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'जल ,जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वालों को किया जा रहा बेदखल' - जल, जंगल और जमीन

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा. सर्व आदिवासी समाज संरक्षक अरविंद नेताम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सोनभद्र की घटना पर जताई चिंता

सर्व आदिवासी समाज संरक्षक, अरविंद नेताम
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Published : Jul 24, 2019, 9:10 PM IST

रायपुर: सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाए जाने की बात कही. साथ ही उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुई 13 आदिवासियों की निर्मम हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि 'हत्यारों को कानून का डर नहीं है, दलित और आदिवासियों के प्रति लोगों की सोच नहीं बदली, यह सरकार की नाकामी है'.

धूमधाम से मनाया जाएगा विश्व आदिवासी दिवस : अरविंद नेताम

कहा जाएंगे वनवासी ?

नेताम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसके तहत, 31 जुलाई तक जंगलों में बसे वनवासियों जिनके पास पट्टा नहीं है या अवैध रूप से बसे हैं, उन्हें बेदखल करने के निर्णय पर कहा कि 'जंगल में रहने वाले आदिवासी कहां और किसके पास जाएंगे, वर्षों से काबिज आदिवासियों को उन्हीं की जमीन से बेदखल किया जा रहा है'.

बेदखली के डर से चिंतित और दुखी

अरविंद नेताम आगे बोलते हुए कहा कि 'राज्य सरकारों के निवेदन पर स्थगन तो दिया गया है, लेकिन 24 जुलाई की सुनवाई में राज्य सरकारों को अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करना है. जंगल में रहने वाले आदिवासी बेदखली के डर से चिंतित और दुखी हैं. ऐसे में सरकारों को कड़े कदम उठाने होंगे. जिससे जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों का भला हो सके'.

रायपुर: सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाए जाने की बात कही. साथ ही उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुई 13 आदिवासियों की निर्मम हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि 'हत्यारों को कानून का डर नहीं है, दलित और आदिवासियों के प्रति लोगों की सोच नहीं बदली, यह सरकार की नाकामी है'.

धूमधाम से मनाया जाएगा विश्व आदिवासी दिवस : अरविंद नेताम

कहा जाएंगे वनवासी ?

नेताम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसके तहत, 31 जुलाई तक जंगलों में बसे वनवासियों जिनके पास पट्टा नहीं है या अवैध रूप से बसे हैं, उन्हें बेदखल करने के निर्णय पर कहा कि 'जंगल में रहने वाले आदिवासी कहां और किसके पास जाएंगे, वर्षों से काबिज आदिवासियों को उन्हीं की जमीन से बेदखल किया जा रहा है'.

बेदखली के डर से चिंतित और दुखी

अरविंद नेताम आगे बोलते हुए कहा कि 'राज्य सरकारों के निवेदन पर स्थगन तो दिया गया है, लेकिन 24 जुलाई की सुनवाई में राज्य सरकारों को अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करना है. जंगल में रहने वाले आदिवासी बेदखली के डर से चिंतित और दुखी हैं. ऐसे में सरकारों को कड़े कदम उठाने होंगे. जिससे जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों का भला हो सके'.

Intro:रायपुर रायपुर के प्रेस क्लब में आज सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस बड़े धूमधाम से मनाए जाने की बात कही इस दौरान उन्होंने प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 जुलाई 2019 को 13 आदिवासियों की निर्ममता पूर्वक हुई हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना में लगभग 30 गरीब आदिवासी घायल भी हुए उन्होंने यह भी कहा कि दलित और आदिवासियों के प्रति लोगों की सोच बदल नहीं पा रही है उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा हत्यारों को कानून का डर नहीं है इसे उन्होंने सरकार की नाकामी करार दिया है





Body:सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने 13 फरवरी 2019 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक याचिका में 31 जुलाई तक जंगलों में बसे वनवासियों को जिनके पास पट्टा नहीं है या अवैध रूप से बसे हैं उन्हें बेदखल करने का निर्णय दिया गया ऐसे में जंगल में रहने वाले आदिवासी कहां और किसके पास जाएंगे जंगल से बेदखल होने के साथ ही आदिवासियों को वर्षों से काबिज जमीन से भी भगा दिया जाएगा


Conclusion:हालांकि राज्य सरकारों के निवेदन पर स्थगन तो दिया गया है किंतु 24 जुलाई के सुनवाई में राज्य सरकारों द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करना है जंगल में रहने वाले आदिवासी एवं अन्य समाज के लोग बेदखली के डर से अत्यंत चिंतित और दुखी है ऐसे में सरकारों को कड़े कदम उठाने होंगे जिससे जल जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों का भला हो सके


बाइट अरविंद नेताम संरक्षक सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़


रितेश तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
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