रायपुर: सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाए जाने की बात कही. साथ ही उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुई 13 आदिवासियों की निर्मम हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि 'हत्यारों को कानून का डर नहीं है, दलित और आदिवासियों के प्रति लोगों की सोच नहीं बदली, यह सरकार की नाकामी है'.
कहा जाएंगे वनवासी ?
नेताम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसके तहत, 31 जुलाई तक जंगलों में बसे वनवासियों जिनके पास पट्टा नहीं है या अवैध रूप से बसे हैं, उन्हें बेदखल करने के निर्णय पर कहा कि 'जंगल में रहने वाले आदिवासी कहां और किसके पास जाएंगे, वर्षों से काबिज आदिवासियों को उन्हीं की जमीन से बेदखल किया जा रहा है'.
बेदखली के डर से चिंतित और दुखी
अरविंद नेताम आगे बोलते हुए कहा कि 'राज्य सरकारों के निवेदन पर स्थगन तो दिया गया है, लेकिन 24 जुलाई की सुनवाई में राज्य सरकारों को अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करना है. जंगल में रहने वाले आदिवासी बेदखली के डर से चिंतित और दुखी हैं. ऐसे में सरकारों को कड़े कदम उठाने होंगे. जिससे जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों का भला हो सके'.