रायपुर: कोरोना काल के दौरान पहली बार रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक हुई. महामारी के बीच हुई इस सभा में शहर और सियासत से जुड़े कई मुद्दों पर बहस तो हुई लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया. इतना ही नहीं सभी ने इस विषय में अजीब तर्क भी दिए हैं.
महापौर एजाज ढेबर ने दावा किया कि सभी ने गाइडलाइन्स का पालन किया है. ढेबर ने कहा कि सभी 70 पार्षदों ने मास्क लगाया था. खाने और बात करने के दौरान मास्क उतारा होगा. फेस शील्ड न इस्तेमाल करने की बात पर मेयर ने कहा कि महामारी का इतना प्रकोप नहीं है कि फेस शील्ड लगाएं. ढेबर ने कहा कि सभी ने गाइडलाइन्स का पालन किया है.
मेयर की अपील
सदन में शामिल सभी पार्षदों को फेस शील्ड बांटी गई थी. सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि सदन दो बार सैनिटाइज किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वो हमने करके दी है, ये सदस्यों का मन है लगाएं कि नहीं. हालांकि उन्होंने ETV भारत के जरिए पार्षदों से अपील की है कि वे एहतियात बरतें.
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लापरवाही बरतते नजर आए पार्षद
जनप्रतिनिधि लोगों का नेतृत्व करते हैं. हाल ही में विधानसभा का सत्र भी आयोजित किया गया था, जहां कोरोना से बचने के लिए बेहद शानदार इंतजाम किए गए थे. लेकिन नगर निगम की सामान्य सभा में व्यवस्था के बाद भी पार्षद लापरवाही करते नजर आए.
पार्षदों ने मानी गलती
पार्षदों ने भले ही फेस शिल्ड का इस्तेमाल सदन में नहीं किया लेकिन कई इसे अपने घर लेकर चले गए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर उन्होंने अपनी गलती भी मानी. कई पार्षदों ने कहा कि स्थिति को देखते हुए मास्क और फेस शील्ड का इस्तेमाल करना चाहिए था. हालांकि वे भी यही कहते दिखे कि बोलते वक्त ही मास्क उतारा गया है.