रायपुर: लॉकडाउन ने हजारों लोगों को रोजगार छीन लिया तो कई को अपना पेशा बदलना पड़ा. रायपुरा में रहने वाले कमलेश की भी यही कहानी है. कोरोना संकट की मार झेल कमलेश ने ETV भारत अपनी दर्द भरी कहानी बताई. इनका मुख्य व्यवसाय अपनी गाड़ियों से बच्चों को स्कूल से घर और घर से स्कूल लाने का था. उनकी 5 गाड़ियां चलती थीं, जिससे दूसरों को भी रोजगार मिलता था. लेकिन कोरोना ने ये दौर बदल दिया है.
कमलेश चार से पांच स्कूलों में सर्विस देता था. कोरोना संक्रमण की वजह से उसकी गाड़ियां मार्च से ही घर पर खड़ी हैं, जिससे उनकी आय का पहिया भी रुक गया है. मजबूरन कमलेश को अपनी गाड़ी बेचनी पड़ी. उसने अपनी गाड़ी बेच कर किराना की दुकान खोल ली और अब वो इससे होने वाली आमदनी से परिवार का पेट पाल रहा है.
कोरोना छीन रहा रोजगार
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जमकर बरपा है. प्रदेश में अब तक 36 लोगों की जान इस वायरस के कारण जा चुकी है. दिनों-दिन कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. कोरोना संक्रमण से हर किसी की जिंदगी में फर्क पड़ा है. व्यापारी को व्यापार में नुकसान हो रहा है तो प्राइवेट कर्मचारियों की भी नौकरी सुरक्षित नहीं है. इस महामारी के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है. चाहे वो दिहाड़ी मजदूर हो या कोई बड़ा बिजनेसमैन. सभी इस महामारी की मार झेल रहे हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी इस महामारी के प्रभाव से किसी न किसी तरह से प्रभावित है.
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तेजी से बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. शुक्रवार देर रात तक एक ही दिन में अब तक के सबसे ज्यादा मरीजों की पहचान हुई है. पूरे प्रदेश की अगर बात करें, तो कुल 426 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सिर्फ राजधानी रायपुर से 244 मरीजों की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही राजधानी में एक्टिव केस इस समय 1,061 हैं. वहीं पूरे प्रदेश की अगर बात करें, तो कुल मरीजों की संख्या 6 हजार 819 हो गई है. एक्टिव मरीज राज्य में 2 हजार 216 हैं. खबर है कि अस्पतालों में बिसतर भी उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से मरीजों को सरकार ने घर पर आइसोलेट करने के लिए कहा है.