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11 साल पहले कोरकुट्टी मदनवाड़ा नक्सली हमले में शहीद हुए थे 29 जवान, आज भी हरे हैं जख्म

कोरकुट्टी मदनवाड़ा नक्सली हमले में शहीद हुए एसपी वीके चौबे और 29 जवानों की शहादत को रविवार को श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई. राजनांदगांव पुलिस परिवार ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की, जहां शहीदों के परिवारवाले भी शामिल हुए और अपने बेटों के साथ बिताए हुए अंतिम पलों को याद किया.

korkutty madanwada naxal attack
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
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Published : Jul 12, 2020, 12:46 PM IST

राजनांदगांव: 12 जुलाई साल 2009 में कोरकुट्टी मदनवाड़ा नक्सली हमले में शहीद हुए एसपी वीके चौबे और 29 जवानों की शहादत को रविवार को राजनांदगांव पुलिस ने श्रद्धांजलि दी है. पुलिस ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर परिजनों को श्रीफल और साल भेंट करते हुए जवानों की शहादत को याद किया. जवानों की शहादत को याद करते हुए पुलिस परिवार ने शहीद वाटिका में शहीदों के नाम पौधरोपण भी किया.

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

रविवार 12 जुलाई को पुलिस लाइन में शहीद परिवारों के परिजनों ने शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी. शहीद स्मारक के सामने पुलिस के आला अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने अमर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पुष्प अर्पित किया. इसके बाद श्रद्धांजलि सभा में शहीदों को विधिवत श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर मौजूद शहीद परिवारों के परिजनों के साथ शहीदों की शहादत को याद करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा कि शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

korkutty madanwada naxal attack
29 जवान हुए थे शहीद

छलकते रहे आंख से आंसू

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद शहीदों के परिवारवालों की आंखे नम रही. पुलिस परिवार के सदस्यों ने परिजनों को संभालते हुए उन्हें ढांढस बंधाया. शहीदों की शहादत को याद करते हुए आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि शहीद वीके चौबे एकदम पुलिस अफसर थे और उन्होंने जो सपना राजनांदगांव के लिए देखा है, वह जल्द ही पूरा होगा. नक्सली उन्मूलन के लिए लगातार राजनंदगांव पुलिस काम कर रही है.

साल 2009 में हुआ था नक्सली हमला

बता दें कि 12 जुलाई साल 2009 में कोरकुट्टी मदनवाड़ा में हुए नक्सल हमले में जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. नक्सली हमले के इतिहास में यह बड़ी घटना थी, जिसमें पुलिस के आईपीएस अफसर सहित बड़ी संख्या में जवान शहीद हुए थे. इस घटना को 11 साल बीत गए, लेकिन आज भी शहीदों के परिवारवालों के जख्म ताजा हैं. उनका दुख आज भी उतना ही बड़ा है, जितना 11 साल पहले था.

पढ़ें- मदनवाड़ा नक्सली हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, 6 महीने में आएगी रिपोर्ट

2009 में हुई इस घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनवरी 2020 में न्यायिक आयोग का गठन किया था. जिसमें कहा गया था कि यह आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. रिटायर्ड जस्टिस शंभूनाथ श्रीवास्तव को इस जांच आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.

निम्न 9 बिंदुओं पर घटनाकी जांच होने की बात कही गई थी.

  • यह घटना किन परिस्थितियों में हुई.
  • क्या घटना को घटित होने से रोका जा सकता था.
  • क्या सुरक्षा की सभी निर्धारित प्रक्रियाओं-निर्देशों का पालन किया गया था.
  • वे कौन सी परिस्थितियां थीं जिनके आधार पर पुलिस अधीक्षक और सुरक्षा बलों को उस अभियान में जाना पड़ा.
  • मदनवाड़ा, कारेकट्टा और कोरकुट्टी में पुलिस अधीक्षक और सुरक्षाबलों के एम्बुश में फंसने पर क्या अतिरिक्त संसाधन और बल उपलब्ध कराए गए थे.
  • उक्त घटना में नक्सलियों को हुए नुकसान एवं नक्सलियों के घायल, मृत होने के संबंध की जांच होगी.
  • उक्त घटना में मृत और घायल सुरक्षाबल के सदस्य किन परिस्थितियों में शहीद और घायल हुए.
  • घटना के पूर्व, घटना के दौरान और घटना के बाद ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हो इस पर भी जांच होगी.
  • क्या राज्य पुलिस बल और केन्द्रीय बल के बीच में समुचित समन्वय था, भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, सुरक्षा और प्रशासकीय कदम उठाए जाने के संबंध में सुझाव और उपाय.

