सूरजपुर: कृषि सुधार कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सूरजपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी बिल पारित करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. युकां ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिले के सभी ब्लॉक स्तरों पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर कृषि कानून को लेकर विरोध जताया है. साथ ही राष्ट्रपति के नाम स्थानीय स्तर पर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. शुक्रवार देर शाम सूरजपुर के युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शहर में मशाल रैली निकाली और कानून को लेकर जमकर नारेबाजी की.
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यसभा में अल्पमत के बावजूद केंद्र सरकार ने असंवैधानिक तरीके से राज्यसभा में किसान विरोधी बिल पारित करवाया है. केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी नहीं है. इस बिल से सिर्फ उद्योगपतियों को ही फायदा होगा, किसानों को नहीं. युवक कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश में किसानों की आवाज और विपक्ष की आवाज को अनसुनी कर पूंजीपतियों के दबाव में लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा सिर्फ और सिर्फ बड़े-बड़े उद्योगपतियों, पूंजीपतियों और कंपनियों को फायदा पहुंचाकर देश के अन्नदाताओं को गुलाम बनाना है. कृषि क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के आने से शोषण होगा और नए कानून से मिनिमम सपोर्ट प्राइस खत्म हो जाएगा, जिसका सीधा फायदा बड़े कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों को होगा. कांट्रैक्ट फार्मिंग से बड़ी कंपनियां छोटे किसानों की जमीन आसानी से हड़प लेंगी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार लगातार युवा, मजदूरों और किसानों के खिलाफ काम कर रही है. वहीं पदाधिकारियों ने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार किसान बिल को वापस नहीं लेती है, तब तक प्रदर्शन ऐसे ही आगे भी जारी रहेगा.