रायपुर: Truck thief gang busted in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने एक बड़े ट्रक चोर गैंग का दबोचा है. यह गैंग छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में ट्रक चोरी की वारदात को अंजाम देता था. इसके अलावा इस गैंग ने कई ट्रकों को किराये में लेकर उसका चेचिस नंबर बदलकर खपाने का भी काम किया है. ट्रक चोर गैंग का सरगना बिहार का सत्येंद्र कुमार है. इसके साथ रायपुर, दुर्ग और महासमुंद के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि यह गैंग बिहार, यूपी समेत कई राज्यों की 285 ट्रकों को बेचने की फिराक में थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 20 ट्रक जब्त किए हैं. जब्त ट्रकों की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है. अन्य ट्रकों की भी जानकारी जुटाई जा रही है. Raipur crime news
ट्रक चोर गैंग का खुलासा: पुलिस के मुताबिक प्रार्थी अनुज कुमार सिंह ने खमतराई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. मुलत यूपी के रहने वाले प्रार्थी ने शिकायत में बताया कि उनकी ट्रक को ट्रांसपोर्टर नागेंद्र सिन्हा ने किराया पर लिया था. लेकिन उनकी ट्रक की डेंटिंग पेंटिंग कर बेचा जा रहा है. प्रार्थी को इसकी जानकारी ट्रक खरीदने वाले बिलासपुर के व्यक्ति शेख मकसूद ने दी थी. मकसूद इस ट्रक को खरीद रहा था. लेकिन बेचने वाला गाड़ी के कागजात को लेकर घुमा रहा था. शक होने पर चेचिस नंबर निकालकर ट्रक के मालिक अनुज कुमार सिंह से संपर्क किया. फिर अनुज ने इसकी शिकायत खमतराई थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने जब जांच शुरू की तब ट्रक की फर्जी तरीके से बिक्री करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. Raipur police action on truck thief gang
डेंटिंग पेटिंग कर बदलते थे ट्रक का चेचिस नंबर: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि "मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक टीम गठित की गई. इसके बाद टीम ने ट्रक के फर्जी तरीके से बिक्री करने वाले भनपुरी स्थित उपेद्र शर्मा के यार्ड पहुंची. उनसे पूछताछ की गई तो उसने ट्रक को अशोक अग्रवाल, सुब्बू काजी उर्फ सोनू खान से खरीदना बताया. पुलिस ने फिर अशोक अग्रवाल को हिरासत में लिया. पूछताछ पर उसने बताया कि शाहाबुद्दीन काजी उर्फ सब्बू काजी उर्फ सोनू खान और अन्य साथियों के साथ मिलकर चोरी और फर्जी तरिके से दस्तावेज तैयार करते थे. उनका साथ आरटीओ एजेंट भी देता था, जो इन ट्रकों का छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्रेशन कराकर यहां के स्थानीय ट्रांस्पोटर्स को बेचते थे. वहीं इन ट्रकों को भनपुरी स्थित उपेंद्र शर्मा के यार्ड में डेंटिंग पेंटिंग किया जाता था.
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यूपी और बिहार के ट्रांसपोर्टरों से लीज पर लेते थे ट्रक: एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "यह गिरोह इन ट्रकों को मुजफ्फरपुर बिहार के कुछ बड़े ट्रांसपोटर्स, एजेंटों और दलालों के माध्यम से खरीदते थे. मुजफ्फरपुर बिहार के ट्रांसपोटर्स और दलाल के द्वारा ट्रकों को उत्तर प्रदेश और बिहार के ट्रक मालिकों से लीज पर लिया जाता था. फिर कुछ चोरी के ट्रकों का महाराष्ट्र ,बिहार और छत्तीसगढ़ के ट्रक के चेचीस नम्बर बदलने मे माहिर व्यक्तियों के द्वारा चेचीस नम्बर बदलवाया जाता था. फिर नागालैण्ड, अरूणाचल प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के स्थानीय आरटीओ एजेंट के माध्यम से ट्रक वाहनों का फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे. इन ट्रकों को छत्तीसगढ़ और आस-पास के प्रदेशों के आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराकर छत्तीसगढ़ लाकर ट्रक के बॉडी को डेंटिंग पेटिंग कर उसका हुलिया बदला जाता था. फिर आरटीओ में नाम ट्रांसफर करा कर यहां के स्थानीय ट्रांसपोटर्स को बेचा जाता था. इस काम के लिये पूर्व में परिवहन विभाग में आरटीओ एजेण्ट के रूप में कार्यरत अशोक अग्रवाल दस्तावेज तैयार करने का काम करता था.
कई राज्यों में रायपुर पुलिस टीम कर रही जांच: ट्रक चोर गैंक का पर्दाफाश होने के बाद रायपुर पुलिस को अंदेशा है कि यह एक बड़ा गिरोह है. इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं. जिसकी वजह से रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने देश के कई इलाकों में टीमें रवाना की है. उन्होंने बताया कि ट्रक चोर गैंग का राज्य में अब तक का बड़ा खुलासा है. इसमें और भी बड़े आरोपी पकड़े जाएंगे. फिलहाल पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें उपेन्द्र शर्मा रायपुर, भिलाई के रहने वाले पूर्व आरटीओ एजेंट अशोक अग्रवाल, महासमुंद निवासी सब्बू काजी, भिलाई निवासी राजेश यदु और रायपुर निवासी नारायण दास रोहरा शामिल है. इसके अलावा गिरोह का सरगना बिहार के मुजफ्फरपुर का है. उसका नाम सत्येंद्र कुमार सिंह है. सत्येंद्र कुमार सिंह की गिरफ्तारी मुजफ्फरपुर से की गई है. धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में पुलिस की जांच जारी है.