रायपुर : विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. सत्र 17 दिसंबर तक चलेगा. इस बार विधानसभा का सत्र (Assembly Session) काफी हंगामेदार होने वाला है. क्योंकि इस बार भाजपा के पास सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की कमी नहीं है. वहीं सरकार ने भी इन मुद्दों का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रखी है. देर से धान खरीदी, बेमौसम बारिश से फसलों की बर्बादी, प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, नक्सल मूवमेंट और धर्मांतरण सहित कई अन्य मुद्दे हैं, जो भाजपा आगामी विधानसभा के शीतकालीन (Winter Session of Assembly) सत्र के दौरान उठाएगी.
इसके अलावा धान खरीदी, बारदाने की कमी, शराबबंदी, हाथियों का आतंक, प्रदेश में बढ़ते अपराध, धीमे निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना का रुका काम सहित कई ऐसे अन्य मुद्दे हैं, जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.
प्रदेश में व्याप्त कुव्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरेगी भाजपा
इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर (BJP State Spokesperson Gaurishankar Shrivas) श्रीवास कहना है कि बदहाल कानून व्यवस्था, बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद, राज्य सरकार द्वारा मुआवजा न दिये जाने और धान खरीदी में हो रही देरी. ऐसे कई मुद्दों को लेकर भाजपा विधायक दल की (Legislature Party Meeting) बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरेगी. पिछले 3 साल में जिस तरीके से इस सरकार ने काम किया है, उस कारण यह बदनाम हो चुकी है. प्रदेश की अव्यवस्थाओं को लेकर भाजपा विधानसभा सत्र में सरकार को घेरेगी.
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भाजपा के पास बोलने के लिए अब कुछ नहीं : कांग्रेस
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह (Congress State Spokesperson Dhananjay Singh Thakur) ठाकुर का कहना है कि भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है. सिर्फ विपक्ष में होने के नाते उसे कांग्रेस का विरोध करना है, इसलिए वह विरोध करती है. भाजपा पिछले 15 सालों में जो नहीं कर सकी, कांग्रेस सरकार ने उसे महज 3 सालों में ही कर दिखाया है. यही वजह है कि भाजपा के पास अब बोलने को कुछ नहीं रह गया है. विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है.
विधानसभा में लगाए गए हैं कुल 755 सवाल
इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए कुल 755 सवाल लगाए गए हैं. इनमें कुल तारांकित 382 और कुल अतारांकित 373 सवाल लगाए गए हैं.
धर्मांतरण हो सकता है प्रमुख मुद्दा
विधानसभा सत्र के दौरान धर्मांतरण भी एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है. क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए कवर्धा मामले पर भी विपक्ष काफी सरकार पर काफी हमलावर होगी.
विपक्ष ने लगाए कई गंभीर आरोप, सत्ता पक्ष का दावा-चर्चा से भागता है विपक्ष
इसके अलावा कई मुद्दों पर विपक्ष ध्यानाकर्षण लगाकर भी सरकार को घेरने की फिराक में है. विपक्ष का आरोप रहता है कि विधानसभा सत्र के दौरान सदन में उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता. जबकि सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष चर्चा से भागता है. सवालों पर चर्चा करने के बदले वह बहिर्गमन कर देता है. इस कारण कई बार तो हंगामे की स्थिति तक पैदा हो जाती है और इस कारण सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ जाती है.
विधायकों को अपनी बात रखने का मिल सकता है पूरा समय
हालांकि इस बार विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का भी कहना है कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि छत्तीसगढ़ की उन्नति और विकास के लिए जितने भी विधायक अपनी बात रखेंगे, उन सबको पर्याप्त समय दिया जाए और उनकी बातों को पूरा स्थान भी दिया जाए.
विधानसभा सत्र के लिए आ रहे बम्पर सवाल : महंत
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (Assembly Speaker Charandas Mahant) ने बताया कि इस बार विधानसभा सत्र के लिए बम्पर सवाल आ गए हैं. शासकीय विधेयक 3, अशासकीय विधेयक 1, स्थगन 18, ध्यानाकर्षण 110, शून्यकाल की सूचना 78, अशासकीय सतर्कता 5 और सूचना 750 है. जबकि सत्र में इस बार 110 ध्यानाकर्षण लगे हैं.