ विभाग ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी.

स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अस्पताल प्रबंधन बेड से अधिक कोरोना मरीजों को भर्ती कर नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन किया है. इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने आदेश जारी कर हॉस्पिटल के पंजीयन को एक माह के लिए निलंबित कर दिया है. हॉस्पिटल संचालक को भेजे पत्र में साफ हिदायत दी है कि एक माह तक कोई भी नए मरीज को भर्ती नहीं लें. अगर इसके बाद भी शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

खुले में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने पर दुर्ग के हाई-टेक अस्पताल पर कार्रवाई

सीएमएचओ ने मांगा था स्पष्टीकरण

सीएमएचओ ने बताया कि सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों से शासन के निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल की गई है. जबकि हॉस्पिटल में मरीजों के भोजन की व्यवस्था का स्पष्टीकरण ही नहीं दिया गया है. जांच के दौरान भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की अलग-अलग सूची दी गई. इससे यह स्पष्ट है कि संक्रमित मरीजों के भर्ती होने वाले दस्तावेज में भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने गड़बड़ी की है.

नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन

सीएमएचओ मिथलेश चौधरी बताया कि 100 बिस्तर वाले हॉस्पिटल में 60 बेड कोरोना संक्रमित मरीज और अन्य मरीजों के लिए 40 बेड की अनुमति दी गई है. इसका उल्लंघन कर हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोरोना के 75 मरीज भर्ती किए थे. जबकि यह नर्सिंग होम एक्ट के विरुद्ध है. हॉस्पिटल में कोरोना के इतने मरीज भर्ती लेने की अनुमति नहीं थी. इसके बाद भी यहां बेड से अधिक संक्रमित मरीजों को भर्ती लिया गया. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल का रिकार्ड भी गलत पाया गया है. प्रस्तुत दस्तावेज में भी स्पष्ट नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टीकरण को स्वीकार नहीं किया. गड़बड़ी मिलने के मामले में कार्रवाई करते हुए एक माह के लिए हॉस्पिटल के पंजीयन को निलंबित कर दिया है.

राजनांदगांवः शहर के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर कार्रवाई की गई है. अस्पताल का पंजीयन स्वास्थ्य विभाग ने एक माह के लिए निलंबित कर दिया है. अब एक माह तक हॉस्पिटल में नए मरीज भर्ती नहीं ले सकेंगे. यह कार्रवाई हॉस्पिटल प्रबंधन की मनमानी को लेकर ही गई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता और मरीजों को लगाए इंजेक्शन की संख्या छुपाने पर कार्रवाई की गई है. अस्पताल प्रबंधन ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ किया था. जांच के दौरान स्वास्थ विभाग ने हॉस्पिटल में अनियमितता भी पाई थी. जिसको लेकर स्वास्थ विभाग ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी.

स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अस्पताल प्रबंधन बेड से अधिक कोरोना मरीजों को भर्ती कर नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन किया है. इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने आदेश जारी कर हॉस्पिटल के पंजीयन को एक माह के लिए निलंबित कर दिया है. हॉस्पिटल संचालक को भेजे पत्र में साफ हिदायत दी है कि एक माह तक कोई भी नए मरीज को भर्ती नहीं लें. अगर इसके बाद भी शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

खुले में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने पर दुर्ग के हाई-टेक अस्पताल पर कार्रवाई

सीएमएचओ ने मांगा था स्पष्टीकरण

सीएमएचओ ने बताया कि सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों से शासन के निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल की गई है. जबकि हॉस्पिटल में मरीजों के भोजन की व्यवस्था का स्पष्टीकरण ही नहीं दिया गया है. जांच के दौरान भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की अलग-अलग सूची दी गई. इससे यह स्पष्ट है कि संक्रमित मरीजों के भर्ती होने वाले दस्तावेज में भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने गड़बड़ी की है.

नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन

सीएमएचओ मिथलेश चौधरी बताया कि 100 बिस्तर वाले हॉस्पिटल में 60 बेड कोरोना संक्रमित मरीज और अन्य मरीजों के लिए 40 बेड की अनुमति दी गई है. इसका उल्लंघन कर हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोरोना के 75 मरीज भर्ती किए थे. जबकि यह नर्सिंग होम एक्ट के विरुद्ध है. हॉस्पिटल में कोरोना के इतने मरीज भर्ती लेने की अनुमति नहीं थी. इसके बाद भी यहां बेड से अधिक संक्रमित मरीजों को भर्ती लिया गया. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल का रिकार्ड भी गलत पाया गया है. प्रस्तुत दस्तावेज में भी स्पष्ट नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टीकरण को स्वीकार नहीं किया. गड़बड़ी मिलने के मामले में कार्रवाई करते हुए एक माह के लिए हॉस्पिटल के पंजीयन को निलंबित कर दिया है.

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