रायपुर: मरवाही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां क्षेत्र में सक्रिय हैं. चुनाव से ठीक पहले JCC(J) जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) दल को बड़ा झटका लगा है. जोगी परिवार के बेहद खास माने जाने वाले तीन नेताओं ने पार्टी को अलविदा कहा है. इनमें से दो नेता जनता काग्रेस छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेता हैं. तीनों ही नेता पार्टी आलाकमान के बेहद करीबी माने जाते रहें हैं. पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में पेंड्रा से शिवनारायण तिवारी, पंकज तिवारी और बिलासपुर से समीर अहमद ‘बबला’ शामिल हैं. तीनों ही नेताओं ने जोगी परिवार का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
चुनाव से ठीक पहले इन नेताओं के पार्टी छोड़ने से मरवाही में जोगी परिवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. जनता कांग्रेस से तीनों नेताओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पी एल पुनिया ने कांग्रेस प्रवेश कराया है. अमित जोगी ने इस मामले पर ट्वीट भी किया है.
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अमित जोगी ने किया ट्वीट
आदरणीय श्री शिव नारायण तिवारी मेरे बड़े पिताजी और श्री Sameer Ahmed Bab1 जी और श्री पंकज तिवारी मेरे भाई समान हैं।कठिन से कठिन समय में उन्होंने मेरे परिवार का साथ दिया था।।वे भले ही अब मेरे दल में नहीं हैं लेकिन मेरे दिल में सदैव रहेंगे। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ ।
राजनीतिक सलाहकार ने छोड़ा साथ
समीर अहमद बबला छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के राजनीतिक सलाहकार हैं. वहीं शिव नारायण तिवारी गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के जिला अध्यक्ष हैं. इनके अलावा पंकज तिवारी जिला मीडिया प्रभारी और नगर पंचायत उपाध्यक्ष हैं. पार्टी की कई जिम्मेदारियां भी चुनाव में इन्हें संभालनी थी.
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लगातार हो रहा पतन
छत्तीसगढ़ के प्रथम और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो रहे अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा की सीट खाली हुई थी. अजीत जोगी के निधन के बाद से पार्टी से लगातार नेता अलग हो रहे हैं. 22 जुलाई को भी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए अजीत जोगी के बेहद खास माने जाने वाले योगेश तिवारी ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की ओर से 2018 में उन्होंने बेमेतरा विधानसभा का चुनाव लड़ा था. अमित जोगी ने योगेश तिवारी के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए ट्वीट भी किया था. 10 जून को भी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए अजीत जोगी के बेहद खास माने जाने वाले ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने JCC(J) का साथ छोड़, कांग्रेस का दामन थाम लिया. हांलाकि कांग्रेस में भी ज्ञानेंद्र की वापसी से आक्रोश देखने को मिला था. जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब उनके मुख्य सलाहकारों और राजनीतिक मामलों में कार्यों के लिए ज्ञानेंद्र उपाध्याय का नाम शामिल था. JCCJ के फाउंडर सदस्य थे.