राजनांदगांव: 12 जुलाई साल 2009 में कोरकुट्टी मदनवाड़ा नक्सली हमले में शहीद हुए एसपी वीके चौबे और 29 जवानों की शहादत को रविवार को राजनांदगांव पुलिस ने श्रद्धांजलि दी है. पुलिस ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर परिजनों को श्रीफल और साल भेंट करते हुए जवानों की शहादत को याद किया. जवानों की शहादत को याद करते हुए पुलिस परिवार ने शहीद वाटिका में शहीदों के नाम पौधरोपण भी किया.

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

रविवार 12 जुलाई को पुलिस लाइन में शहीद परिवारों के परिजनों ने शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी. शहीद स्मारक के सामने पुलिस के आला अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने अमर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पुष्प अर्पित किया. इसके बाद श्रद्धांजलि सभा में शहीदों को विधिवत श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर मौजूद शहीद परिवारों के परिजनों के साथ शहीदों की शहादत को याद करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा कि शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

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29 जवान हुए थे शहीद

छलकते रहे आंख से आंसू

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद शहीदों के परिवारवालों की आंखे नम रही. पुलिस परिवार के सदस्यों ने परिजनों को संभालते हुए उन्हें ढांढस बंधाया. शहीदों की शहादत को याद करते हुए आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि शहीद वीके चौबे एकदम पुलिस अफसर थे और उन्होंने जो सपना राजनांदगांव के लिए देखा है, वह जल्द ही पूरा होगा. नक्सली उन्मूलन के लिए लगातार राजनंदगांव पुलिस काम कर रही है.

साल 2009 में हुआ था नक्सली हमला

बता दें कि 12 जुलाई साल 2009 में कोरकुट्टी मदनवाड़ा में हुए नक्सल हमले में जिले के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. नक्सली हमले के इतिहास में यह बड़ी घटना थी, जिसमें पुलिस के आईपीएस अफसर सहित बड़ी संख्या में जवान शहीद हुए थे. इस घटना को 11 साल बीत गए, लेकिन आज भी शहीदों के परिवारवालों के जख्म ताजा हैं. उनका दुख आज भी उतना ही बड़ा है, जितना 11 साल पहले था.

पढ़ें- मदनवाड़ा नक्सली हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, 6 महीने में आएगी रिपोर्ट

2009 में हुई इस घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनवरी 2020 में न्यायिक आयोग का गठन किया था. जिसमें कहा गया था कि यह आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. रिटायर्ड जस्टिस शंभूनाथ श्रीवास्तव को इस जांच आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.

निम्न 9 बिंदुओं पर घटनाकी जांच होने की बात कही गई थी.

  • यह घटना किन परिस्थितियों में हुई.
  • क्या घटना को घटित होने से रोका जा सकता था.
  • क्या सुरक्षा की सभी निर्धारित प्रक्रियाओं-निर्देशों का पालन किया गया था.
  • वे कौन सी परिस्थितियां थीं जिनके आधार पर पुलिस अधीक्षक और सुरक्षा बलों को उस अभियान में जाना पड़ा.
  • मदनवाड़ा, कारेकट्टा और कोरकुट्टी में पुलिस अधीक्षक और सुरक्षाबलों के एम्बुश में फंसने पर क्या अतिरिक्त संसाधन और बल उपलब्ध कराए गए थे.
  • उक्त घटना में नक्सलियों को हुए नुकसान एवं नक्सलियों के घायल, मृत होने के संबंध की जांच होगी.
  • उक्त घटना में मृत और घायल सुरक्षाबल के सदस्य किन परिस्थितियों में शहीद और घायल हुए.
  • घटना के पूर्व, घटना के दौरान और घटना के बाद ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हो इस पर भी जांच होगी.
  • क्या राज्य पुलिस बल और केन्द्रीय बल के बीच में समुचित समन्वय था, भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, सुरक्षा और प्रशासकीय कदम उठाए जाने के संबंध में सुझाव और उपाय.
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