रायपुरः छत्तीसगढ़ के युवाओं को सरकार जापानी भाषा सिखाने जा रही है. इसके लिए सरकार ने इंडो-जापान फाउंडेशन के साथ करार किया है. कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय समीक्षा बैठक ली. बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कौशल विकास योजना के तहत छत्तीसगढ़ के युवाओं को जापानी भाषा सिखाया जाए. उन्होंने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाए. सरकार ने जापानी भाषा सिखाने के लिए इंडो-जापान फाउंडेशन से एमओयू किया है. जिसके लिए उद्योग विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. एमओयू का उद्देश्य कौशल विकास योजना के तहत जापानी भाषा का अध्ययन कराना है. जिससे स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार से जोड़ा जा सके. बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
किया जा रहा विशेष प्रयास
मंत्री अमरजीत भगत ने कोविड-19 में प्रवासी मजदूरों के व्यवस्थापन और जीविकोपार्जन के लिए विशेष प्रयास किए जाने पर बल दिया. भगत ने इसके लिए विशेष कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिए. उन्होंने सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा. उन्होंने कहा कि इसमें नवाचार को शामिल किया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा नवाचार, एमओयू आदि के कार्यों की समीक्षा हर तीन माह में की जाएगी.
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9 ब्लॉक का किया गया चयन
मंत्रालय में आयोजित बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021-22 के बजट में नवाचार के लिए 2 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है. यूनिसेफ के सहयोग से 17 गोल पर काम किया जा रहा है. राज्य योजना आयोग ने यूएनडीपी के सहयोग से किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया कि राज्य के नौ विकासखण्डों का चयन कर लेबर रिसोर्स सेंटर विकसित किया जा रहा है. जिसमें प्रवासी मजदूरों के डाटा संकलन, स्किल मैपिंग सहित स्थानीय उद्योगों के अनुकूल मानव संसाधन तैयार कर उद्योगों से लिंकेज करने का कार्य किया जा रहा है.
राज्य के सर्वांगीण विकास पर चर्चा
राज्य योजना आयोग ने वर्ष 2020-21 में राज्य के विश्वविद्यालयों से एमओयू किया गया है. जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध मानव संसाधन का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में कैसे किया जा सकता है. मंत्री भगत ने इसकी लगातार बैठक कर समीक्षा करने और प्रदेश के युवाओं को राज्य की योजनाओं के बारे में जानकारी देने की बात कही. उन्होंने सतत विकास लक्ष्य में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की समय-सीमा वर्ष 2015 से 2030 तक तय किया गया है.