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world malaria day 2023: क्यों मनाया जाता है मलेरिया डे, जानें

वर्ल्ड मलेरिया डे हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देशय मलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करना और दुनियाभर में मलेरिया बीमारी को ख्तम करने के लिए चल रही पहलों को बढ़ावा देना है.

world malaria day 2023
वर्ल्ड मलेरिया डे
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Published : Apr 24, 2023, 9:20 AM IST

रायपुर: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया को घातक बीमारियों की श्रेणियों में रखा है. मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती. बुखार, पसीना आना, ठंड लगना, सिर में दर्द होना, अस्वस्थता, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी होना मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं. वर्ल्ड मलेरिया डे को हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. मलेरिया की बीमारी इन्फेक्टेड मच्छरों के लेगों को काटने से फैलती है. मलेरिया इंसानों में मच्छरों में मौजूद पैरासाइट के इंसेन के अंदर आ जाने की वजह से होता है.

वर्ल्ड मलेरिया डे का इतिहास: वर्ल्ड मलेरिया डे की शुरुआत अफ्रीका में हुई थी. मलेरिया से निपटने के लिए अफ्रीका की सरकार ने मलेरिया दिवस की शुरुआत 2008 में की थी. अफ्रीका में मलेरिया की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए 2001 से सरकार कई तरह से लोगों के लिए जागरुक्ता अभियान चला रही थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के 60वें सत्र में अफ्रीका मलेरिया दिवस को "विश्व मलेरिया दिवस" ​​में बदलने का प्रस्ताव रखा था. इस परिवर्तन को करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में मलेरिया के मुद्दे पर जागरुक्ता फैलाना और पूरे विश्व को एक साथ लाना था.

यह भी पढ़ें: Mineral Revenue: छत्तीसगढ़ सरकार ने खनिजों से कमाए 12941 करोड़ का राजस्व

वर्ल्ड मलेरिया डे का थीम: वर्ल्ड मलेरिया डे 2023 की थीम "शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन" रखा गया है. यह थीम का मुख्य मक्सद है विश्वभर में मलेरिया बीमरी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों को बढ़ावा देना और नए नए तरीकों को प्रैक्टिस करना, ताकि मलेरिया को विश्व से जल्द से जल्द खत्म किया जा सके.

रायपुर: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया को घातक बीमारियों की श्रेणियों में रखा है. मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती. बुखार, पसीना आना, ठंड लगना, सिर में दर्द होना, अस्वस्थता, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी होना मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं. वर्ल्ड मलेरिया डे को हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. मलेरिया की बीमारी इन्फेक्टेड मच्छरों के लेगों को काटने से फैलती है. मलेरिया इंसानों में मच्छरों में मौजूद पैरासाइट के इंसेन के अंदर आ जाने की वजह से होता है.

वर्ल्ड मलेरिया डे का इतिहास: वर्ल्ड मलेरिया डे की शुरुआत अफ्रीका में हुई थी. मलेरिया से निपटने के लिए अफ्रीका की सरकार ने मलेरिया दिवस की शुरुआत 2008 में की थी. अफ्रीका में मलेरिया की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए 2001 से सरकार कई तरह से लोगों के लिए जागरुक्ता अभियान चला रही थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के 60वें सत्र में अफ्रीका मलेरिया दिवस को "विश्व मलेरिया दिवस" ​​में बदलने का प्रस्ताव रखा था. इस परिवर्तन को करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में मलेरिया के मुद्दे पर जागरुक्ता फैलाना और पूरे विश्व को एक साथ लाना था.

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वर्ल्ड मलेरिया डे का थीम: वर्ल्ड मलेरिया डे 2023 की थीम "शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन" रखा गया है. यह थीम का मुख्य मक्सद है विश्वभर में मलेरिया बीमरी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों को बढ़ावा देना और नए नए तरीकों को प्रैक्टिस करना, ताकि मलेरिया को विश्व से जल्द से जल्द खत्म किया जा सके.

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