रायपुर : छतीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को 17 दिसंबर को सत्ता पर काबिज हुए 3 साल पूरे हो जाएंगे. भूपेश बघेल ने 15 साल तक लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता में बने रहने वाले रमन सिंह को पछाड़ते हुए छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री (Third Chief Minister of Chhattisgarh) के रूप में 17 दिसंबर 2018 को शपथ ली थी. जबकि सूबे में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 11 दिसंबर को ही आ गए थे. बीते तीन सालों में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कई उतार-चढ़ाव देखने के साथ-साथ विरोधियों की काफी ओलोचनाएं भी झेलीं. हालांकि जनघोषणा पत्र के जिन 36 वादों पर जनता की मुहर के साथ कांग्रेस को सत्ता का सिंहासन मिला था, बघेल सरकार उसे पूरा करने की राह में अग्रसर है.
बघेल सरकार के सत्ता पर काबिज होने के कुछ ही घंटे बाद हुए ये काम
मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता पर काबिज होने के कुछ ही घंटे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने अपने दो बड़े वादे पूरे किये. इनमें पहला, शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटों के भीतर ही कृषि ऋण माफी और दूसरा धान के समर्थन मूल्य में 50 फीसदी की वृद्धि प्रमुख रहा. जबकि तेंदूपत्ता संग्रह की कीमतों में भी भूपेश सरकार ने तत्काल वृद्धि की थी.
इसके अलावा सरकार ने शिक्षा-कर्मी (अस्थायी शिक्षक) के लिए 15,000 स्थायी शिक्षकों के पदों की रिक्ति की घोषणा कर रोजगार का भी सृजन किया. वहीं सीएम बघेल ने नरवा गरवा घुरवा बाड़ी (Narva Garva Ghurva Bari Scheme) योजना से विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की. इसके तहत गोबर खरीदी योजना अमल में लाई गई और गौशालाओं का निर्माण किया गया.
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पीसीसी चीफ के तौर पर भूपेश बघेल को मिली बड़ी जीत
पीसीसी चीफ के तौर पर भूपेश बघेल ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में रमन सिंह के खिलाफ जबरदस्त लड़ाई लड़ी. उन्होंने बीजेपी की रमन सरकार को कई मोर्चे पर घेरा. राज्य में सत्ताविरोधी लहर भांपकर कांग्रेस ने जनता से 36 वादे किये, जिसे जन घोषणा पत्र का नाम दिया गया. इन 36 वादों पर कांग्रेस साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरी थी.
11 दिसंबर 2018 को विधानसभा चुनाव के आए नतीजों के बाद कांग्रेस को 90 में से कुल 67 सीटें मिलीं. छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ के तौर पर भूपेश बघेल की यह बड़ी जीत थी. इसके बाद 6 दिनों तक कांग्रेस आलाकमान को सीएम पद के लिए फैसला लेने समय लगा. पार्टी आलाकमान ने भूपेश बघेल पर ही भरोसा जताया और बघेल ने सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा उपचुनावों (Chhattisgarh Assembly by Election) में भी कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज करते हुए तीन और विधायकों को विधानसभा भेजा. वर्तमान में कांग्रेस के विधायकों की संख्या विधानसभा में 70 है.
छत्तीसगढ़िया अस्मिता को मिली नई पहचान
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद धान और किसान के साथ ही छत्तीसगढ़िया अस्मिता को लेकर नए सिरे से काम किया गया. इसे लेकर लोगों में सरकार की ओर झुकाव दिख रहा है. राज्य में छत्तीसगढ़िया अस्मिता को लेकर सरकार ने 3 सालों में लोगों को जोड़ने की दिशा में काम किया. प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद तमाम छत्तीसगढ़िया त्योहारों को मुख्यमंत्री निवास में मनाते नजर आए हैं. छत्तीसगढ़ के तीज-त्योहारों पर राज्य सरकार की ओर से अवकाश भी दिये जाने लगे हैं. आदिवासियों पर दर्ज मामलों को हटाने की दिशा में भी काम किया गया. चिट फंड के निवेशकों को निवेश की रकम वापस दिलाने की ओर बघेल सरकार अग्रसर है.
बघेल कैबिनेट में सीएम समेत इन 13 मंत्रियों के पास है मंत्रालय
- भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री.
- टीएस सिंहदेव.
- ताम्रध्वज साहू.
- रविन्द्र चौबे.
- प्रेमसाय सिंह टेकाम.
- मोहम्मद अकबर.
- कवासी लखमा.
- डॉ. शिवकुमार डहरिया.
- अनिला भेड़िया.
- जयसिंह अग्रवाल.
- गुरु रुद्र कुमार.
- उमेश पटेल.
- अमरजीत भगत.