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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग नहीं होने से रुका गर्भवती महिलाओं का कोरोना टीकाकरण

प्रदेश के कुछ शहरों में डॉक्टर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, बिना ट्रेनिंग के गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जब तक ट्रेनिंग नहीं दी जाती तब तक गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा. सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों को लेकर है.

Vaccination
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Published : Jul 23, 2021, 10:56 PM IST

रायपुर: 3 जुलाई से केंद्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की भी गाइडलाइन जारी कर दी थी. कुछ गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर आकर टीका लगा रही हैं, लेकिन प्रदेश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में है. जहां मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ही महिलाएं भरोसा करती हैं, लेकिन मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग नहीं हो पाने की वजह से गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने का कार्य रुका हुआ है.

प्रदेश में तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि इस वक्त प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है. लेकिन तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी यह कहा नहीं जा सकता, इस वजह से वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है. प्रदेश के कुछ शहरों में डॉक्टर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.

इस वजह से शहरों में गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है. इस वजह से गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन थम गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, बिना ट्रेनिंग के गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जब तक ट्रेनिंग नहीं दी जाती तब तक गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा

प्रेगनेंसी के दौरान किस समय वैक्सीनेशन सेफ है
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए अलग से कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है. प्रेगनेंसी के दौरान वैक्सीन लगाना सेफ है. प्रेगनेंसी जो प्लान कर रहे हैं उसके पहले भी वैक्सीन लगा सकते हैं और प्रेगनेंसी के दौरान भी वैक्सीन लगा सकते हैं. गर्भवती महिलाएं तीसरी लहर आने से पहले अपने आप को सुरक्षित कर ले वह ज्यादा अच्छा है.

रायपुर: 3 जुलाई से केंद्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की भी गाइडलाइन जारी कर दी थी. कुछ गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन सेंटर आकर टीका लगा रही हैं, लेकिन प्रदेश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में है. जहां मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ही महिलाएं भरोसा करती हैं, लेकिन मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग नहीं हो पाने की वजह से गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने का कार्य रुका हुआ है.

प्रदेश में तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि इस वक्त प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है. लेकिन तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी यह कहा नहीं जा सकता, इस वजह से वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है. प्रदेश के कुछ शहरों में डॉक्टर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.

इस वजह से शहरों में गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है. इस वजह से गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन थम गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, बिना ट्रेनिंग के गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जब तक ट्रेनिंग नहीं दी जाती तब तक गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा

प्रेगनेंसी के दौरान किस समय वैक्सीनेशन सेफ है
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए अलग से कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है. प्रेगनेंसी के दौरान वैक्सीन लगाना सेफ है. प्रेगनेंसी जो प्लान कर रहे हैं उसके पहले भी वैक्सीन लगा सकते हैं और प्रेगनेंसी के दौरान भी वैक्सीन लगा सकते हैं. गर्भवती महिलाएं तीसरी लहर आने से पहले अपने आप को सुरक्षित कर ले वह ज्यादा अच्छा है.

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