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गांवों में गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन अब भी एक चुनौती, बिलासपुर में केवल 26 ने लगाई वैक्सीन

केंद्र सरकार ने 3 जुलाई को गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाउन जारी की थी. इसके बाद छत्तीसगढ़ में भी यह काम शुरु हो गया था. शहरी इलाकों में तो महिलाओं का वैक्सीनेशन हो रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह काम बहुत धीमा है. इसका कारण ग्रामीण इलाकों में मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग न देना बताया जा रहा है.

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Published : Jul 26, 2021, 7:26 PM IST

pregnant women
गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन

रायपुर : छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है. प्रदेश में वैक्सीन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. यहां रोजाना 50-70 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. लिहाजा अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 17 लाख से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है.

गर्भवती महिलाओं को लगाई जा रही है कोरोना वैक्सीन

छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों और वयस्कों के वैक्सीनेशन के बाद 3 जुलाई से केंद्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाए जाने की गाइडलाइन जारी कर दी थी. जिसके बाद प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग भी दे रहा है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग मिल चुकी है. वहां अब गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर भरोसा

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा है. जहां मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ही ग्रामीण महिलाएं भरोसा करती हैं. मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग नहीं दिए जाने की वजह से यहां गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन का काम बहुत धीमा हो गया है.

Vaccine की नई खेप पहुंची रायपुर, वैक्सीनेशन में आएगी तेजी

वैक्सीनेशन के आंकड़े जुटाने में आ रही समस्या

राजधानी रायपुर में करीब 60 हजार गर्भवती महिलाएं हैं. जिन्हें कोरोना वैक्सीन लगनी है. कुछ गर्भवती महिलाएं टीकाकरण केंद्र पहुंचकर वैक्सीन लगवा भी रही हैं. इस बीच मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं जिले के अलग-अलग इलाकों में जाकर गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं. वहीं, प्रदेश के बिलासपुर जिले की बात की जाए तो यहां 25000 गर्भवती महिलाएं हैं, लेकिन जिले में अब तक लगभग 25-26 महिलाओं को ही वैक्सीन लगाई गई है. बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग को इन महिलाओं के आंकड़े जुटाने में कई समस्याएं आ रही हैं. कोविन पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से कॉलम नहीं है. जिस कारण विभाग गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के आंकड़े इकट्ठा नहीं कर पा रहा है.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी ?

रायपुर सीएमएचओ डॉक्टर मीरा बघेल के मुताबिक, जिले में गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए ट्रेनिंग दी गई है. ब्लॉक लेवल और अर्बन के सभी कार्यकर्ताओं को जानकारियां दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'आदेश जारी कर दिए गए हैं कि किसी भी अवस्था में गर्भवती माता वैक्सीनेशन के लिए आती है, तो उन्हें वैक्सीन लगानी है. खासकर हाई रिस्क प्रेगनेंसी जैसे जो 35 साल से ज्यादा हैं या जिन्हें ब्लड प्रेशर है, डायबिटीज है उनका प्राथमिकता से वैक्सीनेशन किया जाए.' उन्होंने कहा कि सामान्य वैक्सीनेशन से हटकर उन्हें अलग से वैक्सीन लगाई जानी है. गर्भवती महिलाएं चाहे तो जो टीडी वैक्सीन के साथ इसे लगवा सकती है. अगर गर्भवती महिलाएं डरती हैं, तो टीडी वैक्सीन लगने के 15 दिन बाद वह कोरोना वैक्सीन लगा सकती हैं.

गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग

बिलासपुर सीएमएचओ प्रमोद महाजन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. हमारी जो मितानिन हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हैं, वह घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम कर रही हैं. गर्भवती महिलाएं अभी भी वैक्सीन लगाने से झिझक रही हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग भी की जा रही है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है. प्रदेश में वैक्सीन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. यहां रोजाना 50-70 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. लिहाजा अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 17 लाख से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है.

गर्भवती महिलाओं को लगाई जा रही है कोरोना वैक्सीन

छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों और वयस्कों के वैक्सीनेशन के बाद 3 जुलाई से केंद्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाए जाने की गाइडलाइन जारी कर दी थी. जिसके बाद प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने के लिए मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग भी दे रहा है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग मिल चुकी है. वहां अब गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर भरोसा

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा है. जहां मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ही ग्रामीण महिलाएं भरोसा करती हैं. मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग नहीं दिए जाने की वजह से यहां गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन का काम बहुत धीमा हो गया है.

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वैक्सीनेशन के आंकड़े जुटाने में आ रही समस्या

राजधानी रायपुर में करीब 60 हजार गर्भवती महिलाएं हैं. जिन्हें कोरोना वैक्सीन लगनी है. कुछ गर्भवती महिलाएं टीकाकरण केंद्र पहुंचकर वैक्सीन लगवा भी रही हैं. इस बीच मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं जिले के अलग-अलग इलाकों में जाकर गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं. वहीं, प्रदेश के बिलासपुर जिले की बात की जाए तो यहां 25000 गर्भवती महिलाएं हैं, लेकिन जिले में अब तक लगभग 25-26 महिलाओं को ही वैक्सीन लगाई गई है. बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग को इन महिलाओं के आंकड़े जुटाने में कई समस्याएं आ रही हैं. कोविन पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से कॉलम नहीं है. जिस कारण विभाग गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के आंकड़े इकट्ठा नहीं कर पा रहा है.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी ?

रायपुर सीएमएचओ डॉक्टर मीरा बघेल के मुताबिक, जिले में गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए ट्रेनिंग दी गई है. ब्लॉक लेवल और अर्बन के सभी कार्यकर्ताओं को जानकारियां दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'आदेश जारी कर दिए गए हैं कि किसी भी अवस्था में गर्भवती माता वैक्सीनेशन के लिए आती है, तो उन्हें वैक्सीन लगानी है. खासकर हाई रिस्क प्रेगनेंसी जैसे जो 35 साल से ज्यादा हैं या जिन्हें ब्लड प्रेशर है, डायबिटीज है उनका प्राथमिकता से वैक्सीनेशन किया जाए.' उन्होंने कहा कि सामान्य वैक्सीनेशन से हटकर उन्हें अलग से वैक्सीन लगाई जानी है. गर्भवती महिलाएं चाहे तो जो टीडी वैक्सीन के साथ इसे लगवा सकती है. अगर गर्भवती महिलाएं डरती हैं, तो टीडी वैक्सीन लगने के 15 दिन बाद वह कोरोना वैक्सीन लगा सकती हैं.

गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग

बिलासपुर सीएमएचओ प्रमोद महाजन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. हमारी जो मितानिन हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हैं, वह घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम कर रही हैं. गर्भवती महिलाएं अभी भी वैक्सीन लगाने से झिझक रही हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग भी की जा रही है.

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