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रायपुर: तालाब में गंदगी का अंबार, दूषित पानी से गुजारा करने को मजबूर ग्रामीण

निस्तारी के लिए कोई दूसरा तालाब नहीं होने के कारण ग्रामीण नहाने के लिए इसी तालाब का इस्तेमाल कर रहे हैं. तालाब का जल स्तर कम होने की वजह से इसके अंदर दल-दल बन गया है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को निस्तारी करने में समस्या हो रही है.

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Published : Oct 11, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 8:39 PM IST

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दूषित तालाब

रायपुर: जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद भिलाई खुर्द के दो मोहल्लों के बीच मौजूद तालाब में गंदगी पसरी है. इस तालाब का पानी पीने तो दूर नहाने के लायक भी नहीं है. दोनों मोहल्लों में रहने वाले लगभग 2000 ग्रामीण इसी तालाब से निस्तारी कर रहे हैं.

दूषित तालाब से निस्तारी करने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि निस्तारी के लिए कोई दूसरा तालाब नहीं होने के कारण ग्रामीण नहाने के लिए इसी तालाब का इस्तेमाल कर रहे हैं. तालाब का जल स्तर कम होने की वजह से इसके अंदर दल-दल बन गया है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को निस्तारी करने में समस्या हो रही है.

गंदे पानी से नहाने को मजबूर ग्रामीण

गांववालों का कहना है कि भिलाई खुर्द में गांव में नाला था, उसे काटकर छोटा सा तलाब बना दिया गया है, SECL की ओर से बीच-बीच में तलाब में बोर के माध्यम से पानी भरा जाता है, जिसके बाद ग्रामीण उसमें नहाते हैं.

प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान

गांववालों का कहना है कि, SECL की ओर से इस तालाब में न तो कभी साफ-सफाई कराई गई और न इसकी देखरेख की जाती है, जिसका नतीजा यह है कि इसके पानी से बदबू आ रही है और इसमें नहाने के बाद शरीर में खुजली होती है. भिलाई खुर्द गांव के ग्रामीणों ने कई बार SECL कार्यालय जाकर तालाब को साफ सफाई करने का आवेदन दिया, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने तालाब का जीर्णोद्धार करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.

गंदे पानी से करते हैं गुजारा

यह प्रशासनिक उदासीनता का ही नतीजा है कि गांववाले आज भी इस तालाब के गंदे पानी में नहाने को मजबूर हैं. अगर गांव में किसी के यहां दुख-सुख का कोई कार्यक्रम होता है, तो लोग इसी तालाब के गंदे पानी से अपना काम निपटाते हैं.

रायपुर: जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद भिलाई खुर्द के दो मोहल्लों के बीच मौजूद तालाब में गंदगी पसरी है. इस तालाब का पानी पीने तो दूर नहाने के लायक भी नहीं है. दोनों मोहल्लों में रहने वाले लगभग 2000 ग्रामीण इसी तालाब से निस्तारी कर रहे हैं.

दूषित तालाब से निस्तारी करने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि निस्तारी के लिए कोई दूसरा तालाब नहीं होने के कारण ग्रामीण नहाने के लिए इसी तालाब का इस्तेमाल कर रहे हैं. तालाब का जल स्तर कम होने की वजह से इसके अंदर दल-दल बन गया है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को निस्तारी करने में समस्या हो रही है.

गंदे पानी से नहाने को मजबूर ग्रामीण

गांववालों का कहना है कि भिलाई खुर्द में गांव में नाला था, उसे काटकर छोटा सा तलाब बना दिया गया है, SECL की ओर से बीच-बीच में तलाब में बोर के माध्यम से पानी भरा जाता है, जिसके बाद ग्रामीण उसमें नहाते हैं.

प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान

गांववालों का कहना है कि, SECL की ओर से इस तालाब में न तो कभी साफ-सफाई कराई गई और न इसकी देखरेख की जाती है, जिसका नतीजा यह है कि इसके पानी से बदबू आ रही है और इसमें नहाने के बाद शरीर में खुजली होती है. भिलाई खुर्द गांव के ग्रामीणों ने कई बार SECL कार्यालय जाकर तालाब को साफ सफाई करने का आवेदन दिया, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने तालाब का जीर्णोद्धार करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.

गंदे पानी से करते हैं गुजारा

यह प्रशासनिक उदासीनता का ही नतीजा है कि गांववाले आज भी इस तालाब के गंदे पानी में नहाने को मजबूर हैं. अगर गांव में किसी के यहां दुख-सुख का कोई कार्यक्रम होता है, तो लोग इसी तालाब के गंदे पानी से अपना काम निपटाते हैं.

Last Updated : Oct 11, 2020, 8:39 PM IST
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