रायपुर: 3 जून यानी विश्व साइकिल दिवस.. दुनियाभर में आज के दिन विश्व साइकिल दिवस (world bicycle day) मनाया जाता है. इस खास मौके पर आज ETV भारत आपको शहर के ऐसे साइकिलिंग क्लब से मिलाने जा रहा है, जो पिछले कई सालों से साइकिलिंग कर रहे हैं. टूर डी रायपुर (Tour de raipur) TDR, ये रायपुर का एक ऐसा साइकलिंग क्लब है, जिसमें 300 से ज्यादा साइकिलिस्ट शामिल हैं. इस ग्रुप में महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े सभी शामिल हैं. ये क्लब रायपुर का सबसे लोकप्रिय और पुराना साइकलिंग क्लब (cycling club) है.
टूर डी रायपुर क्लब की शुरुआत आशीष पाटनी ने की. इस क्लब में अलग-अलग क्षेत्रों के लोग जुड़े हुए हैं. टूर डे रायपुर साइकलिंग क्लब (tour de raipur cycling club) का मुख्य उद्देश्य लोगों की अच्छी जीवनशैली, स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ जीवन के संतुलन को बढ़ावा देना है. साइकलिंग क्लब से डॉक्टर, पुलिस, प्रोफेसर, टेलीकॉम, मीडिया, सीए, बिजनेसमैन जैसे तमाम क्षेत्र में काम करने वाले लोग जुड़े हैं.
मिलता है सुपर रेन्डोनूर का खिताब
ऑडिक्स क्लब पर्शिया (audix club persia) नाम का एक संगठन हर साल पूरी दुनिया में कुछ नियमों के साथ ब्रैवेट डी रेन्डोनूर (bravet de randonur manudiaux) BRM नाम की साइकिलिंग प्रतियोगिता (cycling competition) आयोजित करवाता है. जिसके तहत 1 नवंबर से अगले साल के 31 अक्टूबर तक 200, 300 या 600 किलोमीटर के अलग-अलग चेक पोस्ट तक पहुंचकर सफलतापूर्वक साइकिलिंग करनी पड़ती है. जिसे पूरा करने के बाद सुपर रेन्डोनूर का खिताब (the title of super randonur) मिलता है.
समय-समय पर आयोजन करता है TDR
इस क्लब से जुड़े एक सदस्य समीर सिंह ने 23-600-23 का रिकार्ड बनाया है. समीर ने महज 38 घंटे में 21.5 किलोमीटर मैराथन दौड़कर 600 किलोमीटर साइकिलिंग की. उसके बाद फिर से 21.5 किलोमीटर की मैराथन खत्म कर 23-600-23 का रिकॉर्ड बनाया है. टीडीआर (TDR) समय-समय पर टूर डी बस्तर, टूर डी जैसे साइकिलिंग कार्यक्रम आयोजित करता है. साइकलिंग क्लब के सदस्य रोजाना करीब 30 से 50 किलोमीटर तक साइकिल चलाते हैं. वह सुबह रोजाना 5:30 बजे निकल जाते हैं. ETV भारत आपसे अपील करता है कि आप भी रोजाना साइकलिंग करें, ताकि आप भी सेहतमंद और मस्त रहें.
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड बाइसिकल या वर्ल्ड साइकिल डे ?
दैनिक जीवन में साइकिल के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दुनियाभर में 3 जून को विश्व साइकिल/बाइसिकल डे मनाया जाता है. इसके जरिए ये समझाया जाता है कि साइकिल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए तो बेहतर है ही, पर्यावरण (Environment) और अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए भी अनुकूल है. संयुक्त राष्ट्र (united nations) महासभा ने आधिकारिक तौर पर पहली बार 3 जून 2018 को ये दिवस मनाया था.